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नहाय खाय के साथ शुरू हुआ छठ महापर्व

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Published : Apr 16, 2021, 12:47 PM IST

कोरोना महामारी के बीच चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत नहाय खाय के साथ हो गई है. सरकार की ओर से जारी कोरोना गाइड लाइन के तहत सभी मंदिरों को बंद कर दिया गया है. लोग अपने-अपने घरों में ही पर्व मना रहे हैं.

छठ महापर्व शुरू
छठ महापर्व शुरू

नालंदा: कोरोना महामारी के बीच लोक आस्था का महापर्व छठ की आज से शुरुआत हो गई है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत नहाय खाय के साथ हो गई है.

छठ महापर्व
छठ पूजा मुख्य रुप से बिहार, झारखण्ड के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है. छठ पर्व साल में दो बार मनाया जाता है. हिन्दी माह के अनुसार, एक चैत और कार्तिक महीने में छठ पर्व मनाया जाता है. नहाय खाय को लेकर सुबह से ही बाजारों में लोगों की भीड़ देखी गई. वहीं अन्य दिनों के मुकाबले आज कद्दू का भाव बढ़ा हुआ था.

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चैती छठ
चैत महीने में मनाए जाने वाले छठ को चैती छठ कहते हैं. यह त्यौहार चार दिनों तक चलता है. इसकी शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है. इस दिन छठव्रती स्नान के बाद भगवान सूर्य की पूजा अर्चना करते हैं और आज के दिन घरों में चावल, दाल और कद्दू की सब्जी प्रसाद के रुप में बनता है.

वहीं छठ पूजा के दूसरे दिन खरना होता है. पूजा के तीसरे दिन शाम को भगवान भाष्कर को छठ व्रती अर्घ्य देते हैं. जिसके बाद छठ के चौथे दिन सुबह में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पर्व का समापन हो जाता है.

इसे भी पढ़े: बिहार पंचायत चुनाव 2021ः अब नहीं है कोई संशय, सिंगल पोस्ट EVM से होगा चुनाव

कोरोना का दिखा असर
कोरोना का असर छठ पर्व पर भी देखने को मिला है. नालंदा जिले के प्रसिद्ध बड़गांव और अंगारी धाम में छठ मेला का आयोजन नहीं किया जा रहा है. सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत मंदिरों को बंद कर दिया गया है. लोग अपने-अपने घरों में ही छठ पूजा का आयोजन कर रहे हैं.

नालंदा: कोरोना महामारी के बीच लोक आस्था का महापर्व छठ की आज से शुरुआत हो गई है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत नहाय खाय के साथ हो गई है.

छठ महापर्व
छठ पूजा मुख्य रुप से बिहार, झारखण्ड के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है. छठ पर्व साल में दो बार मनाया जाता है. हिन्दी माह के अनुसार, एक चैत और कार्तिक महीने में छठ पर्व मनाया जाता है. नहाय खाय को लेकर सुबह से ही बाजारों में लोगों की भीड़ देखी गई. वहीं अन्य दिनों के मुकाबले आज कद्दू का भाव बढ़ा हुआ था.

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चैती छठ
चैत महीने में मनाए जाने वाले छठ को चैती छठ कहते हैं. यह त्यौहार चार दिनों तक चलता है. इसकी शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है. इस दिन छठव्रती स्नान के बाद भगवान सूर्य की पूजा अर्चना करते हैं और आज के दिन घरों में चावल, दाल और कद्दू की सब्जी प्रसाद के रुप में बनता है.

वहीं छठ पूजा के दूसरे दिन खरना होता है. पूजा के तीसरे दिन शाम को भगवान भाष्कर को छठ व्रती अर्घ्य देते हैं. जिसके बाद छठ के चौथे दिन सुबह में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पर्व का समापन हो जाता है.

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कोरोना का दिखा असर
कोरोना का असर छठ पर्व पर भी देखने को मिला है. नालंदा जिले के प्रसिद्ध बड़गांव और अंगारी धाम में छठ मेला का आयोजन नहीं किया जा रहा है. सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के तहत मंदिरों को बंद कर दिया गया है. लोग अपने-अपने घरों में ही छठ पूजा का आयोजन कर रहे हैं.

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