नालंदा: बिहार के नालंदा सदर अस्पताल (Nalanda Sadar Hospital) के डॉक्टर का अटेंडेंस पिछले एक महीने से बायोमेट्रिक मशीन से दर्ज किया जा रहा था. सोमवार को डॉक्टरों ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगाने से मना कर दिया और विरोध में कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी. डॉक्टरों के ड्यूटी पर नहीं जाने से अस्पताल का काम ठप पड़ गया. ऐसे में डॉक्टरों की जिद के आगे अस्पताल प्रशासन को झुकना पड़ा और हाजिरी रजिस्टर पर उनका अटेंडेस रिकार्ड किया गया. इसके बाद ही डॉक्टर काम पर वापस लौटे.
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सिविल सर्जन ने डॉक्टरों के साथ की बैठक: इससे पहले सदर अस्पताल में स्ट्राइक की सूचना मिलते ही सिविल सर्जन डॉक्टर अविनाश कुमार ने विरोध कर रहे डॉक्टरों को मीटिंग के लिए अपने चैंबर में बुलाया और उनसे चर्चा की. सर्जन ने डॉक्टरों को काम पर वापस लौटने के लिए समझाया. उनका कहना है कि सरकार की गाइ़डलाइन के अनुसार ही काम करना होगा.
हाजिरी रजिस्टर मिलने पर ड्यूटी लौटे डॉक्टर: डॉक्टरों के जिद के आगे अस्पताल प्रशासन को हाजिरी रजिस्टर वापस लौटाना पड़ा. जिसके बाद डॉक्टरों ने हाजिरी लगायी और काम पर वापस लौटे. हालांकि, जब डॉक्टरों से जब बायोमेट्रिक अटेंडेंस का विरोध करने को लेकर कारण पूछा गया तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ लिया.
बायोमेट्रिक अटेंडेंस का बहिष्कार: नालंदा सदर अस्पताल के डॉक्टर बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगाने का बहिष्कार कर रहे हैं. मामले को लेकर डॉ. राजीव रंजन ने कहा कि सीएस और डीएस मनमानी कर रहे हैं. अटेंडेंस रजिस्टर को जब्त कर लिया है. जिस कारण बहुत समस्याएं हो रही है. पिछले एक महीने से रजिस्टर सीएस डॉ. अविनाश कुमार के पास रखा हुआ था.
"बायोमीट्रिक से ये अपना उपस्थिति दर्ज नहीं कराना चाहते. जबकि सरकार से निर्देश था कि इनकी उपस्थिति बायोमेट्रिक से दर्ज होनी चाहिए. जिसका ये लोग विरोध कर रहे हैं. उनकी मांग अटेंडेंस रिजस्टर पर उपस्थित दर्ज कराने का है. बैठक में हमने फिलहाल रजिस्टर से अटेंडेंस लगाने की अनुमति दी है. सरकार का नियम पालन करना यदि मनमानी है तो ये ही सही" -डॉक्टर अविनाश कुमार, सिविल सर्जन, नालंदा