ETV Bharat / state

चमकी बुखार का कहर जारी, मोतिहारी और सीतामढ़ी के दो बच्चे SKMCH में भर्ती

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का दो और नया मामला सामने आया है. मोतिहारी और सीतामढ़ी के एक-एक बच्चों में एईएस की पुष्टि हुई है. बच्ची को एसकेएमसीएच (SKMCH) के पीकू वार्ड में भर्ती कराया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

Acute Encephalitis Syndrome
Acute Encephalitis Syndrome
author img

By

Published : Sep 24, 2021, 9:29 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार में वायरल फीवर (Viral Fever) के कहर बीच एक बार फिर चमकी बुखार (Chamki Fever In Muzaffarpur ) का कहर जारी है. सितंबर महीना खत्म होने को है, ऐसे में चमकी बुखार से जुड़े मामलों में तेजी दिख रही है. मोतिहारी और सीतामढ़ी के एक-एक बच्चों में एईएस (AES) की पुष्टि की गई है.

यह भी पढ़ें - सहरसा में तेजी से फैल रहा वायरल फीवर, शिशु रोग विशेषज्ञों ने दी ये सलाह

जिले में वायरल फीवर के जारी कहर के बीच चमकी बुखार का मामला लगातार सामने आया रहा है. बातते चलें कि यह पहला मौका है कि जब सितंबर में भी चमकी बुखार से जुड़े मामले लगातार सामने आ रहे है. सितंबर महीने में चमकी बुखार से जुड़े कुल छह मामले सामने आ चुके है. जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ी हुई है.

दरअसल, एसकेएमसीएच प्रशासन के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, गुरुवार को मोतिहारी के देशराज कुमार और सीतामढ़ी के अरु कुमारी (6 वर्षीय) में AES की पुष्टि हुई है. दोनों बच्चों को गंभीर हालत में एकेएमसीएच के पीकू वार्ड में भर्ती कराया गया है. जहां चिकित्सकों की देखरेख में उसका इलाज चल रहा है.

गौरतलब है कि, इस वर्ष चमकी बुखार से जुड़े AES के अब तक कुल 78 मामले सामने आए हैं. जिसमें से 75 मामले एसकेएमसीएच में तो तीन मामले केजरीवाल अस्पताल में सामने आए हैं. जिसमें से 17 बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है. अभी भी चमकी बुखार से जुड़े मामले के सामने आने से जिला प्रशासन और एसकेएमसीएच प्रशासन अलर्ट मोड पर है. बता दें कि चमकी बुखार में अक्सर रात के तीसरे पहर और सुबह तेज बुखार का अटैक आता है.

यह सावधानियां बरतें: चिकित्सकों के अनुसार ये बीमारी उन बच्चों पर ज्यादा प्रभावी होती है जिनका ग्लूकोज लेवल कम रहता है. यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग ने एईएस प्रभावित इलाकों में बच्चों को सही न्यूट्रीशन देने को कहा है. चमकी बुखार से बच्चों की जान बचाने के लिए समय पर इलाज जरूरी है.

तेज बुखार, शरीर में ऐंठन, बेहोशी और जबड़े कड़े होना चमकी बुखार के मुख्य लक्षण हैं. बच्चे में अगर ये लक्षण दिखें तो उसे जल्द से जल्द अस्पताल ले जाना चाहिए. चमकी बुखार से पीड़ित बच्चे को पानी और ओआरएस का घोल पिलाते रहना चाहिए. तेज बुखार हो तो शरीर को ताजे पानी से पोछना चाहिए. माथे पर गीले कपड़े की पट्टी लगानी चाहिए और डॉक्टर की सलाह के बाद ही दवा या अन्य सीरप देना चाहिए.

बता दें कि मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार का पहला मामला 1995 में सामने आया था. वहीं, पूर्वी यूपी में भी ऐसे मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. इस बीमारी के फैलने का कोई खास पैमाना तो नहीं है, लेकिन अत्यधिक गर्मी और बारिश की कमी के कारण अक्सर ऐसे मामले में बढ़ोतरी देखी गई है.

