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जन्मदिन पर याद किए गए लुइस ब्रेल, लोगों ने कहा-नेत्रहीनों के प्रति सोच बदले समाज

नालंदा कॉलेज के प्रोफेसर आर पी कछवेय ने कहा कि दृष्टिहीन दया के पात्र नहीं है बल्कि सकारात्मक सोच और सहयोग की जरूरत है. वहीं, छपरा में सारण प्रमंडलीय नेत्र हीन संघ की तरफ से सेवा सदन नेत्रहीन विद्यालय में ब्रेल का जन्मदिन मनाया गया.

NALANDA
लुइस ब्रेल
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Published : Jan 5, 2020, 6:14 AM IST

नालंदा/छपराः राज्य के अलग-अलग हिस्सो में लुइस ब्रेल की जयंती मनाई गई. ब्रेल लिपि के आविष्कारक और दृष्टिहीनों को नया जीवन देने वाले लुइस ब्रेल की 211वीं जयंती सह ब्रेल दिवस नालंदा कॉलेज में मनाया गया. इस मौके पर उनके चित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित किया गया.

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि ब्रेल लिपि दृष्टिहीनों के लिए वरदान साबित हुई है. प्रोफेसर आर पी कछवेय ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि नेत्रहीनों के प्रति नकारात्मक सोच को बदलना चाहिए. दृष्टिहीन दया के पात्र नहीं है बल्कि सकारात्मक सोच और सहयोग की जरूरत है. लुइस ब्रेल जैसे प्रखर व्यक्तित्व के कारण ही आज नेत्रहीन ज्ञान की ज्योति जला रहे हैं.

नालंदा कॉलेज में मनाया गया ब्रेल दिवस

दिव्यांग बच्चों ने गायन से किया मंत्र मुग्ध
वहीं, छ्परा में सारण प्रमंडलीय नेत्र हीन संघ की तरफ से सेवा सदन नेत्रहीन विद्यालय में ब्रेल का जन्मदिन मनाया गया. इस अवसर पर जेपी विश्व विद्यालय के कुलपति हरिकेश सिंह सहित कई अधिकारी उपस्थित थे. इस मौके पर कुलपति ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. वहीं, दिव्यांग बच्चों ने सरस्वती वंदना और अन्य गीत गाकर लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया. इस मौके पर लुइस ब्रेल के जीवन पर वक्ताओं ने प्रकाश डालते हुए उनके संघर्ष को बताया.

छपरा से ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

शिक्षक ने उठाया भ्रष्टाचार का मुद्दा
वहीं, सेवा सदन में आयोजित समारोह मे एक शिक्षक ने विद्यालय से जुड़े भ्रष्टाचार के कई मुद्दे भी उठाये. उन्होंने विद्यालय के बच्चों के साथ मारपीट का आरोप भी लगाया. वहीं, कुलपति ने बताया कि दिव्यांगो के लिए सरकार बहुत कुछ कर रही है. इस तरह के लोगों की शिक्षा और ट्रेनिंग करा कर इन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने का प्रयास है. वहीं, मौके पर उपस्थित लोगों ने कुलपति से हॉस्टल और पुस्तकालय की मांग की.

नालंदा/छपराः राज्य के अलग-अलग हिस्सो में लुइस ब्रेल की जयंती मनाई गई. ब्रेल लिपि के आविष्कारक और दृष्टिहीनों को नया जीवन देने वाले लुइस ब्रेल की 211वीं जयंती सह ब्रेल दिवस नालंदा कॉलेज में मनाया गया. इस मौके पर उनके चित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित किया गया.

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि ब्रेल लिपि दृष्टिहीनों के लिए वरदान साबित हुई है. प्रोफेसर आर पी कछवेय ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि नेत्रहीनों के प्रति नकारात्मक सोच को बदलना चाहिए. दृष्टिहीन दया के पात्र नहीं है बल्कि सकारात्मक सोच और सहयोग की जरूरत है. लुइस ब्रेल जैसे प्रखर व्यक्तित्व के कारण ही आज नेत्रहीन ज्ञान की ज्योति जला रहे हैं.

नालंदा कॉलेज में मनाया गया ब्रेल दिवस

दिव्यांग बच्चों ने गायन से किया मंत्र मुग्ध
वहीं, छ्परा में सारण प्रमंडलीय नेत्र हीन संघ की तरफ से सेवा सदन नेत्रहीन विद्यालय में ब्रेल का जन्मदिन मनाया गया. इस अवसर पर जेपी विश्व विद्यालय के कुलपति हरिकेश सिंह सहित कई अधिकारी उपस्थित थे. इस मौके पर कुलपति ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. वहीं, दिव्यांग बच्चों ने सरस्वती वंदना और अन्य गीत गाकर लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया. इस मौके पर लुइस ब्रेल के जीवन पर वक्ताओं ने प्रकाश डालते हुए उनके संघर्ष को बताया.

छपरा से ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

शिक्षक ने उठाया भ्रष्टाचार का मुद्दा
वहीं, सेवा सदन में आयोजित समारोह मे एक शिक्षक ने विद्यालय से जुड़े भ्रष्टाचार के कई मुद्दे भी उठाये. उन्होंने विद्यालय के बच्चों के साथ मारपीट का आरोप भी लगाया. वहीं, कुलपति ने बताया कि दिव्यांगो के लिए सरकार बहुत कुछ कर रही है. इस तरह के लोगों की शिक्षा और ट्रेनिंग करा कर इन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने का प्रयास है. वहीं, मौके पर उपस्थित लोगों ने कुलपति से हॉस्टल और पुस्तकालय की मांग की.

Intro:दृष्टिहीनों के लिए वरदान है लुइस ब्रेल लिपि मनाई गई लुइस ब्रेल की जयंती नालंदा। लुइस ब्रेल विश्व के अनोखे और बहुप्रतिभा के धनी थे। उन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार का दृष्टिहीन को नया जीवन प्रदान करने का काम किया। लुइस ब्रेल के 211वे जयंती सह ब्रेल दिवस पर आज नालंदा कॉलेज में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया और लुइस ब्रेल को याद किया गया। इस मौके पर उन्हें उनके चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि लुइस ब्रेल ने दृष्टिहिनो के लिए लिखने और पढ़ने की प्रणाली विकशित की जो ब्रेल नाम से प्रसिद्ध है।


Body:वक्ताओ ने कहा कि नेत्रहीनों के प्रति नकारात्मक सोच समाज को बदलना चाहिए। दृष्टिहीनों को दया के पात्र नहीं बल्कि सकारात्मक सोच एवं सहयोग की जरूरत है । लुइस ब्रेल जैसे प्रखर व्यक्तित्व के कारण ही आज नेत्रहीन अपने ज्ञान की ज्योति जला रहे हैं । उन्होंने छह बिंदु को आधार बनाकर ब्रेल लिपि को बनाया । इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन हमेशा किए जाने की बात कही।


Conclusion:इस मौके पर लोगों ने ब्रेल लुइस को याद किया और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया। बाइट। प्रो आर पी कछवेय
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