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अनोखा हेलमेट, बिना पहने न तो बाइक स्टार्ट होगी न ही ओवरलोडिंग कर पायेंगे

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Published : Nov 9, 2022, 7:26 PM IST

पटना के इंजीनियरिग के एक छात्र ने एक अनोखा इलेक्ट्रॉनिक हेलमेट तैयार किया है. यह हेलमेट हादसों की संख्या कम करेगा, साथ ही चालकों को यातायात नियमों को पालन करने के लिए भी मजबूर करेगा. इसके अलावा वाइक चोरी में भी कारगर है. पढ़ें पूरी खबर..

इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हेलमेट
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हेलमेट

नालंदाः सड़क हादसों में बिहार में हर साल हजारों लोगों की मौत (Road Accident In Bihar) हो जा रही है. इन मौतों में बड़ी संख्या बाइक सवारों की है. इन हादसों में मौतों की मुख्य वजह बाइक सवारों के द्वारा हेलमेट नहीं पहनना. इन हादसों में मौतों को रोकने के लिए पटना के एक इंजीनियरिंग छात्र ने एक इलेक्ट्रॉनिक हेलमेट (Electronic Helmet Will Prevent Road Accident) बनाया है. सामान्य हेलमेट की तुलना में चंद सौ रुपया अधिक लागत है. मंगलवार को नालंदा में यातायात पुलिस के सहयोग से इस हेलमेट के उपयोग के लिए लोगों को जागरूक किया गया.

ये भी पढ़ें-बेगूसराय में ट्रक ने बाइक सवार तीन बारातियों को कुचला, 2 की दर्दनाक मौत

"पटना के ट्रैफिक एसपी के आदेश पर छात्र को लोगों को जागरूक करने के लिए भेजा गया है. इस हेलमेट की खासियत बहुत है. जान बचाने के लिए हेलमेट जरूर पहनें. ऐसे तो हेलमेट लोग लगाते ही हैं, लेकिन इस हेलमेट को पहनने से गाड़ी पूरी तरह सुरक्षित होगी और चोर गाड़ी को लेकर भागने में सफल नहीं होंगे. कहा जाए तो यह हेलमेट नहीं एक सुरक्षा कवच है."- अरुण कुमार सिंह, ट्रैफिक डीएसपी

क्या है हेलमेट की खासियतः बिना हेलमेट पहने बाइक स्टार्ट नहीं होगा. हेलमेट डिवाइस गाड़ी से कनेक्ट करने के बाद काम करेगा. इसके बाद बाइक पर केवल दो ही लोग सवार हो सकते हैं. अगर गलती से ट्रिपल लोडिंग रहेग तो बाइक स्टार्ट ही नहीं होगी. अगर बाइक स्टार्ट कर उसपर 3 लोग बैठेंगे तो बाइक ऑटोमेटिक बंद हो जायेगा. इसके अलावा रेड सिग्नल पर जाने के बाद गाड़ी ऑटोमेटिक बंद हो जाएगी. वहीं कोई व्यक्ति डुप्लीकेट चाभी से इसे स्टार्ट करना चाहे तो स्टार्ट नहीं कर पायेगा. कुल मिलाकर माना जाए तो यह हेलमेट पूरी तरह से सेफ है. ट्रैफिक डीएसपी ने बताया कि इस हेलमेट की कीमत भी बाजार में काफी कम बताई जा रही.

इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हेलमेट जल्द बाजार में आगेगाः नालंदा के ट्रैफिक डीएसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि सड़क हादसे, बाइक चोरी जैसी समस्याओं से निपटने के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हेलमेट बिहार के इंजीनियर्स तैयार कर रहे हैं. इंजीनियरों को इसे तैयार करने में काफी हद तक सफलता मिल गई है. बाजार में व्यावसायिक रूप से आने में एक से दो साल का समय लगने का अनुमान है. नये किस्म के इस हेलमेट को लेकर नालंदा मुख्यालय बिहार शरीफ के अस्पताल चौक पर लोगों के बीच जागरूक करने के लिए पटना के एक छात्र ने डेमो दिया. डेमो के दौरान हेलमेट को और बेहतर बनाने के लिए लोगों से सुझाव भी लिया गया. हालांकि अभी बाजार में यह हेलमेट नहीं आया है, लेकिन जल्द आ जाएगा.