यह भी पढ़ें - छपरा में डेंगू की चपेट में आई 10 साल की बच्ची, 2 और बीमार

मुजफ्फरपुर: बिहार में वायरल फीवर (Viral Fever) के कहर बीच एक बार फिर चमकी बुखार (Chamki Fever In Muzaffarpur ) का कहर जारी है. सितंबर महीना खत्म होने को है, ऐसे में चमकी बुखार से जुड़े मामलों में तेजी दिख रही है. मोतिहारी और सीतामढ़ी के एक-एक बच्चों में एईएस (AES) की पुष्टि की गई है.

यह भी पढ़ें - सहरसा में तेजी से फैल रहा वायरल फीवर, शिशु रोग विशेषज्ञों ने दी ये सलाह

जिले में वायरल फीवर के जारी कहर के बीच चमकी बुखार का मामला लगातार सामने आया रहा है. बातते चलें कि यह पहला मौका है कि जब सितंबर में भी चमकी बुखार से जुड़े मामले लगातार सामने आ रहे है. सितंबर महीने में चमकी बुखार से जुड़े कुल छह मामले सामने आ चुके है. जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ी हुई है.

दरअसल, एसकेएमसीएच प्रशासन के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, गुरुवार को मोतिहारी के देशराज कुमार और सीतामढ़ी के अरु कुमारी (6 वर्षीय) में AES की पुष्टि हुई है. दोनों बच्चों को गंभीर हालत में एकेएमसीएच के पीकू वार्ड में भर्ती कराया गया है. जहां चिकित्सकों की देखरेख में उसका इलाज चल रहा है.

गौरतलब है कि, इस वर्ष चमकी बुखार से जुड़े AES के अब तक कुल 78 मामले सामने आए हैं. जिसमें से 75 मामले एसकेएमसीएच में तो तीन मामले केजरीवाल अस्पताल में सामने आए हैं. जिसमें से 17 बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है. अभी भी चमकी बुखार से जुड़े मामले के सामने आने से जिला प्रशासन और एसकेएमसीएच प्रशासन अलर्ट मोड पर है. बता दें कि चमकी बुखार में अक्सर रात के तीसरे पहर और सुबह तेज बुखार का अटैक आता है.

यह सावधानियां बरतें: चिकित्सकों के अनुसार ये बीमारी उन बच्चों पर ज्यादा प्रभावी होती है जिनका ग्लूकोज लेवल कम रहता है. यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग ने एईएस प्रभावित इलाकों में बच्चों को सही न्यूट्रीशन देने को कहा है. चमकी बुखार से बच्चों की जान बचाने के लिए समय पर इलाज जरूरी है.

तेज बुखार, शरीर में ऐंठन, बेहोशी और जबड़े कड़े होना चमकी बुखार के मुख्य लक्षण हैं. बच्चे में अगर ये लक्षण दिखें तो उसे जल्द से जल्द अस्पताल ले जाना चाहिए. चमकी बुखार से पीड़ित बच्चे को पानी और ओआरएस का घोल पिलाते रहना चाहिए. तेज बुखार हो तो शरीर को ताजे पानी से पोछना चाहिए. माथे पर गीले कपड़े की पट्टी लगानी चाहिए और डॉक्टर की सलाह के बाद ही दवा या अन्य सीरप देना चाहिए.

बता दें कि मुजफ्फरपुर में दिमागी बुखार का पहला मामला 1995 में सामने आया था. वहीं, पूर्वी यूपी में भी ऐसे मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. इस बीमारी के फैलने का कोई खास पैमाना तो नहीं है, लेकिन अत्यधिक गर्मी और बारिश की कमी के कारण अक्सर ऐसे मामले में बढ़ोतरी देखी गई है.

यह भी पढ़ें - छपरा में डेंगू की चपेट में आई 10 साल की बच्ची, 2 और बीमार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.