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नालंदा: किसानों ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, किया समाहरणालय का घेराव - नालंदा में एआईकेएससीसी का प्रदर्शन

किसानों की समस्या प्रदेश में खत्म नहीं हो रही है. सीएम के गृह जिले में भी किसान परेशान हैं. उनकी समस्याओं को सुननेवाला कोई नहीं है.

नालंदा में एआईकेएससीसी का प्रदर्शन
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Published : Oct 24, 2019, 8:12 PM IST

नालंदा: जिले में गुरुवार को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से रोषपूर्ण प्रदर्शन किया गया. इस दौरान किसान अपनी मांगों को लेकर समाहरणालय का घेराव किया.

अधिकारियों को सौंपा गया ज्ञापन
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के सचिव सत्येंद्र कृष्णन ने कहा कि समाहरणालय में अपनी मांगों को लेकर अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा गया है. जिसमें इन सारी चीजों को लेकर मांग की गई हैं:-

एआईकेएससीसी ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
  • भूमिहीन किसानों को 1 एकड़ जमीन दी जाए
  • रबी फसल की बुआई के लिए जल निकासी की व्यवस्था की जाए
  • सुखाड़ से हुए नुकसान के लिए 45000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए
  • जमीन की जमाबंदी को लेकर कंप्यूटर में फीड डाटा में जो धांधली होती है, उसको रोका जाए
  • 60 साल से ऊपर के किसानों को प्रति माह 10000 रुपये पेंशन देने की व्यवस्था की जाए
  • फसल सहायता के नाम पर होने वाली लूट पर सरकार की ओर से कार्रवाई की जाए
  • किसानों के एक-एक इंच के जमीन की सिंचाई की पूरी व्यवस्था की जाए
  • सर्वे में दर्ज नदी, नाले, तालाब और कुएं को सरकारी और गैर-सरकारी अतिक्रमण से मुक्त कराकर उसपर खुदाई करने की व्यवस्था की जाए
  • किसानों के सारे कर्ज को माफ हो और उनको रोजगार दिया जाए

'अधिकारी नहीं देते तरजीह'
किसानों के मुताबिक उनकी मांगों को लेकर अधिकारी कोई तरजीह नहीं देते हैं. ऐसे में वे लोग लोग गांव-गांव जाकर किसानों को जागरुक करेंगे. साथ ही उन्हें नागरिक अधिकारों के बारे में जानकारी देंगे.

नालंदा: जिले में गुरुवार को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से रोषपूर्ण प्रदर्शन किया गया. इस दौरान किसान अपनी मांगों को लेकर समाहरणालय का घेराव किया.

अधिकारियों को सौंपा गया ज्ञापन
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के सचिव सत्येंद्र कृष्णन ने कहा कि समाहरणालय में अपनी मांगों को लेकर अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा गया है. जिसमें इन सारी चीजों को लेकर मांग की गई हैं:-

एआईकेएससीसी ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
  • भूमिहीन किसानों को 1 एकड़ जमीन दी जाए
  • रबी फसल की बुआई के लिए जल निकासी की व्यवस्था की जाए
  • सुखाड़ से हुए नुकसान के लिए 45000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए
  • जमीन की जमाबंदी को लेकर कंप्यूटर में फीड डाटा में जो धांधली होती है, उसको रोका जाए
  • 60 साल से ऊपर के किसानों को प्रति माह 10000 रुपये पेंशन देने की व्यवस्था की जाए
  • फसल सहायता के नाम पर होने वाली लूट पर सरकार की ओर से कार्रवाई की जाए
  • किसानों के एक-एक इंच के जमीन की सिंचाई की पूरी व्यवस्था की जाए
  • सर्वे में दर्ज नदी, नाले, तालाब और कुएं को सरकारी और गैर-सरकारी अतिक्रमण से मुक्त कराकर उसपर खुदाई करने की व्यवस्था की जाए
  • किसानों के सारे कर्ज को माफ हो और उनको रोजगार दिया जाए

'अधिकारी नहीं देते तरजीह'
किसानों के मुताबिक उनकी मांगों को लेकर अधिकारी कोई तरजीह नहीं देते हैं. ऐसे में वे लोग लोग गांव-गांव जाकर किसानों को जागरुक करेंगे. साथ ही उन्हें नागरिक अधिकारों के बारे में जानकारी देंगे.

Intro:नालंदा। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के द्वारा किसानों के द्वारा आज रोषपूर्ण प्रदर्शन किया गया और अपनी मांगों को लेकर समाहरणालय का घेराव किया गया। यह प्रदर्शन बिहारशरीफ के श्रम कल्याण केंद्र के मैदान से निकला जो कि विभिन्न मार्गो से होते हुए समाहरणालय पहुंचा। प्रदर्शन के माध्यम से भूमिहीन किसानों को 1 एकड़ जमीन बासगीत और उसके गुजर-बसर करने के लिए सरकार उपलब्ध कराने की मांग की गई। साथ ही टाल क्षेत्र में रबी फसल की बुआई के लिए जल निकासी का अविलंब व्यवस्था करने की मांग की गई। सुखाड़ के कारण किसानों के रहे परती जमीन को प्रति एकड़ 45000 मुआवजा देने की मांग की गई । किसानों के नाम से दर्ज जमाबंदी के रकवा को किसानों के द्वारा दिए गए खाता प्लॉट सही मानकर दर्ज किया जाए और कंप्यूटर में डाटा अपलोड करने के नाम पर धांधली को बंद करने की भी मांग की।


Body:प्रदर्शन कर रहा है लोगों द्वारा अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा और इस दिशा में कार्रवाई की मांग की गई। दिए गए ज्ञापन में 60 साल से ऊपर के किसानों को प्रति माह 10000 पेंशन की व्यवस्था करने, फसल सहायता के नाम पर होने वाली लूट को सरकार द्वारा बंद करने, किसानों के जमीन के प्रत्येक टुकड़े को बीमा की इकाई मानकर उससे फसल नुकसान की भरपाई करने, किसानों के एक-एक इंच जमीन की सिंचाई की मुकम्मल व्यवस्था सरकार द्वारा कराने और नहीं होने पर मुआवजा देने की घोषणा करने, सर्वे खतियान में दर्ज नदी, नाला, तालाब, कुआं को सरकारी और गैर सरकारी अतिक्रमण से मुक्त कराते हुए खुदाई की व्यवस्था करने, किसानों के सारे कर्ज़ सरकार द्वारा माफ करने, मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को किसानों की खेती में लगाने की मांग की गई।
बाइट।सत्येंद्र कृष्णन, सचिव, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति


Conclusion:
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