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मुजफ्फरपुर में SDO-DSP और थानेदार के खिलाफ वारंट जारी, CJM कोर्ट का आदेश

Muzaffarpur News बिहार के मुजफ्फरपुर में एसडीओ और डीएसपी के खिलाफ वारंट जारी (Warrant Issued Against SDO And DSP in Muzaffarpur) हुआ है. असल में 5 साल पुराने मामले में तत्कालीन एसडीओ-डीएसपी और नगर थानाध्यक्ष को शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट में पेश होना था लेकिन वह कोर्ट नहीं पहुंचे. जिसके बाद ये आदेश जारी किया गया है.

मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय
मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय
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Published : Jan 7, 2023, 9:32 AM IST

मुजफ्फरपुर: जिले के शहरी इलाके से दायर पांच वर्ष पुराने परिवाद की सुनवाई करते हुए मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय (Muzaffarpur Civil Court) के सीजेएम शशिभूषण कुमार ने तत्कालीन एसडीओ (पूर्वी) सुनील कुमार, तत्कालीन डीएसपी (नगर) आशीष आनंद और तत्कालीन नगर थानाध्यक्ष केपी सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है. नगर थाना क्षेत्र के चंदवारा कमरा मोहल्ला निवासी और व्यवहार न्यायालय कर्मी सैयद इकबाल अली ने मारपीट और लूटपाट को लेकर 26 जुलाई 2017 को सीजेएम न्यायालय में परिवाद दर्ज कराया था. अपनी याचिका में उन्होंने तत्कालीन एसडीओ पूर्वी, तत्कालीन डीएसपी नगर और तत्कालीन थानेदार को आरोपी बनाया था.

ये भी पढ़ें: पीड़िता को मिला इंसाफ: गैंगरेप के दोनों दोषियों को उम्रकैद की सजा, दो लाख जुर्माना भी

मुजफ्फरपुर में एसडीओ और डीएसपी के खिलाफ वारंट जारी: व्यवहार न्यायालय कर्मी सैयद इकबाल अली की शिकायत के बाद सीजेएम ने मामले की सुनवाई करते हुए परिवाद में बनाए गए सभी तीनों आरोपियों के विरुद्ध 8 मई 2019 को भादवि की धारा-323, 324,354 में संज्ञान लेते हुए 18 सितम्बर 2019 को समन जारी किया था. सभी लोग समन के बाद उपस्थित नहीं हुए तो 19 नवम्बर 2022 को मामले की सुनवाई करते हुए जमानती वारंट निर्गत करने का आदेश दिया था. शुक्रवार को भी तीनों के उपस्थित नहीं होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश सीजेएम ने दिया है.

एडीजे तीन के कोर्ट में मामला ट्रांसफर: प्रशासनिक अधिकारियाें के अधिवक्ता अरूण शुक्ला का कहना है कि कमरा माेहल्ला में विधि व्यवस्था संधारण के दाैरान एक ही मोहल्ले के रहने वाले दाे लाेगाें ने अलग-अलग परिवाद दायर किया था. एक परिवाद में जिला जज ने रिवीजन वाद में तीनों पदाधिकारी का नाम अभियुक्त की सूची से हटा दिए. दूसरे परिवाद में जाे वारंट जारी हुआ है, उस मामले में भी जिला जज के यहां क्रिमिनल रिवीजन एडमिट है. अरूण शुक्ला ने बताया कि जिला जज ने एडीजे तीन के कोर्ट में मामला ट्रांसफर कर चुके है. 9 जनवरी काे सुनवाई की तिथि निर्धारित है. उस दिन सीजीएम के यहां से रिकाॅर्ड मांग लिया जाएगा. कार्यालय प्रक्रिया के दाैरान इसकी सूचना सीजीएम काेर्ट काे नहीं मिल सकी थी. सीजीएम से मिलकर पूरे प्रकरण से अवगत कराया गया है.

