मुजफ्फरपुर: राजधानी पटना के बाद बिहार के दूसरे बड़े शहर का दर्जा रखने वाले मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) पिछले कई वर्षों से जलजमाव (Water Logging) की गंभीर समस्या से जूझ रहा है. यहां हर बार बारिश के बाद पानी में डूबना मुजफ्फरपुर की नियती बन चुकी है. लेकिन बदलते समय के साथ ही मुजफ्फपुर की सड़क पर गंदे पानी के जलजमाव ने भी बड़ी समस्या का रूप ले लिया है. यही वजह है कि बिहार के इस स्मार्ट की पहचान सड़क पर लगे गंदे पानी का दरिया बन गया है.
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बारिश ने मुजफ्फरपुर शहर की सूरत बिगाड़ दी है. नगर निगम की विफलता से नवरात्र के पावन मौके पर शहर के अधिकतर इलाके जलजमाव का दंश झेल रहा है. शहर की हृदयस्थली मोतीझील वाकई में सड़े और बदबूदार पानी की झील में तब्दील हो गया है. मोतीझील समेत कई इलाकों में लगे जलजमाव का पानी काला होने लगा है. वहीं सड़कों पर आम लोग अपनी जान जोखिम में डालकर निकलने को मजबूर है.
सड़क से लेकर दुकान और घरों तक सभी जगह पानी ही पानी नजर आ रहा है. पानी से होकर गुजरने वाले लोग चर्म रोग से ग्रसित हो रहे. शहरवासी त्राहिमाम कर रहे हैं. लेकिन नगर निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधि कान में तेल डालकर सोये हुए है. कई जगह शहर की नारकीय हालात से परेशना होकर लोग सड़कों पर सरकार को और जनप्रतिनिधियों को कोसते हुए पोस्टर भी लगा चुके है.
शहर के मोतीझील में जल जमाव की वजह से हालात सबसे विकट है. यहां लंबे समय से जलजमाव की वजह से सड़के भी पूरी तरह टूट चुकी है. ऊपर से सड़कों पर काले पड़ चुके पानी के जलजमाव से लोगों को खराब सड़कों का अंदाज भी नहीं मिलता है. ऐसे में वाहन से लोगों का गिरना अब आम बात हो गया है. जिसकी वानगी आप वीडियो में भी देख सकते है.
वहीं, जलजमाव की समस्या से वाकिफ मुजफ्फरपुर के मेयर सुरेश कुमार ने कहा कि शहर का जलजमाव हर जन प्रतिनिधि के लिए सबसे बड़ा मुसीबत है. जिससे सबकी फजीहत हमेशा हो रही है. लेकिन इस जलजमाव से लोगों को निजात कब मिलेगा इसका ठोस जबाब उनके पास भी नहीं है. ऐसे में मुजफ्फरपुर को जलजमाव की त्रासदी से उबरने के लिए शायद अभी भी लंबा इंताजर करना होगा.
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