नालंदा: किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र ने 6 साल की बच्ची से अप्राकृतिक यौनाचार और दुष्कर्म के मामले में सिर्फ 9 दिन में सजा सुना दी. उन्होंने दोषी किशोर को दुष्कर्म मामले में 3 साल, अप्राकृतिक यौनाचार मामले में 3 साल और पॉक्सो अधिनियम में 3 साल की सजा सुनाई है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
26 जुलाई को हुई थी घटना
घटना नूरसराय थाना क्षेत्र के एक गांव में बीते 26 जुलाई 2020 को घटी थी. पड़ोसी किशोर ने बहला-फुसलाकर 6 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था. जज मानवेंद्र मिश्र ने डे-टू-डे सुनवाई करते हुए पूरी गवाही और बहस सिर्फ 9 दिन में पूरी की और फैसला सुना दिया. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजन पदाधिकारी राजेश पाठक, जयप्रकाश और कौशल कुमार ने बहस की.
अन्य बच्ची के साथ भी किशोर ने किया था अपराध
"26 जुलाई 2020 को दोपहर 12:30 बजे पीड़िता घर के बाहर दरवाजे के निकट खेल रही थी तभी आरोपी किशोर आया और उसे बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया. घर के ऊपर वाले कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. घटना के बाद पीड़िता रोते हुए घर आई और अपनी मां को घटना की जानकारी दी. किशोर ने पहले भी इस तरह का अपराध अन्य बच्ची के साथ किया था, लेकिन लोक-लाज के डर से लोगों ने उसे उजागर नहीं किया था. मुझे लगता है कि बिहार का यह पहला मामला है जिसमें स्पीडी ट्रायल कर इतनी जल्दी सजा दी गई. कोर्ट ने दोषी को अधिकतम सजा दी है."- राजेश पाठक, अधिवक्ता
घटना के समय पुलिस ने खून सना कपड़ा और प्लास्टिक का बोरा जब्त किया था. उसे जांच के लिए एफएसएल भेजा गया था. जांच में मानव का खून पाया गया था. किशोर ने अपने बचाव में पुरानी दुश्मनी बताते हुए दो गवाहों की गवाही कराई थी.