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नालंदा: 16 मार्च से स्वास्थ्यकर्मी करेंगे कार्य का बहिष्कार, 'वेतन नहीं तो काम नहीं' का दिया नारा

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Published : Mar 15, 2021, 12:47 PM IST

बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला शाखा नालंदा के सामान्य परिषद की बैठक सदर अस्पताल बिहारशरीफ के प्रांगण में उपाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई.

Bihar medical and public health staff meeting
Bihar medical and public health staff meeting

नालंदा: बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला शाखा नालंदा के सामान्य परिषद की बैठक सदर अस्पताल बिहारशरीफ के प्रांगण में उपाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इस दौरान उपाध्यक्ष ने कोरोना काल से लेकर अब तक योद्धा की तरह काम कर रहे स्वास्थ विभाग के तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की सराहना की. वहीं इनके बकाया वेतन को लेकर खेद जताया.

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राजेश कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना काल में जब सारे निजी संस्थानों ने अपने हाथ खड़े कर दिए तो इस परिस्थिति में कोरोना मरीजों की सेवा करना, दवा देना, जांच करना और फिलहाल कोरोना वैक्सीन देने जैसे कार्य स्वास्थ्य विभाग के तृतीय और चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों द्वारा ही किया जा रहा है. लेकिन दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि विगत कई वर्षों से बिहार के स्वास्थ्य कर्मियों का खासकर महिला कर्मियों का वेतन भुगतान छह से सात माह तक बकाया रह जाता है.

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करेंगे कार्य बहिष्कार
वहीं कर्मचारी संघ के जिला मंत्री संजय कुमार ने कहा कि वित्तीय वर्ष समाप्ति की कगार पर है. लेकिन अभी तक पर्याप्त आवंटन की व्यवस्था नहीं की गई है. ससमय वेतन का भुगतान नहीं होने के कारण, वेतन बकाया रह जाने के कारण कई स्वास्थ्य कर्मी भुखमरी के शिकार हो रहे हैं. उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से जूझना पड़ता है. इन समस्याओं के समाधान के लिए बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने अपने आपातकालीन बैठक में यह निर्णय लिया है, कि यदि 15 मार्च तक पर्याप्त आवंटन उपलब्ध नहीं कराया गया तो बाध्य होकर 16 मार्च से 'वेतन नहीं तो काम नहीं' के सिद्धांत के तहत स्वास्थ्य विभाग के कर्मी हाजिरी बनाकर कार्य का बहिष्कार करेंगे.

नालंदा: बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला शाखा नालंदा के सामान्य परिषद की बैठक सदर अस्पताल बिहारशरीफ के प्रांगण में उपाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इस दौरान उपाध्यक्ष ने कोरोना काल से लेकर अब तक योद्धा की तरह काम कर रहे स्वास्थ विभाग के तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की सराहना की. वहीं इनके बकाया वेतन को लेकर खेद जताया.

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राजेश कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना काल में जब सारे निजी संस्थानों ने अपने हाथ खड़े कर दिए तो इस परिस्थिति में कोरोना मरीजों की सेवा करना, दवा देना, जांच करना और फिलहाल कोरोना वैक्सीन देने जैसे कार्य स्वास्थ्य विभाग के तृतीय और चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों द्वारा ही किया जा रहा है. लेकिन दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि विगत कई वर्षों से बिहार के स्वास्थ्य कर्मियों का खासकर महिला कर्मियों का वेतन भुगतान छह से सात माह तक बकाया रह जाता है.

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करेंगे कार्य बहिष्कार
वहीं कर्मचारी संघ के जिला मंत्री संजय कुमार ने कहा कि वित्तीय वर्ष समाप्ति की कगार पर है. लेकिन अभी तक पर्याप्त आवंटन की व्यवस्था नहीं की गई है. ससमय वेतन का भुगतान नहीं होने के कारण, वेतन बकाया रह जाने के कारण कई स्वास्थ्य कर्मी भुखमरी के शिकार हो रहे हैं. उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से जूझना पड़ता है. इन समस्याओं के समाधान के लिए बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने अपने आपातकालीन बैठक में यह निर्णय लिया है, कि यदि 15 मार्च तक पर्याप्त आवंटन उपलब्ध नहीं कराया गया तो बाध्य होकर 16 मार्च से 'वेतन नहीं तो काम नहीं' के सिद्धांत के तहत स्वास्थ्य विभाग के कर्मी हाजिरी बनाकर कार्य का बहिष्कार करेंगे.

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