ये भी पढ़ें-पूर्णिया में टक्कर में बाइक सवार युवक की मौत, आक्रोशित लोगों ने फूंकी कार, देखें VIDEO

नालंदाः सड़क हादसों में बिहार में हर साल हजारों लोगों की मौत (Road Accident In Bihar) हो जा रही है. इन मौतों में बड़ी संख्या बाइक सवारों की है. इन हादसों में मौतों की मुख्य वजह बाइक सवारों के द्वारा हेलमेट नहीं पहनना. इन हादसों में मौतों को रोकने के लिए पटना के एक इंजीनियरिंग छात्र ने एक इलेक्ट्रॉनिक हेलमेट (Electronic Helmet Will Prevent Road Accident) बनाया है. सामान्य हेलमेट की तुलना में चंद सौ रुपया अधिक लागत है. मंगलवार को नालंदा में यातायात पुलिस के सहयोग से इस हेलमेट के उपयोग के लिए लोगों को जागरूक किया गया.

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"पटना के ट्रैफिक एसपी के आदेश पर छात्र को लोगों को जागरूक करने के लिए भेजा गया है. इस हेलमेट की खासियत बहुत है. जान बचाने के लिए हेलमेट जरूर पहनें. ऐसे तो हेलमेट लोग लगाते ही हैं, लेकिन इस हेलमेट को पहनने से गाड़ी पूरी तरह सुरक्षित होगी और चोर गाड़ी को लेकर भागने में सफल नहीं होंगे. कहा जाए तो यह हेलमेट नहीं एक सुरक्षा कवच है."- अरुण कुमार सिंह, ट्रैफिक डीएसपी

क्या है हेलमेट की खासियतः बिना हेलमेट पहने बाइक स्टार्ट नहीं होगा. हेलमेट डिवाइस गाड़ी से कनेक्ट करने के बाद काम करेगा. इसके बाद बाइक पर केवल दो ही लोग सवार हो सकते हैं. अगर गलती से ट्रिपल लोडिंग रहेग तो बाइक स्टार्ट ही नहीं होगी. अगर बाइक स्टार्ट कर उसपर 3 लोग बैठेंगे तो बाइक ऑटोमेटिक बंद हो जायेगा. इसके अलावा रेड सिग्नल पर जाने के बाद गाड़ी ऑटोमेटिक बंद हो जाएगी. वहीं कोई व्यक्ति डुप्लीकेट चाभी से इसे स्टार्ट करना चाहे तो स्टार्ट नहीं कर पायेगा. कुल मिलाकर माना जाए तो यह हेलमेट पूरी तरह से सेफ है. ट्रैफिक डीएसपी ने बताया कि इस हेलमेट की कीमत भी बाजार में काफी कम बताई जा रही.

इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हेलमेट जल्द बाजार में आगेगाः नालंदा के ट्रैफिक डीएसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि सड़क हादसे, बाइक चोरी जैसी समस्याओं से निपटने के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हेलमेट बिहार के इंजीनियर्स तैयार कर रहे हैं. इंजीनियरों को इसे तैयार करने में काफी हद तक सफलता मिल गई है. बाजार में व्यावसायिक रूप से आने में एक से दो साल का समय लगने का अनुमान है. नये किस्म के इस हेलमेट को लेकर नालंदा मुख्यालय बिहार शरीफ के अस्पताल चौक पर लोगों के बीच जागरूक करने के लिए पटना के एक छात्र ने डेमो दिया. डेमो के दौरान हेलमेट को और बेहतर बनाने के लिए लोगों से सुझाव भी लिया गया. हालांकि अभी बाजार में यह हेलमेट नहीं आया है, लेकिन जल्द आ जाएगा.

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