मुजफ्फरपुर: जिले में बाढ़ का कहर थमना भले ही राहत भरी खबर हो, लेकिन बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही हर तरफ बर्बादी का मंजर साफ दिखने लगा है. बाढ़ का सबसे अधिक प्रभाव सब्जियों की खेती पर पड़ा है. जहां पानी से खेतों में लगी हरी सब्जियों की फसल पूरी तरह सड़कर नष्ट हो चुकी है.
आलम ये है कि बाढ़ से जिले में बड़े पैमाने पर सब्जियों के फसल नष्ट होने से इन दिनों स्थानीय मंडियों में सब्जियों की काफी किल्लत भी होने लगी है.
मुजफ्फरपुर में सब्जी की खेती के लिए मशहूर मीनापुर, मुशहरी और कांटी में सब्जी की फसल को सर्वाधिक नुकसान पहुंचा है. बाढ़ के पानी से मीनापुर प्रखंड में सबसे ज्यादा सब्जियों का उत्पादन प्रभावित हुआ है.
फूलगोभी और बैंगन की खेती के लिए प्रसिद्ध यह इलाका इस बार बाढ़ के कारण सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में काफी पिछड़ गया है. जिससे फूलगोभी और बैगन की सबसे पहले उत्पादन कर अच्छी खासी आमदनी अर्जित करने वाले इलाके के किसान इस बार बेहद मायूस हैं.
किसानों को मिलेगा उचित मुआवजा
वहीं इस बार जिला प्रशासन के समक्ष भी बाढ़ की विभीषिका किसी चुनौती से कम नहीं है. जिला प्रशासन को भी बाढ़ से हुए नुकसान का भली भांति अंदाजा है. यही वजह है कि जिले में बाढ़ से हुए किसानों की क्षति को लेकर आंकलन करने का काम शुरू हो गया है. जिसके रिपोर्ट के आधार पर किसानों को फसल के नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा.
किसानों को आर्थिक मदद की दरकार
बहरहाल इस बार सब्जी के उत्पादन में अहम योगदान देने वाले मुजफ्फरपुर में सब्जियों का फसल चक्र अपने समय से काफी पिछड़ गया है. जिससे आने वाले समय में यहा सब्जियों के उत्पादन को जोर पकड़ने में लंबा समय लग सकता है.
इन दिनों खासकर सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों की जमा पूंजी डूबने से हालात और मुश्किल भरा हो गया है. ऐसे में सरकार को इस इलाके में सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों की आर्थिक सहायता बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. अन्यथा इस इलाके के मेहनतकश किसानों की हालत और दयनीय होना लाजिमी है.