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दारोगा की प्रतियोगिता परीक्षा उत्तीर्ण होने पर आरोपी हुआ मुक्त, न्याय परिषद ने दिया आदेश - किशोर न्याय परिषद

आरोपी ने जिला किशोर न्याय परिषद के समक्ष अपना बिहार पुलिस अवर सेवा मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने का परीक्षाफल दिखाते हुए आचरण प्रमाण पत्र में इस आरोप के दर्ज होने पर करियर बर्बाद होने की चिंता जताई. जिसके बाद प्रधान दंडाधिकारी ने उसके हक में फैसला सुनाया.

व्यवहार न्यायालय
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Published : Feb 18, 2021, 2:56 PM IST

नालन्दाः जिले के हिलसा के एक गांव में चोरी के आरोपी युवक को जिला किशोर न्याय परिषद के द्वारा आरोप से मुक्त कर दिया गया. इस किशोर पर 2009 में गांव के ही मोबाइल के दुकान के सिम कार्ड, डेटा केबल चार्जर समेत चोरी के कई सामान रखने का आरोप लगा था.

जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी ने किशोर के मामले में काउंसिलिंग के बाद उसकी दक्षता, क्षमता और आगे बढ़ने की उत्कंठा का अवलोकन करते हुए आपराधिक मुकदमे से मुक्त करने का फैसला सुनाया. दरअसल आरोपी को बिहार पुलिस अवर सेवा मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद आचरण प्रमाण पत्र दिखाना था.

15 मार्च को होना है शारीरिक दक्षता टेस्ट
फैसले में परिषद सदस्य धर्मेन्द्र कुमार और उषा कुमारी ने सहयोग किया. मामले के अनुसार किशोर चोरी की वस्तु रखने का आरोपी था. इस आरोप के बाद उसका आचरण ठीक रहा और इससे पूर्व भी उस पर ऐसा कोई आपराधिक आरोप दर्ज नहीं था. उसने परिषद के समक्ष अपना बिहार पुलिस अवर सेवा मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने का परीक्षाफल दिखाते हुए आचरण प्रमाण पत्र में इस आरोप के दर्ज होने पर कैरियर बर्बाद होने की चिंता जताई.

ये भी पढ़ेंः Bihar Board Exam 2021: आरा में अभिभावकों का बवाल, सेंटर पर जमकर हुई मारपीट

एसपी को दिया गया यह निर्देश
आरोपी ने बताया कि उसे शारीरिक दक्षता टेस्ट में 15 मार्च को भाग लेना है. जिसको देखते हुए जिले के एसपी को यह निर्देश भेजने का भी आदेश दिया गया कि किशोर ने आचरण संबंधी प्रमाण पत्र निर्गत करते हुए यह ध्यान रखा जाय कि इस आरोप का उल्लेख कहीं नहीं हो. जिससे चारित्रिक प्रमाण पत्र के कारण उसकी क्षमता और उत्कंठा बर्बाद न हो.

इस मामले में प्रधान दंडाधिकारी ने किशोर के सर्वोत्तम हित, विकास और इसकी मूलभूत आवश्यकता को देखते हुए इस जांच को आगे बढ़ाने को औचित्यहीन मानते हुए अग्रिम जांच कार्यवाही बंद करते हुए किशोर को आरोप से मुक्त कर दिया.

नालन्दाः जिले के हिलसा के एक गांव में चोरी के आरोपी युवक को जिला किशोर न्याय परिषद के द्वारा आरोप से मुक्त कर दिया गया. इस किशोर पर 2009 में गांव के ही मोबाइल के दुकान के सिम कार्ड, डेटा केबल चार्जर समेत चोरी के कई सामान रखने का आरोप लगा था.

जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी ने किशोर के मामले में काउंसिलिंग के बाद उसकी दक्षता, क्षमता और आगे बढ़ने की उत्कंठा का अवलोकन करते हुए आपराधिक मुकदमे से मुक्त करने का फैसला सुनाया. दरअसल आरोपी को बिहार पुलिस अवर सेवा मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद आचरण प्रमाण पत्र दिखाना था.

15 मार्च को होना है शारीरिक दक्षता टेस्ट
फैसले में परिषद सदस्य धर्मेन्द्र कुमार और उषा कुमारी ने सहयोग किया. मामले के अनुसार किशोर चोरी की वस्तु रखने का आरोपी था. इस आरोप के बाद उसका आचरण ठीक रहा और इससे पूर्व भी उस पर ऐसा कोई आपराधिक आरोप दर्ज नहीं था. उसने परिषद के समक्ष अपना बिहार पुलिस अवर सेवा मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने का परीक्षाफल दिखाते हुए आचरण प्रमाण पत्र में इस आरोप के दर्ज होने पर कैरियर बर्बाद होने की चिंता जताई.

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एसपी को दिया गया यह निर्देश
आरोपी ने बताया कि उसे शारीरिक दक्षता टेस्ट में 15 मार्च को भाग लेना है. जिसको देखते हुए जिले के एसपी को यह निर्देश भेजने का भी आदेश दिया गया कि किशोर ने आचरण संबंधी प्रमाण पत्र निर्गत करते हुए यह ध्यान रखा जाय कि इस आरोप का उल्लेख कहीं नहीं हो. जिससे चारित्रिक प्रमाण पत्र के कारण उसकी क्षमता और उत्कंठा बर्बाद न हो.

इस मामले में प्रधान दंडाधिकारी ने किशोर के सर्वोत्तम हित, विकास और इसकी मूलभूत आवश्यकता को देखते हुए इस जांच को आगे बढ़ाने को औचित्यहीन मानते हुए अग्रिम जांच कार्यवाही बंद करते हुए किशोर को आरोप से मुक्त कर दिया.

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