"26 जुलाई 2017 को मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय के कर्मी सैयद इकबाल अली ने तत्कालीन एसडीओ सुनील कुमार, डीएसपी आशीष आनंद और नगर थानाध्यक्ष केपी सिंह के खिलाफ मारपीट और लूट का आरोप लगाते हुए परिवाद दायर किया था. इसी मामले में कोर्ट ने तीनों अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. फिलहाल डिस्ट्रिक्ट जज के यहां क्रिमिनल रिवीजन के लिए केस एडमिट है. 9 जनवरी को सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित है"- अरूण शुक्ला, अधिवक्ता

मुजफ्फरपुर: जिले के शहरी इलाके से दायर पांच वर्ष पुराने परिवाद की सुनवाई करते हुए मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय (Muzaffarpur Civil Court) के सीजेएम शशिभूषण कुमार ने तत्कालीन एसडीओ (पूर्वी) सुनील कुमार, तत्कालीन डीएसपी (नगर) आशीष आनंद और तत्कालीन नगर थानाध्यक्ष केपी सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है. नगर थाना क्षेत्र के चंदवारा कमरा मोहल्ला निवासी और व्यवहार न्यायालय कर्मी सैयद इकबाल अली ने मारपीट और लूटपाट को लेकर 26 जुलाई 2017 को सीजेएम न्यायालय में परिवाद दर्ज कराया था. अपनी याचिका में उन्होंने तत्कालीन एसडीओ पूर्वी, तत्कालीन डीएसपी नगर और तत्कालीन थानेदार को आरोपी बनाया था.

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मुजफ्फरपुर में एसडीओ और डीएसपी के खिलाफ वारंट जारी: व्यवहार न्यायालय कर्मी सैयद इकबाल अली की शिकायत के बाद सीजेएम ने मामले की सुनवाई करते हुए परिवाद में बनाए गए सभी तीनों आरोपियों के विरुद्ध 8 मई 2019 को भादवि की धारा-323, 324,354 में संज्ञान लेते हुए 18 सितम्बर 2019 को समन जारी किया था. सभी लोग समन के बाद उपस्थित नहीं हुए तो 19 नवम्बर 2022 को मामले की सुनवाई करते हुए जमानती वारंट निर्गत करने का आदेश दिया था. शुक्रवार को भी तीनों के उपस्थित नहीं होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश सीजेएम ने दिया है.

एडीजे तीन के कोर्ट में मामला ट्रांसफर: प्रशासनिक अधिकारियाें के अधिवक्ता अरूण शुक्ला का कहना है कि कमरा माेहल्ला में विधि व्यवस्था संधारण के दाैरान एक ही मोहल्ले के रहने वाले दाे लाेगाें ने अलग-अलग परिवाद दायर किया था. एक परिवाद में जिला जज ने रिवीजन वाद में तीनों पदाधिकारी का नाम अभियुक्त की सूची से हटा दिए. दूसरे परिवाद में जाे वारंट जारी हुआ है, उस मामले में भी जिला जज के यहां क्रिमिनल रिवीजन एडमिट है. अरूण शुक्ला ने बताया कि जिला जज ने एडीजे तीन के कोर्ट में मामला ट्रांसफर कर चुके है. 9 जनवरी काे सुनवाई की तिथि निर्धारित है. उस दिन सीजीएम के यहां से रिकाॅर्ड मांग लिया जाएगा. कार्यालय प्रक्रिया के दाैरान इसकी सूचना सीजीएम काेर्ट काे नहीं मिल सकी थी. सीजीएम से मिलकर पूरे प्रकरण से अवगत कराया गया है.

"26 जुलाई 2017 को मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय के कर्मी सैयद इकबाल अली ने तत्कालीन एसडीओ सुनील कुमार, डीएसपी आशीष आनंद और नगर थानाध्यक्ष केपी सिंह के खिलाफ मारपीट और लूट का आरोप लगाते हुए परिवाद दायर किया था. इसी मामले में कोर्ट ने तीनों अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. फिलहाल डिस्ट्रिक्ट जज के यहां क्रिमिनल रिवीजन के लिए केस एडमिट है. 9 जनवरी को सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित है"- अरूण शुक्ला, अधिवक्ता

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