नालंदा: बिहार के नालंदा में आंगनबाड़ी के बच्चों ने किसी पौधे से तोड़कर जहरीला फल खा (Many children ate poisonous fruit in Nalanda) लिया. इसके बाद सभी की हालत बिगड़ने लगी. करीब दो दर्जन बच्चे इस जहरीले फल को खाने के बाद बीमार हो गए हैं. यह घटना परबलपुर के बाना बीघा गांव की है. सभी बीमार बच्चों का एक निजी क्लीनिक में इलाज चल रहा है. इस घटना के बाद से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है. यह खबर सुनते ही लोग निजी क्लीनिक के पास बच्चों को देखने और माजरा समझने के लिए जमा हो गए हैं.
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सरकारी अस्पताल से नहीं आया एंबुलेंसः नालंदा के परवलपुर प्रखंड प्राथमिक विद्यालय बाना बीघा और आंगनबाड़ी के छात्रों ने स्कूल से छुट्टी के बाद घर जाने के क्रम में झाड़ी में लगा कुछ जहरीला फल खा लिया. इससे लगभग दो दर्जन छात्रों को उल्टी और चक्कर आने लगी. ग्रामीणों ने हो हल्ला करना शुरू कर दिया. इसके बाद सभी बच्चों को इलाज के लिए जब ग्रामीणों ने एंबुलेंस के लिए स्वास्थ केंद्र परवलपुर को फोन किया, तो एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया गया. मजबूरन सभी को परवलपुर के एक निजी क्लिक में भर्ती कराया गया है.
निजी क्लीनिक में चल रहा बच्चों का इलाजः निजी क्लीनिक में सभी का इलाज जारी है. फिलहाल, सभी की स्थिति सामान्य बताई जा रही है और मामला भी नियंत्रण में है. इसमें से अधिकांश बच्चे महादलित परिवार के हैं. उनका इलाज परवलपुर नगर पंचायत के उपमुख्य पार्षद अक्षय कुमार द्वारा कराया जा रहा है. घटना के पांच घंटा बाद सिविल सर्जन द्वारा एंबुलेंस भेजा गया, लेकिन सभी की सामान्य स्थिति को देखते हुए वहीं इलाजरत हैं. घटना के संबंध में बताया जाता है कि 19 बच्चे भर्ती हुए थे.
बादाम समझकर खा गए जहरीले फल का बीजः यह घटना लंच के टाइम तकरीबन 12:00 बजे की है. आंगनबाड़ी के पीछे एक जहरीले पौधे का पेड़ है. उसी का बीज बच्चे बादाम समझकर खा गए. इस कारण यह घटना हुई है. विद्यालय प्रशासन का कहना है कि विद्यालय में बाउंड्री नहीं होने के कारण बच्चे बाहर जाकर उस बीज को तोड़कर खाने लगे थे. उपमुख्यपार्षद ने बताया कि हमलोगों ने परवलपुर अस्पताल को इस घटना के बारे में सूचना दी. इसके बाद भी स्कूल पर कोई एंबुलेंस नहीं आया, ना ही कोई डाॅक्टर आया. मजबूरी में हमलोग एक निजी अस्पताल में बच्चों को भर्ती करवाए.
" हमलोगों ने परवलपुर अस्पताल को इस घटना के बारे में सूचना दी. इसके बाद भी स्कूल पर कोई एंबुलेंस नहीं आया, ना ही कोई डाॅक्टर आया. मजबूरी में हमलोग एक निजी अस्पताल में बच्चों को भर्ती करवाए"- अक्षय कुमार, उपमुख्यपार्षद, परवलपुर नगर पंचायत, नालंदा