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नालंदा: बीड़ी श्रमिक अस्पताल का मंत्री श्रवण कुमार ने किया निरीक्षण, बदहाल व्यवस्था पर जताई नाराजगी

बिहार के ग्रामीण विकास और संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बीड़ी श्रमिक अस्पताल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल को देखकर गहरी नाराजगी जाहिर की और कहा कि अस्पताल हम लोगों की धरोहर है. इसे बचाने के लिए हम लोगों को प्रयास करना होगा.

बीड़ी श्रमिक अस्पताल का मंत्री ने किया निरीक्षण
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Published : Sep 19, 2019, 10:48 PM IST

नालंदाः बीड़ी श्रमिकों के बेहतर इलाज के लिए बिहार शरीफ के बियाबानी में बीड़ी श्रमिक अस्पताल बनाया गया था. जिसका शुभारंभ 2004 में रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने किया था. इस अस्पताल का निर्माण गरीब बीड़ी श्रमिकों के इलाज के लिए किया गया था. लेकिन अब यह अस्पताल खुद बीमार हो चुका है.

'बिहार शरीफ में खोला गया बीड़ी श्रमिक अस्पताल'
बिहार शरीफ में बीड़ी श्रमिकों की अच्छी तादाद होने के कारण यहां बीड़ी श्रमिक अस्पताल खोला गया था, ताकि श्रमिकों को इलाज के लिए पटना या अन्य स्थानों पर जाना नहीं पड़े. उन्हें बिहार शरीफ में ही समुचित इलाज मिल सके, फिलहाल स्थिति यह है कि इसका भवन तो बना हुआ है, लेकिन संसाधन कुछ भी नहीं है. एक दो डॉक्टर आते हैं और मरीजों को ओपीडी सेवा देने के बाद वापस लौट जाते हैं.

बीड़ी श्रमिक अस्पताल का मंत्री ने किया निरीक्षण

'संसदीय कार्य मंत्री ने जताई नाराजगी'
वहीं बिहार के ग्रामीण विकास और संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बीड़ी श्रमिक अस्पताल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल को देखकर गहरी नाराजगी जाहिर की और कहा कि अस्पताल हम लोगों की धरोहर है. इसे बचाने के लिए हम लोगों को प्रयास करना होगा. केंद्रीय श्रम संसाधन विभाग के अधीन इस अस्पताल को लेकर विभाग की अनदेखी पर मंत्री ने नाराजगी जताई और कहा कि वे शीघ्र ही इस मामले को लेकर भारत सरकार के मंत्री से मुलाकात करेंगे और इसकी अव्यवस्था को दूर कराने का काम करेंगे.

नालंदाः बीड़ी श्रमिकों के बेहतर इलाज के लिए बिहार शरीफ के बियाबानी में बीड़ी श्रमिक अस्पताल बनाया गया था. जिसका शुभारंभ 2004 में रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने किया था. इस अस्पताल का निर्माण गरीब बीड़ी श्रमिकों के इलाज के लिए किया गया था. लेकिन अब यह अस्पताल खुद बीमार हो चुका है.

'बिहार शरीफ में खोला गया बीड़ी श्रमिक अस्पताल'
बिहार शरीफ में बीड़ी श्रमिकों की अच्छी तादाद होने के कारण यहां बीड़ी श्रमिक अस्पताल खोला गया था, ताकि श्रमिकों को इलाज के लिए पटना या अन्य स्थानों पर जाना नहीं पड़े. उन्हें बिहार शरीफ में ही समुचित इलाज मिल सके, फिलहाल स्थिति यह है कि इसका भवन तो बना हुआ है, लेकिन संसाधन कुछ भी नहीं है. एक दो डॉक्टर आते हैं और मरीजों को ओपीडी सेवा देने के बाद वापस लौट जाते हैं.

बीड़ी श्रमिक अस्पताल का मंत्री ने किया निरीक्षण

'संसदीय कार्य मंत्री ने जताई नाराजगी'
वहीं बिहार के ग्रामीण विकास और संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने बीड़ी श्रमिक अस्पताल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल को देखकर गहरी नाराजगी जाहिर की और कहा कि अस्पताल हम लोगों की धरोहर है. इसे बचाने के लिए हम लोगों को प्रयास करना होगा. केंद्रीय श्रम संसाधन विभाग के अधीन इस अस्पताल को लेकर विभाग की अनदेखी पर मंत्री ने नाराजगी जताई और कहा कि वे शीघ्र ही इस मामले को लेकर भारत सरकार के मंत्री से मुलाकात करेंगे और इसकी अव्यवस्था को दूर कराने का काम करेंगे.

Intro:नालंदा। बीड़ी श्रमिकों को बेहतर इलाज के लिए बिहार शरीफ के बियाबानी में बीड़ी श्रमिक अस्पताल बनाया गया था । नालंदा के तत्कालीन सांसद एवं देश के रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के प्रयास से वर्ष 2004 में बीड़ी श्रमिक अस्पताल का शुभारंभ किया गया था। करोड़ों रुपए खर्च कर इस अस्पताल का निर्माण कराया गया था ताकि गरीब बीड़ी श्रमिकों का समुचित इलाज हो सके और बीमारियों से निजात मिल सके लेकिन यह अस्पताल आज खुद ही बीमार हो चुका है।
बिहार के ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री सरवन कुमार द्वारा आज बीड़ी श्रमिक अस्पताल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल को देखकर गहरी नाराजगी जाहिर की और कहा कि अस्पताल हम लोगों की धरोहर है इसे बचाने में हम लोगों को प्रयास करना होगा। केंद्रीय श्रम संसाधन विभाग के अधीन इस अस्पताल को लेकर विभाग की अनदेखी पर मंत्री ने नाखुशी जताया और कहा कि वे शीघ्र ही इस मामले को लेकर भारत सरकार के मंत्री से मुलाकात करेंगे और इसकी अव्यवस्था को दूर कराने का काम करेंगे।


Body:मालूम होगी वर्ष 2004 में इसका उद्घाटन के बाद से यह अस्पताल यूं ही विरान पड़ा रह रहा है। बिहार शरीफ में बीड़ी श्रमिकों की अच्छी तादाद होने के कारण यहां बीड़ी श्रमिक अस्पताल खोला गया था ताकि श्रमिकों को इलाज के लिए पटना या अन्य स्थानों पर जाना नहीं पड़े । उन्हें बिहारशरीफ में समुचित इलाज मिल सके लेकिन फिलहाल स्थिति यह है कि इसका भवन तो बना हुआ है लेकिन संसाधन कुछ भी नहीं है । एक दो डॉक्टर आते हैं और मरीजों को ओपीडी सेवा देने के बाद वापस लौट जाते हैं।
बाइट। श्रवण कुमार, मिनिस्टर


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