नालंदा: बिहार के नालंदा जिले के लहेरी थाना में 3 नवंबर को नरेंद्र कुमार चौधरी नामक एक व्यक्ति ने बेटे के अपहरण की शिकायत दर्ज करायी. दर्ज शिकायत में बताया कि 2 नवंबर की शाम उनका बेटा सिक्कू घर से निकला था, उसके बाद नहीं लौटा. 3 नवंबर की सुबह 11:30 बजे उसके नंबर से एक लाख रुपए फिरौती के लिए कॉल आया था. फोन करने वाले ने धमकी दी कि बेटा हमारे कब्जे में है. फिरौती का पैसा कैसे देना है यह फोन पर बता दिया जाएगा.
पुलिस से की शिकायतः जिसके बाद नरेंद्र कुमार चौधरी डरे सहमे हुए थाना में शिकायत की. लहेरी थाना पुलिस शिकायत मिलने के बाद फौरन हरकत में आई. अपहृत का सुराग पता लगाने के लिए घटना में इस्तेमाल मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर डाला. 4 नवंबर की सुबह 6:30 अपराधियों ने फोन कर फिरौती की रकम नवादा के रजौली घाटी पहुंचाने को कहा. अकेले आने की सख्त हिदायत दी थी. इसके अलावा बस पर बैठने के बाद उसका नंबर व्हाट्सएप करने को कहा.
फिरौती के लिए फोन आयाः नरेंद्र चौधरी ने थाना को सूचित किया. इसके बाद टीम गठित कर अपराधियों की गिरफ्तारी की योजना बनायी गयी. नरेंद्र चौधरी 65 हजार रुपए एक बैग में भरकर बस में बैठ गया. पुलिस भी सादे लिबास में बस पर बैठ गई. जैसे ही बस पावापुरी पहुंची उसे दुबारा फोन आया कि रजौली नहीं जाना है पावापुरी ही उतर जाओ. सड़क किनारे रखे ब्लू रंग के डस्टबिन में पैसा रख कर वापस बिहारशरीफ लौट जाना. रामचंद्र बस स्टैंड में तुम्हारा बेटा मिल जाएगा. नरेंद्र ने ऐसा ही किया.
पुलिस ने किया गिरफ्तारः सादे लिबास में पुलिस की टीम डस्टबिन के आसपास जाने आने वाले लोगों पर नज़र बनाए रखी. एक घंटे बाद एक युवक डस्टबिन में पैसा ढूंढने पहुंचा. पुलिस ने हिरासत में ले लिया. पूछताछ करने पर गिरफ़्तार युवक ने अपना नाम सिक्कू कुमार बताया. जिसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली. उसे गिरफ्तार कर थाने लेते आयी. सिक्कू ने बताया कि वह वीडियो गेमिंग एप बनाना चाहता था. जिसका खर्च 70 हज़ार रुपए आ रहा था. इसके लिए उसने अपने अपहरण की झूठी साज़िश रची थी.
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