मुजफ्फरपुरः जिले में एईएस का मामला फिर से सामने आने लगा है. शुक्रवार को एईएस (चमकी बुखार) से पीड़ित दो और मासूम बच्चों ने दम तोड़ दिया. इसकेे साथ ही एईएस से मरने वालों बच्चों की मौत का आंकड़ा सात तक पहुंच गया है. कोरोना के बीच चमकी बुखार का कहर भी तेज हो चुका है. इन दोनों चुनौतियों से मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन जूझ रहा है.
इस साल अब तक एईएस के कुल 40 मामले सामने आ चुके हैं. जिसमे सात बच्चों की मौत इलाज के दौरान हो चुकी है. जबकि एईएस पीड़ित 2 बच्चे गंभीर अवस्था में पीकू वार्ड में भर्ती हैं. जबकि आज जो दो बच्चे की मौत हो गई. इसमें एक तीन वर्षीय बच्चे ने केजरीवाल अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा. जिसे समस्तीपुर से चिकित्सकों ने मुजफ्फरपुर रेफर किया था. गंभीर हालत में चमकी की शिकायत के बाद गुरुवार को केजरीवाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
अलग-अलग जिले के हैं बच्चे
एईएस से दूसरी मौत एसकेएमसीएच में हुई. जहां, शिवहर जिले से एक बच्चे को डायरिया और चमकी की शिकायत पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर किया गया था. सिविल सर्जन डॉक्टर एसपी सिंह के मुताबिक इस बच्चे ने एसकेएमसीएच मेडिकल कालेज अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया. वहीं, जिला प्रशासन ने दोंनो बच्चों की एईएस से मौत होने की पुष्टि कर दी है. बता दें कि पिछले साल डेढ़ सौ से ज्यादा बच्चों की एईएस यानी चमकी बुखार से मौत हुई थी. जिसने सिस्टम और सरकार की पोल खोल दी थी.
बच्चे की मौत पर जांच शुरू
लेकिन इस बार प्रशासनिक स्तर पर चमकी से बचाव को लेकर कई स्तर पर जागरुकता और पोषण से जुड़े कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. जिससे इस बार हालात काफी हद तक नियंत्रण में है. हालांकि, चमकी बुखार का सबसे अधिक मामला हर साल जून महीने में आया है. वहीं, शिवहर के चमकी बुखार से पीड़ित बच्चे की मौत को लेकर प्रशासनिक स्तर पर जांच शुरू हो गई है. इसमें बच्चें की गंभीर हालत के बीच रेफर करने के कारणों की जांच की जाएगी.