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नालंदा: खसरा रूबेला टीकाकरण कार्यशाला का आयोजन, DM ने कहा- जागरूकता है जरूरी - खसरा रूबेला टीकाकरण जागरूकता अभियान

जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने कहा कि खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान को लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है. जैसे पोलियो अभियान घर-घर तक प्रचलित हुआ था उसी तरह इसे भी प्रचारित करने की जरूरत है.

खसरा रूबेला टीकाकरण कार्यशाला
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Published : Oct 11, 2019, 9:56 PM IST

नालंदा: बिहारशरीफ के सदर अस्पताल में शुक्रवार को खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन नालंदा के जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने किया. कार्यशाला में जिलाधिकारी ने टीकाकरण के महत्व के बारे में बताया. साथ ही, अभियान के जरिए लोगों को जागरूक करने की बात कही.

WHO कर रहा सर्विलांस
जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने कहा कि खसरा रूबेला बीमारी बच्चों और गर्भवती माताओं को खासकर होती है. इस बीमारी का दूसरा रूप जर्मन रूबेला के नाम से जाना जाता है. इससे बचने के लिए बच्चों को इसका टीका देना जरूरी है. साथ ही, इस बीमारी के नियंत्रण के लिए सर्विलांस की जरूरत है जो कि डब्ल्यूएचओ की ओर से शुरू किया जा रहा है.

खसरा रूबेला टीकाकरण कार्यशाला का आयोजन

टीकाकरण का नहीं है कोई दुष्प्रभाव
जिलाधिकारी ने कहा कि इस टीकाकरण अभियान को लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है. जैसे पोलियो अभियान घर-घर तक प्रचलित हुआ था. उन्होंने टीके के बारे कहा कि यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. जिलाधिकारी का मानना है कि टीकाकरण के प्रति जो धारणा है, उसे बदलने की जरूरत है. उन्हें यह बताना होगा कि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है.

नालंदा: बिहारशरीफ के सदर अस्पताल में शुक्रवार को खसरा रूबेला टीकाकरण अभियान को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन नालंदा के जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने किया. कार्यशाला में जिलाधिकारी ने टीकाकरण के महत्व के बारे में बताया. साथ ही, अभियान के जरिए लोगों को जागरूक करने की बात कही.

WHO कर रहा सर्विलांस
जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने कहा कि खसरा रूबेला बीमारी बच्चों और गर्भवती माताओं को खासकर होती है. इस बीमारी का दूसरा रूप जर्मन रूबेला के नाम से जाना जाता है. इससे बचने के लिए बच्चों को इसका टीका देना जरूरी है. साथ ही, इस बीमारी के नियंत्रण के लिए सर्विलांस की जरूरत है जो कि डब्ल्यूएचओ की ओर से शुरू किया जा रहा है.

खसरा रूबेला टीकाकरण कार्यशाला का आयोजन

टीकाकरण का नहीं है कोई दुष्प्रभाव
जिलाधिकारी ने कहा कि इस टीकाकरण अभियान को लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है. जैसे पोलियो अभियान घर-घर तक प्रचलित हुआ था. उन्होंने टीके के बारे कहा कि यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. जिलाधिकारी का मानना है कि टीकाकरण के प्रति जो धारणा है, उसे बदलने की जरूरत है. उन्हें यह बताना होगा कि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है.

Intro:नालंदा। मीजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान को लेकर आज बिहारशरीफ के सदर अस्पताल में कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन नालंदा के जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह ने किया । इस मौके पर उन्होंने टीकाकरण के महत्व के बारे में बताया और लोगों से अच्छे से मॉनिटरिंग करने, इस टीकाकरण अभियान को लेकर लोगों को जागरूक करने की बात कही। खसरा रूबेला बीमारी का प्रकोप बहुत ही गंभीर स्थिति है, इससे प्रभावित बच्चों एवं गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य बहुत ही निम्न स्तर पर पहुंच जाता है। इसका दूसरा रूप जर्मेन रूबेला बीमारी है। इससे बचने के लिए बच्चों को खसरा रूबेला का दो डोज़ दिया जाना जरूरी है । साथ ही इस बीमारी के नियंत्रण के लिए केस बेस्ड सर्विलेंस की जरूरत है जो कि डब्ल्यूएचओ द्वारा वर्तमान में शुरू किया जा रहा है और इसको युद्ध स्तर पर लागू किए जाने की जरूरत है।


Body:जिलाधिकारी ने कहा कि यह टीकाकरण अभियान को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है क्योंकि पोलियो की तरह यह टीका अब तक पर चलित नहीं हुआ है उन्होंने कहा कि या पूरी तरह से सुरक्षित है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अभियान को लेकर सभी पंचायतों में 100 प्रतिशत सफलता होनी चाहिए । स्वास्थ्य के मामले को लेकर यह एक महत्वपूर्ण कदम है। लोगों को को टीकाकरण के प्रति जो धारणा है उसे बदलने की जरूरत है और यह बताना पड़ेगा कि इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
बाइट। योगेंद्र सिंह, जिलाधिकारी, नालंदा


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