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नालंदा में बौद्ध धर्म गुरु पैंयालिंकारा बाबा का निधन, देश-विदेश में शोक की लहर

नालंदा में चाइनीज बाबा के नाम से मशहूर बौद्ध चीनी मंदिर (Buddhist Chinese Temple In Nalanda) के प्रमुख डॉक्टर यू पैंयालिंकारा के आकस्मिक निधन से शोक की लहर दौड़ पड़ी है. पढ़ें पूरी खबर...

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baba panyalinkara passe away in nalanda
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Published : Aug 9, 2022, 3:47 PM IST

नालंदा: बिहार के नालंदा में बौद्ध चीनी मंदिर के प्रमुख डा. यू पैंयालिंकारा के निधन के बाद नालंदा ( Death Of Panyalinkara In Nalanda ) इलाके में शोक की लहर है. 'बाबा' 1981 में पढ़ाई करने आए और 1983 में नव नालंदा महाविहार से पालि भाषा में अध्ययन कर डॉ. की उपाधि लिए. सन 2002 में भारत सरकार के द्वारा वैविक तरीके से रिकता प्राप्त करने के बाद पुनः वे बंगलादेश नहीं गए.

ये भी पढ़ें: RCP पर श्रवण कुमार का पलटवार, कहा- 'नीतीश कुमार पर सवाल उठाने वाले अपनी गिरेबां में झांकें'

म्यांमार सरकार से मिला था धर्म में सर्वोच्च उपाधि: ये भारत सरकार और बिहार सरकार (Bihar Government) को हस्तलिखित आवेदन देकर स्वयं मिलकर नालंदा के विकास को लेकर सदैव ध्यान आकृष्ट कराते रहे. जिसका परिणाम हम सभी देख रहे है. नालंदा का शहरीकरण, बौद्ध क्षेत्र में रुकमिणी स्थान की खुदाई ब्लैक बुद्धा (तेलिया बाबा) पहुंच पथ का निर्माण, चण्डी मी में खुदाई, तिवरी पार्वती पहाड (नवादा) कौआडोल बराबर पहाड़ी (जहानाबाद) के प्राचीन गुफाओं का मुख्य द्वार पर वार्षिक महोत्सव कर क्षेत्र के विकास करने के लिए फरवरी माह में कार्यक्रम किया करते थे. राजगीर के भगवान बुद्ध के पवित्र स्थल वेणुवन में कई बार वर्षावास किए. तेल्हाडा के प्राचीन टीला की खुदाई के लिए उत्खनन विभाग को हस्तलिखित आवेदन देकर कार्य करवाए. वर्तमान में वे निम्न संस्थाओं के अध्यक्ष रहे. इन्हीं सब कार्य को लेकर वे गरीबों के दिलों से जुड़े रहे. इनसे जो भी व्यक्ति मिले इनके समस्या का निदान करते रहे. जिसको लेकर कुछ राजनेता और सामाजिककर्ता डॉ. यू पैंयालिंकारा (Dr. U Payyaninkara) से खुश रहा करते थे. कई बौद्ध देशों से बौद्ध धर्मावलम्बी इनके सौजन्य से विदेशी पर्यटक के रूप में भारत के बिहार में आते रहे. इनके समाज सेवा समर्पण को देखते हुए म्यांमार सरकार द्वारा उनको 2009 में सम्मानित (धर्म में सर्वोच्च उपाधि) किए गए.

"आज इनके अचानक निधन से नालंदा ही नहीं बल्कि सभी बौद्ध देशों जैसे वर्मा , थाईलैंड, जापान, चीन, कम्बोडिया, इन्डोनेशिया, अमेरिका, श्रीलंका, सिंगापुर, मलेशिया, महाराष्ट्रा, आदि देशों में आज शोकाकुल है." : - श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री, बिहार सरकार

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नालंदा: बिहार के नालंदा में बौद्ध चीनी मंदिर के प्रमुख डा. यू पैंयालिंकारा के निधन के बाद नालंदा ( Death Of Panyalinkara In Nalanda ) इलाके में शोक की लहर है. 'बाबा' 1981 में पढ़ाई करने आए और 1983 में नव नालंदा महाविहार से पालि भाषा में अध्ययन कर डॉ. की उपाधि लिए. सन 2002 में भारत सरकार के द्वारा वैविक तरीके से रिकता प्राप्त करने के बाद पुनः वे बंगलादेश नहीं गए.

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म्यांमार सरकार से मिला था धर्म में सर्वोच्च उपाधि: ये भारत सरकार और बिहार सरकार (Bihar Government) को हस्तलिखित आवेदन देकर स्वयं मिलकर नालंदा के विकास को लेकर सदैव ध्यान आकृष्ट कराते रहे. जिसका परिणाम हम सभी देख रहे है. नालंदा का शहरीकरण, बौद्ध क्षेत्र में रुकमिणी स्थान की खुदाई ब्लैक बुद्धा (तेलिया बाबा) पहुंच पथ का निर्माण, चण्डी मी में खुदाई, तिवरी पार्वती पहाड (नवादा) कौआडोल बराबर पहाड़ी (जहानाबाद) के प्राचीन गुफाओं का मुख्य द्वार पर वार्षिक महोत्सव कर क्षेत्र के विकास करने के लिए फरवरी माह में कार्यक्रम किया करते थे. राजगीर के भगवान बुद्ध के पवित्र स्थल वेणुवन में कई बार वर्षावास किए. तेल्हाडा के प्राचीन टीला की खुदाई के लिए उत्खनन विभाग को हस्तलिखित आवेदन देकर कार्य करवाए. वर्तमान में वे निम्न संस्थाओं के अध्यक्ष रहे. इन्हीं सब कार्य को लेकर वे गरीबों के दिलों से जुड़े रहे. इनसे जो भी व्यक्ति मिले इनके समस्या का निदान करते रहे. जिसको लेकर कुछ राजनेता और सामाजिककर्ता डॉ. यू पैंयालिंकारा (Dr. U Payyaninkara) से खुश रहा करते थे. कई बौद्ध देशों से बौद्ध धर्मावलम्बी इनके सौजन्य से विदेशी पर्यटक के रूप में भारत के बिहार में आते रहे. इनके समाज सेवा समर्पण को देखते हुए म्यांमार सरकार द्वारा उनको 2009 में सम्मानित (धर्म में सर्वोच्च उपाधि) किए गए.

"आज इनके अचानक निधन से नालंदा ही नहीं बल्कि सभी बौद्ध देशों जैसे वर्मा , थाईलैंड, जापान, चीन, कम्बोडिया, इन्डोनेशिया, अमेरिका, श्रीलंका, सिंगापुर, मलेशिया, महाराष्ट्रा, आदि देशों में आज शोकाकुल है." : - श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री, बिहार सरकार

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