नालंदा : नालंदा जिले के के सोहसराय थाना क्षेत्र में जनवरी में जहरीली शराब से 12 लोगों की मौत हो गई थी और दो लोगों ने आंखों की रोशनी गंवाई थी. इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने एसपी अशोक मिश्रा को शो कॉज नोटिस भेजा है (show cause notice to Nalanda SP Ashok Mishra). आयोग ने नालंदा एसपी से स्पष्टीकरण की मांग की है.
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परिजनों को 3-3 लाख रुपये मुआवजा को लेकर किया सवाल : आयोग ने पूछा है कि क्यों नहीं शराब कांड को पुलिस की विफलता मानते हुए, मृतक के परिजनों को 3-3 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए. आयोग ने चार सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है. बता दें कि सोहसराय थाना की छोटी पहाड़ी, मंसूर नगर, शृंगारहाट में मकर संक्रांति के दिन स्थानीय धंधेबाजों से लोगों ने शराब खरीदकर पी थी. आधी रात के बाद शराब सेवन करने वालों की तबीयत बिगड़ने लगी. अगली सुबह से मौत का सिलसिला शुरू हो गया.
मृतकों के परिजन हैं दाने-दाने को मोहताज : इस जहरीली शराब कांड में सोहसराय थाने में कुल 6 केस दर्ज हुए हैं. जिनमें 8 लोगों पर हत्या की धारा के तहत केस हुआ. जांच के दौरान इसमें 11 अप्राथमिकी अभियुक्त बनाए गए. जिसके साथ हत्यारोपियों की संख्या 19 हो गई. मुख्य आरोपी मैडम सुनीता समेत दर्जनभर की गिरफ्तारी हो चुकी है. धंधेबाजों का मकान सरकारी भूमि में बना था. जिसे जिला प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया. मृतकों के परिजन दाने-दाने को मोहताज हैं. सभी मृतक मजदूर तबके के थे. उनकी कमाई से घर चलता था. घटना के बाद से परिवार जिला प्रशासन से मुआवजा की गुहार लगा रहा है. हालांकि, जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया था कि इसमें मुआवजा का प्रावधान नहीं है.
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