नालंदा: जिला निर्वाचन अधिकारी योगेंद्र सिंह ने गुरुवार को आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक की. बैठक में विभिन्न कोषांग के वरीय और नोडल अधिकारियों ने चुनाव की तैयारियों की जानकारी दी. भारत निर्वाचन आयोग की ओर से आगामी चुनाव में कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए 80 साल से अधिक आयु के मतदाता, पीडब्ल्यूडी श्रेणी के मतदाता, गर्भवती महिलाएं और कोविड-19 से संक्रमित मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान का विकल्प दिया गया है.
निर्वाची अधिकारियों की बैठक
पोस्टल बैलट कोषांग को इन सभी श्रेणी के मतदाताओं को संबंधित निर्वाची अधिकारी के स्तर से इस आशय की जानकारी देते हुए पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान की संपूर्ण प्रक्रिया के बारे में जानकारी युक्त पेंपलेट और पत्र भेजने का निर्देश दिया गया. इसका उद्देश्य यह है कि सभी अर्हता प्राप्त मतदाताओं को इस व्यवस्था के बारे में पहले से जानकारी हो. जिससे वह अपनी इच्छा के अनुसार पोस्टल बैलट के विकल्प को चुनते हुए आवश्यक प्रक्रिया का अनुपालन ससमय कर सकें. पीडब्ल्यूडी कोषांग को सभी सहायक निर्वाचक निबंधन अधिकारी और बीएलओ के माध्यम से सभी पीडब्ल्यूडी श्रेणी के मतदाताओं को मतदाता सूची में चिन्हित करने की कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. अभी तक लगभग 15500 पीडब्ल्यूडी मतदाताओं को मतदाता सूची में चिन्हित किया गया है. सूची के आधार पर जरूरतमंद मतदाताओं के लिए व्हीलचेयर की टैगिंग संबंधित बूथ के साथ सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया.
चुनाव की तैयारियों की हुई चर्चा
वाहन कोषांग को विभिन्न श्रेणी के वाहनों की व्यवस्था कोविड-19 के लिए लागू गाइडलाइन के अनुरूप सुनिश्चित करने को कहा गया. प्रशिक्षण कोषांग को पहले चरण के प्रशिक्षण में किसी कारण से छूट गए कर्मियों के लिए अलग से प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया. कोविड-19 कोषांग को सभी कर्मियों को कोविड-19 से संबंधित गाइडलाइन के बारे में जानकारी देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया. नामांकन कोषांग को सभी आवश्यक प्रपत्र का समय से मुद्रण की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. सामग्री कोषांग को विभिन्न सामग्रियों की सूची के साथ-साथ उसके उपयोग की जानकारी से युक्त एक पंपलेट सामग्री किट के साथ मतदान दल को उपलब्ध कराने की व्यवस्था करने को कहा गया. सभी मतदान केंद्र पर उपलब्ध सुनिश्चित न्यूनतम मूलभूत सुविधा का भौतिक सत्यापन करते हुए कमियों को समय पर दूर करने का निर्देश दिया गया.