नालंदा: बिहार के नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ स्थित सदर अस्पताल में एक निजी स्कूल के हॉस्टल में रहने वाले 12 वर्षीय छात्र की इलाज के दौरान मौत हो गई. बताया जाता है कि छात्र को सदर अस्पताल लाने से पहले झोलाछाप डॉक्टर ने दवाई दी थी, गलत इलाज होने से छात्र की तबीयत बिगड़ गई और छात्र की मौत हो गई.
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गलत इलाज के कारण छात्र की मौत: हॉस्टल की वार्डन ने बताया कि स्कूल से छुट्टी होने के बाद जब बच्चा हॉस्टल आया तो उसे तेज बुखार था, जिसके बाद हॉस्टल के कर्मी द्वारा बरबीघा के मेडिकल स्टोर में ले जाकर इलाज कराया गया. जहां मौजूद मेडिकल स्टोर के कर्मी द्वारा पहले बालक को एक गोली खिलाया गया और फिर दो सुई दिया गया. जिसके बाद बालक की हालत बिगड़ने लगी, तो वहां से रेफरल अस्पताल ले जाया गया. जहां से चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल लाया गया.
झोलाछाप डॉक्टर ने ली जान: बिहार शरीफ सदर अस्पताल में चिकित्सक ने जांच के दौरान बच्चे को मृत घोषित कर दिया. मृतक अस्थावां थाना क्षेत्र के शेरपुर गांव निवासी रमेश कुमार के 12 वर्षीय पुत्र गोलू कुमार है, जो बरबीघा स्थित रेसिडेंशियल पब्लिक स्कूल के हॉस्टल में रहकर 5वीं क्लास में पढ़ाई करता था. आज अचानक उसे बुखार हुआ, जिसे दिखाने के लिए मेडिकल स्टोर ले जाया गया. मेडिकल स्टोर पर झोलाछाप डॉक्टर द्वारा सुई देने के बाद बालक की तबीयत बिगड़ी और बिहारशरीफ सदर अस्पताल लाने के दौरान बच्चे की मौत हो गई.
"बोला बुखार लगा है. डॉक्टर के पास ले गये. वहां वो पहले एक गोली दिए फिर एक सुई दिए, उसके कुछ देर बाद उसकी स्थिति बिगड़ गई तो फिर से एक सुई दे दिए. उसके बाद उसे लेकर हमलोग अस्पताल आ गए."- हॉस्टल की वार्डन