नालंदाः बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम एवं पॉस्को स्पेशल न्यायाधीश मोहम्मद मंजूर आलम ने राजगीर सामूहिक दुष्कर्म कांड के 7 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही सभी अभियुक्तों को पांच-पांच हजार अर्थदंड दिया गया है. दो मुख्य अभियुक्त को आईटी एक्ट के तहत 3 साल का अतिरिक्त सजा सुनाया गया. सभी अभियुक्तों को भारतीय दंड विधान की धारा 376 और 3/4 पोस्को एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत दोषी पाया गया. जिन अभियुक्तों को सजा सुनाई गई उनमें मिथुन, आशीष, राहुल, करण, रंजन राजवंशी, सोनू कुमार और राम चौधरी शामिल हैं.
सितंबर 2019 की है घटना
घटना 19 सितंबर 2019 की है. पीड़िता रोज की तरह अपने घर से राजगीर कोचिंग करने जा रही थी. उसी दौरान सब्जी बाजार के नजदीक उसका अपने दोस्त से मुलाकात हुई. जिसके बाद दोनों ने कोचिंग के बाद पहाड़ पर घूमने जाने का निश्चय किया. दोनों पहाड़ पर घूम रहे थे. तभी कुछ बदमाश वहां पहुंचकर छेड़खानी करने लगे.
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घटना का वीडियो हुआ था वायरल
बदमाशों ने बारी-बारी से नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया और पूरी घटना का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था. घटना के 6 दिनों के बाद पुलिस हरकत में आई और वीडियो के आधार पर अपराधियों की गिरफ्तारी कर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था. सभी गिरफ्तार अपराधी खुद को नाबालिग बता रहे थे, लेकिन छानबीन होने पर सभी बालिग पाए गए.