नालंदा: जिले में सीएम नीतीश कुमार राजगीर के घोड़ाकटोरा पार्क और वेणुवन विहार का विस्तारीकरण सह जीर्णोद्धार का उदघाटन किया. घोड़ाकटोरा पार्क पहाड़ी झील क्षेत्र में बना हुआ है. इस पार्क सह पेवेलियन निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है. यह पार्क घोड़ाकटोरा पहाड़ी झील से लगभग 600 मीटर दूर पश्चिमि छोर स्थित तट पर बनाया गया है. पार्क कैंपस की स्टोन बाउंड्री वाॅल को पत्थर और मैटल आदि से लौह जाली फ्रेम में खुबसूरती से सजावट कर खड़ा किया गया है, जो बिल्कुल राजगीर के सायक्लोपियन वाल की प्रकृति की झलक प्रस्तुत करता है.
स्टोन बाउंड्री वाॅल
बाउंड्री वॉल के भीतर पार्क सह पैवेलियन से बैठकर पर्यटक पूरब दिशा के पहाड़ियों की गोद में घोड़ाकटोरा झील का नजारा अनोखा होगा. जिसके बीच स्थापित भगवान बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा के साथ नैसर्गिक सौंदर्य का अवलोकन कर सुखद आनंद में डूबे नजर आएंगे.
पार्क सह पेवेलियन के चारों ओर के स्टोन बाउंड्री वाॅल की कुल लंबाई 3200 वर्ग फीट और उंचाई लगभग 5 फुट है. जिसमें उत्तरी पश्चिमी कोण स्थित 1600 वर्ग फीट के स्टोन वाॅल को फिनिशिंग के साथ लैस किया गया है. जिसमें राउंड विंडोज ने इसकी खुबसूरती में चार चांद लगा दिया है.
4 करोड़ की लागत से पार्क का निर्माण
पार्क का निर्माण लगभग 4 एकड़ में कुल 4 करोड़ की लागत से किया गया है. जिसमें पेवेलियन को प्राकृतिक रूप से झोपड़ीनुमा बनाया गया है. पार्क का निर्माण प्राकृतिक संसाधनों को बिना छेड़छाड़ किए इसे इको फ्रेंडली तर्ज पर किया गया है. जिसमें पर्यटकों की सुविधा के तहत बैठने, पेयजल, शौचालय, फूल पत्तियों का बागीचा, बच्चों का मनोरंजन पार्क, मेडिटेशन सेंटर और एरिया आदि का निर्माण लघु रूप से कराया जाना है. वहीं, लगभग 50 फुट ऊंची वाच टावर से पर्यटकगण घोडाकटोरा पहाड़ी झील के विहंगम दृश्य का अदभुत आनंद ले सकेंगे.
भगवान बुद्ध का सबसे प्रिय आश्रमस्थली
वेणु वन विहार बौद्ध ग्रंथों के अनुसार यह भगवान बुद्ध का सबसे प्रिय आश्रमस्थली भी रहा है. लगभग 27 करोड़ की लागत से वेणुवन विहार का विस्तार सह सौंदर्यीकरण कार्य किया गया है. जिसका उदघाटन मुख्यमंत्री ने किया. आज से करीब 2500 वर्ष ईसा पूर्व राजा बिंबिसार ने अपना रोयाल गार्डेन वेणुवन विहार को आश्रम के भेंटस्वरूप भगवान बुद्ध को प्रदान किया था. जो उस काल में बुद्ध के अतिप्रिय रहे इस आश्रम सह ध्यान केंद्र का उल्लेख आज भी बौद्ध धर्म ग्रंथों में अंकित है. जिसमें भगवान बुद्ध अपने शिष्यों के साथ वर्षावास, चातुर्मास किए थे और उनका आश्रम भी था.
कुल 21.63 एकड़ में 27 करोड़ की राशि स्वीकृत
इस परियोजना को तीन भाग में बांटकर विस्तारीकरण किया जा रहा है. 21.63 एकड़ में क्रमशः 10.33 एकड़ भूमि अकेले वेणुवन बिहार की है. वहीं इसके उत्तरी दिशा स्थित 4.04 एकड़ राजस्व विभाग और 7.26 एकड़ डिस्ट्रिक बोर्ड के भूमि को समाहित किया गया है.
बड़े पार्किंग की व्यवस्था
पहले 100 लोगों को ही समाहित कर पाने की क्षमता थी. मगर इसके विस्तार हो जाने से इसमें एक बार में एक हजार लोगों के लिए पर्याप्त व्यवस्था होगी. वेणु वन का मुख्य प्रवेश द्वार उत्तरी दिशा की ओर राजगीर-गया सड़क मार्ग स्थित गुप्ति महारानी और शनिदेव मंदिर के समीप बनाया जा रहा है. यहां बस स्टैंड की ओर से छोटे-बड़े वाहनों से आवागमन करने वाले पर्यटकों और वीआईपी का प्रवेश होगा. वहीं टिकट बुकिंग काउंटर और एक बड़े पार्किंग की भी व्यवस्था की जाएगी. जबकि कुंड क्षेत्र वीरायतन मोड़ कि दिशा में पुराने मुख्य प्रवेश द्वार सह टिकट पूर्ववत रहेगा. जहां से कुंड क्षेत्र आए पैदल पर्यटकों का प्रवेश हो सकेगा.
विभिन्न गतियों का समायोजन
तीसरे भाग में डिस्ट्रिक बोर्ड के 7.26 एकड़ की भूमि पर टूरिस्ट और पब्लिक से जुड़े मनोरंजन के विभिन्न गतिविधियों का समायोजन किया जाएगा. जिसमें बच्चों का अम्यूजमेंट पार्क, एक से बढ़कर एक खूबसूरत और खुशबूदार फूलों से लैस फ्रेग्रेन्स पार्क, कला सह प्रर्दशनी के लिए एम्फीथियेटर शो एरिया, कैफेटेरिया कम कैंटीन, टॉयलेट ब्लाॅक, टिकट बुकिंग काउंटर और पार्किंग जोन समाहित है.
दो फ्लाईओवर का किया जा रहा निर्माण
राजगीर अतिथिगृह और सर्किट हाउस जाने वाले मार्ग भी वेणुवन विस्तारीकरण योजना में यथावत रखते हुए बड़ी खुबसूरती से इस मार्ग के दोनों ओर 7 फीट का दीवार के उपर से दो फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है. जिसमें वेणुवन बिहार के नेचुरलिटी विजन को बनाए रखते हुए इस दीवार को एसलर स्टोन मैसेंडरी से निर्मित कराया जा रहा है. वहीं उसके ऊपर से आरसीसी और आयरन एंगलिंग से निर्मित, लगभग 15 फीट ऊंची, 14 फीट चौड़ी दो मिनी रैंपनुमा फ्लाई ओवर का निर्माण जारी है. जिससे बिना बाधा के लोग उक्त 21.33 एकड़ में समाहित वेणुवन बिहार का परिभ्रमण कर सके.