नालंदाः बिहार शरीफ के एक मात्र पशुपालन विभाग की हालात दयनीय है. बड़े भू-भाग में फैले इस विभाग का भवन जर्जर हो चुका है. यहां इलाज के लिए आने वाले जानवरों का इलाज भी अब सही ढंग से नहीं होता. पानी की किल्लत होने के कारण कर्मियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
दरअसल, बिहारशरीफ का पशुपालन विभाग खुद इलाज के लिए तरस रहा है. मरम्मत के अभाव में विभाग का भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में पहुंच चुका है. हालांकि यहां जानवरों के इलाज के लिए डॉक्टर और कर्मी मौजूद हैं. जिन्हें इस बात का डर बना रहता है कि जर्जर भवन के कारण कोई बड़ा हादसा ना हो जाए. यहां रोजाना दर्जनों जानवरों का इलाज होता है. दूर दराज से लोग यहां अपने गाय, भैंस, बकरी, खरगोश, कुत्ता और कई अन्य जानवरों को लेकर इलाज के लिए आते हैं. जिनका समुचित इलाज नहीं हो पाता.
खरीद कर पीना पड़ता है पानी
सरकारी व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त नहीं रहने के कारण यहां के कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. पानी की किल्लत होने के कारण इस भीषण गर्मी में कर्मचारियों को पीने का पानी खरीदना पड़ता है. दूर-दराज से आने वाले मवेशी पालकों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है. पानी के अभाव में लोग इधर-उधर भटकते नजर आते हैं.
पोल्ट्री फार्म भी हुआ ध्वस्त
यहां एक पोल्ट्री फार्म भी था, जो अब पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है. सरकार द्वारा यहां मुर्गियों के पालन की व्यवस्था तो की गई थी. लेकिन सही देख-रेख नहीं होने के कारण फार्म खत्म होने के कगार पर पहुंच चुका है. जरूरत है सरकार इस विभाग की ओर ध्यान दे ताकि लोग मवेशियों का इलाज सही ढंग से करा सकें.