नालंदा: जिले में वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे के अवसर पर डॉक्टरों ने कैंपेन का आयोजन किया. जिसमें हड्डी और नस रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कुमार अमरदीप नारायण और डॉ रश्मि नारायण ने लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस रोगों के लक्षण के बारे में अवगत कराया. वहीं, डॉक्टरों ने जानकारी देते हुए बताया कि अकारण हड्डियों का टूटना बुजुर्गों का रोग समझा जाता है. लेकिन अब यह रोग युवाओं में भी देखने को मिल रहा है. यह हड्डियों में कैल्शियम और इसके प्रमुख अवयवों फास्फोरस, सिलिकॉन, जिंक आदि की कमी के कारण होने वाले ऑस्टियोपोरोसिस रोग का लक्षण है.
विटामिन डी की कमी से होता रोग
बता दें कि विटामिन डी और कैल्सीटोनिन हार्मोन के असंतुलन से भी हड्डियां कमजोर पड़ जाती है. समय रहते इसकी पहचान हो जाने पर उसका इलाज आसान हो जाता है. कई प्रकार की दवाओं के सेवन करने से भी हड्डियां कमजोर होती है. हड्डियों का बिना वजह टूटना या हल्की चोट लगने पर भी चटक जाना हड्डियों के कमजोर होने की निशानी है.
कैल्शियम युक्त भोजन का प्रयोग
हड्डी और नस रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कुमार अमरदीप नारायण ने बताया कि हर व्यक्ति को हड्डियों को मजबूत रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी और कैल्शियम युक्त भोजन का प्रयोग करना चाहिए. कैफीन की अधिक मात्रा, नमक की अधिक मात्रा, मद्य सेवन हड्डियों को कमजोर बनाता है. बुजुर्गों में कम सघनता वाली हड्डियां पाई जाती है. वहीं, इस रोग का बीएमडी जांच के जरिए पता लगाया जा सकता है, जिससे इस रोग के बढ़ रहे मरीजों की संख्या में कमी आएगी.
बचाव ही बेहतर इलाज
वहीं, डॉ रश्मि नारायण ने बताया कि रबर के तले वाले जूते पहनने चाहिए, नियमित व्यायाम करना चाहिए. क्योंकि इस रोग में बचाव ही इलाज से बेहतर तरीका है.