मुजफ्फरपुर: बिहार प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी डॉ.अनिल कुमार दास भी अपनी अनूठी पहल की वजह से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के बीच गणितज्ञ आनंद की तरह चर्चित हो रहे हैं. गरीब मेधावी बच्चें भी आईएस,आईपीएस और बिहार प्रशासनिक सेवा के बड़े ओहदों पर पहुंच सके, ऐसे बच्चों को उड़ाने भरने के काबिल बना रहे हैं. मुजफ्फरपुर पश्चिम के एसडीओ डॉ.अनिल कुमार दास की पहल पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है.
ये भी पढ़ें- खेती में 'स्टेकिंग विधि' से हो रहा डबल मुनाफा, खिले किसानों के चेहरे
एसडीओ की पाठशाला
प्रशासनिक कामों के अत्यधिक बोझ के बीच भी मुजफ्फरपुर वेस्ट के एसडीओ डॉ.अनिल दास अपने इस काम के लिए हर साप्ताहिक अवकाश के दिन को छात्रों के लिए सुरक्षित रखते हैं. उनकी इस ओपन क्लास में फिलहाल 50 बच्चे प्रशासनिक प्रतियोगिता की तैयारी के लिए आते हैं.
डॉ.अनिल दास की अनूठी पहल
डॉ.अनिल दास के यहां आने वाले सभी युवा प्रतिभाशाली है, लेकिन इनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह इन उच्च प्रशासनिक परीक्षाओं की तैयारी के लिए बड़े शिक्षण संस्थान की फीस दे सकें. ऐसे बच्चों के सपनों की उड़ान में बाधा नहीं आए इसके लिए खुद डॉ.अनिल दास इन बच्चों को प्रतियोगिता के लिए निशुल्क तैयारी कराते हैं.
ये भी पढ़ें- अब सरकार ग्रामीण सड़कों का भी करेगी चौड़ीकरण, विभाग ने दिया सर्वे करने का निर्देश
सपनों में रंग भरने का कर रहे काम
बहरहाल, एसडीओ की विशेष पाठशाला की वजह से आज आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे भी ऊंचे प्रशासनिक पदों पर जाने का सपना बुन रहे हैं. ऐसे में मुजफ्फरपुर के इस युवा एसडीओ की अनूठी पहल निसंदेह समाज को नई दिशा देने के साथ तमाम बड़े प्रशासनिक अधिकारियों को भी एक मैसेज देने का काम कर रही है. अगर बड़े प्रशासनिक पदों पर बैठे लोग समाज और देश की तरक्की के लिए ईमानदारी से पहल करें तो हमारा देश दुनिया के दूसरे देशों से बहुत आगे होगा.