मुजफ्फरपुर: इन दिनों जातीय जनगणना (Cast Census) को लेकर बिहार की राजनीति (Bihar Politics) गरमायी हुई है. जातीय जनगणना पर नेता से लेकर आम नागरिक भी अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. वहीं, जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा है कि जातीय जनगणना पर केन्द्र सरकार का रवैया सकारात्मक है. केन्द्र के निर्णय के बाद ही आगे कोई बात होगी.
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'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर आए, तो उन्होंने कहा कि वे जातीय जनगणना को लेकर पॉजिटिव हैं. उम्मीद है कि भारत की सरकार पॉजिटिव निर्णय लेगी. जातीय जनगणना यदि राज्य सरकार कराती है, तो उससे काम नहीं चलने वाला है. मान सकते हैं कि थोड़ा लाभ हो सकता है लेकिन भारत सरकार कराएगी तो उसका व्यापक लाभ होगा.' -उपेंद्र कुशवाह, अध्यक्ष जदयू संसदीय बोर्ड
उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार यात्रा के क्रम में मुजफ्फरपुर के सर्किट हाउस में मीडियाकर्मियों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि संगठन को लेकर मुजफ्फरपुर ही नहीं पूरे बिहार में गुटबाजी और पुराने लोगों की उपेक्षा की बात सामने आ रही है. इसे लेकर वह अपना फीडबैक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देंगे.
उपेंद्र कुशवाह ने कहा कि संगठन स्तर पर जरूरत पड़ने पर व्यापक बदलाव होगा. अभी वे मुख्य रूप से संगठन और सरकार के काम को लेकर लोगों की अपेक्षा का आंकलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में जो विकास हो रहा उसका परिणाम है कि विरोधी दल को कोई मुद्दा नहीं मिल रहा.
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उन्होंने पोस्टर विवाद पर कहा कि यह जदयू की ओर से नहीं, बल्कि एक सामाजिक संगठन की ओर से जारी हुआ था. इस पर वे पहले ही अपनी नाराजगी जता चुके हैं. इस तरह के होर्डिंग से संगठन का भला नहीं होगा. इसलिए जो विकास हो रहा है उसमें सब मिलकर सहयोग करें.
मीडिया वार्ता के दौरान पूर्व विधान पार्षद दिनेश प्रसाद सिंह भी मौजूद थे. उनके आने के बाद ये बात फिर से शुरू हो गई कि क्या इनकी जदयू में घर वापसी हुई है? जब यह सवाल कुशवाहा से पूछा गया तो उन्होंने हंसकर टाल दिया.
मालूम हो कि पिछले विधानसभा चुनााव में दिनेश सिंह पर दल विरोधी काम करने का आरोप लगा था. इस बात पर पूर्व विधान पार्षद भी कुछ जवाब नहीं दिए. इतना कहा कि वे जदयू के मजबूत सिपाही हैं. जदयू के जो विरोधी हैं वे उनके बारे में गलत आरोप लगाते हैं. उससे कोई मतलब नहीं है.