बिहार: नियोजित शिक्षकों ने राज्य के विभिन्न जगहों पर बिहार शिक्षक समन्वय संघर्ष समिति के बैनर तले वेतन और सात सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि सरकार अगर उनकी मांगों को नहीं मानती है तो इसका असर आगामी चुनाव में भी देखने को मिलेगा.
शिक्षकों ने किया धरना प्रदर्शन
नवादा में समान काम, समान वेतन की मांग को लेकर आज जिले के समाहरणालय के निकट बिहार शिक्षक समन्वय संघर्ष समिति के बैनर तले शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन किया. इस मौके पर वक्ताओं ने सरकार से नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की तरह वेतन और अन्य सुविधाएं देने की मांग की. मांगे पूरी नहीं किए जाने पर आगामी 5 सितंबर शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों ने राजधानी को जाम कर देने की चेतावनी दी है.
नालंदा में सात सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन
जिले में बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले आज समान काम समान वेतन, समान सेवा शर्त समेत सात सूत्री मांगों को लेकर शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन किया. इसमें जिले के प्रारंभिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक के नियमित, नियोजित शिक्षक और पुस्तकालय अध्यक्ष शामिल हुए. इस मौके पर सरकार की शिक्षा, शिक्षक और छात्रों के प्रति गलत नीति का विरोध किया गया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस के पूर्व समान वेतन और समान सेवा शर्त लागू किए जाने की घोषणा करनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आगामी चुनाव में सरकार की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है. शिक्षकों ने कहा कि सरकार को अगर सचमुच शिक्षा की चिंता है तो शिक्षकों से टकराव का रास्ता छोड़कर उन्हें सम्मान देने का रास्ता अपनाना चाहिए.
इस धरना के माध्यम से नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के समान वेतन, सेवा शर्त, नियोजन इकाइयों से बाहर स्थानांतरण की सुविधा, वेतन संरक्षण का लाभ, पुरानी पेंशन योजना लागू करने, ग्रेड पे में 2.57 गुणा बढ़ोतरी, पहले की तरह मृत शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा का लाभ देने, सभी कोटी के शिक्षकों को ग्रुप बीमा एवं सामान्य भविष्य निधि योजना का लाभ देने और शहरी क्षेत्र में कार्यरत सभी स्तर के शिक्षकों को परिवहन भत्ता देने की मांग की गई. धरना में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने भाग लिया और अपनी एकजुटता का परिचय दिया.