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नालंदा: कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव के कारण बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय 2 दिनों के लिए बंद - Bihar Sharif civil Court closed for two day

कोरोना माहमारी को लेकर सरकार और कोर्ट की ओर से जारी दिशा-निर्देश के बाद बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय को दो दिनों के लिए बंद किया गया है. कोर्ट को खोलने या कोर्ट के कार्य को लेकर समीक्षा के बाद निर्णय होगा.

Biharsharif civil Court closed for 2 days due to corona increasing effect
Biharsharif civil Court closed for 2 days due to corona increasing effect
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Published : Apr 7, 2021, 8:30 PM IST

नालंदा: कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव को लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन काफी अलर्ट है. कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर कई गाइडलाइन जारी किए गए हैं. वहीं, सरकार और कोर्ट की ओर से जारी गाइड लाइन के अनुसार जिले में बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय को दो दिनों के लिए बंद किया गया है.

ये भी पढ़ें- स्मार्ट सिटी समिट 2021 का डिप्टी CM ने किया उद्घाटन, कहा- कमियों को किया जाएगा दुरुस्त

हालांकि बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय में सिर्फ जमानत या फिर अति आवश्यक कार्य होंगे. अन्य कार्यों पर प्रतिबंध है. वहीं, शुक्रवार तक के लिए बंद किए गए कोर्ट को फिर से समीक्षा करने के बाद ही कोई निर्देश दिया जाएगा. तब तक कार्य फिजिकल प्रणाली से होगा. वहीं, हाईकोर्ट के गाइडलाइन के अनुसार जिला जज कोर्ट के कार्य व्यवस्था का निर्णय और निर्देश के लिए स्वतंत्र होंगे.

विचार-विमर्श के बाद निर्णय
जिला जज डॉ. रमेशचन्द्र द्विवेदी ने प्रधान न्यायधीश विजय आनंद तिवारी, एडीजे कन्हैया, संतोष कुमार और सीजीएम सुतोष कुमार गुप्ता की उपस्थिति में संघ सदस्यों पीपी कैसर इमाम, अध्यक्ष सीताराम सिंह सहित अधिवक्ता कमलेश कुमार, आमेश प्रसाद और विनोद कुमार सहित संघ के कई सदस्यों के साथ बैठक आयोजित कर इस मामले पर विचार विमर्श कर कोर्ट बंद करने का निर्णय लिया.

अधिवक्ता कमलेश कुमार और अन्य ने सुझाव दिया कि कोरोना के कारण पूर्व में भी सबसे ज्यादा नुकसान वकीलों ने सहा था. इसलिए ऐसी व्यवस्था की जाय जिससे कोर्ट कार्य पूर्णतः बंद नहीं हो.

ये हैं शर्तें और नियम
बता दें कि दो दिनों तक कुछ फिजिकल कोर्ट कार्य के निर्देश दिए गए हैं. इसके तहत पीपी कॉपी अर्जी के साथ संलग्न करना है. सभी कोर्टों की फायलिंग एक ही जगह होगी. पीआर वाउंड जमानत में स्वीकृत होंगे. नियमित कार्य होने पर वेलर बाउंड देना अनिवार्य होगा. परिसर में किसी भी पक्षकार के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है.

वहीं, न्यायालय परिसर का प्रवेश द्वार भी 7 बजे के बाद बंद कर दिया जाएगा. अति आवयक कार्य के लिए कोरोना टेस्ट नेगेटिव सर्टिफिकेट लाना होगा. जेल से कैदी नहीं आएंगे.

गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य
कोर्ट की ओर से जारी निर्देश 9 अप्रैल तक के लिए है. इसके बाद नए निर्देश फिर से जारी होंगे. सभी अधिवकताओं और कर्मियों को कोरोना गाइडलाइन के अनुसार मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और साफ सफाई के साथ साथ जहां-तहां थूंकने से सख्त मना किया गया है.

नालंदा: कोरोना महामारी के बढ़ते प्रभाव को लेकर राज्य सरकार और जिला प्रशासन काफी अलर्ट है. कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर कई गाइडलाइन जारी किए गए हैं. वहीं, सरकार और कोर्ट की ओर से जारी गाइड लाइन के अनुसार जिले में बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय को दो दिनों के लिए बंद किया गया है.

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हालांकि बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय में सिर्फ जमानत या फिर अति आवश्यक कार्य होंगे. अन्य कार्यों पर प्रतिबंध है. वहीं, शुक्रवार तक के लिए बंद किए गए कोर्ट को फिर से समीक्षा करने के बाद ही कोई निर्देश दिया जाएगा. तब तक कार्य फिजिकल प्रणाली से होगा. वहीं, हाईकोर्ट के गाइडलाइन के अनुसार जिला जज कोर्ट के कार्य व्यवस्था का निर्णय और निर्देश के लिए स्वतंत्र होंगे.

विचार-विमर्श के बाद निर्णय
जिला जज डॉ. रमेशचन्द्र द्विवेदी ने प्रधान न्यायधीश विजय आनंद तिवारी, एडीजे कन्हैया, संतोष कुमार और सीजीएम सुतोष कुमार गुप्ता की उपस्थिति में संघ सदस्यों पीपी कैसर इमाम, अध्यक्ष सीताराम सिंह सहित अधिवक्ता कमलेश कुमार, आमेश प्रसाद और विनोद कुमार सहित संघ के कई सदस्यों के साथ बैठक आयोजित कर इस मामले पर विचार विमर्श कर कोर्ट बंद करने का निर्णय लिया.

अधिवक्ता कमलेश कुमार और अन्य ने सुझाव दिया कि कोरोना के कारण पूर्व में भी सबसे ज्यादा नुकसान वकीलों ने सहा था. इसलिए ऐसी व्यवस्था की जाय जिससे कोर्ट कार्य पूर्णतः बंद नहीं हो.

ये हैं शर्तें और नियम
बता दें कि दो दिनों तक कुछ फिजिकल कोर्ट कार्य के निर्देश दिए गए हैं. इसके तहत पीपी कॉपी अर्जी के साथ संलग्न करना है. सभी कोर्टों की फायलिंग एक ही जगह होगी. पीआर वाउंड जमानत में स्वीकृत होंगे. नियमित कार्य होने पर वेलर बाउंड देना अनिवार्य होगा. परिसर में किसी भी पक्षकार के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है.

वहीं, न्यायालय परिसर का प्रवेश द्वार भी 7 बजे के बाद बंद कर दिया जाएगा. अति आवयक कार्य के लिए कोरोना टेस्ट नेगेटिव सर्टिफिकेट लाना होगा. जेल से कैदी नहीं आएंगे.

गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य
कोर्ट की ओर से जारी निर्देश 9 अप्रैल तक के लिए है. इसके बाद नए निर्देश फिर से जारी होंगे. सभी अधिवकताओं और कर्मियों को कोरोना गाइडलाइन के अनुसार मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और साफ सफाई के साथ साथ जहां-तहां थूंकने से सख्त मना किया गया है.

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