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नर कंकाल का सच: SKMCH में एक बार में फेंकी जाती है करीब 15 लाशें, जवाब दे सरकार? - Acute Encephalitis Syndrome

एसकेएमसीएच में नरकंकाल के सैंकड़ों अवशेष मिलना सरकार से कई सवाल पूछने को मजबूर करता है. बिहार की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच मुजफ्फरपुर के नामी अस्पताल एसकेएमसीएच प्रशासन की उदासीनता पर कार्रवाई की मांग भी करता है.

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Published : Jun 22, 2019, 9:43 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित श्री कृष्ण मेमोरियल कॉलेज अस्पताल (SKMCH) देश भर में चमकी पीड़ित बच्चों के लिए सुर्खियां में हैं. अस्पताल परिसर में नरकंकाल मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए हैं. वहीं, पूरे मामले में सुशासन सरकार पर सवार उठना लाजमी है.

सवालों के घेरे में एसकेएमसीएच प्रशासन है. सवाल सुशासन सरकार से भी हैं कि आखिर ये कंकाल किसके हैं. अगर मान भी लिया जाए कि ये लवारिस लाशों के पोस्टमार्टम करने के बाद फेंके गए कंकाल हैं. तो क्या इनका अंतिम संस्कार करने की बजाय उन्हें इस तरह फेंक दिया जाएगा. शवों के साथ हो रहे आमानवीय व्यवहार का जिम्मेदार कौन हैं.

'14 से 15 लाशें फेंकी जाती हैं'
वहीं, पूरे मामले के बारे में एसकेएमसीएच परिसर की देखरेख करने वाले जनक ने बताया कि ये पोस्टमार्टम की लाश हैं. रोजाना तकरीबन 14 से 15 लाशें यहां लायी जाती हैं. इनके लिए जलावन भी लाया जाता है. जो लाशें नहीं जल पाती हैं. उन्हीं के कंकाल बिखरे हुए हैं. उनसे जब सवाल किया गया कि इसकी शिकायत किसी से नहीं की, तो जनक ने कहा अब अस्पताल परिसर वालों का किया हुआ है तो शिकायत कैसी.

जवाब दे सरकार

जांच का दिया गया आदेश
नरकंकाल मिलने के बाद जिला प्रशासन ने पूरे मामले को संज्ञान में लिया है. जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष के निर्देश पर एसडीएम कुंदन कुमार और सिटी एसपी ने घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की जांच पड़ताल की. वहीं, एसकेएमसीएच में मिले कंकाल के लिए प्राचार्य डॉ. विकाश कुमार से पूछताछ की गई है.

बयानबाजी भी शुरू
पूरे मामले में एसडीएम कुंदन कुमार ने कहा कि जिस एरिया में कंकाल मिला है, वो अस्पताल का डिस्पोजल एरिया है. उन्होंने कहा कि इसका सारा लेखा-जोखा है. कंकाल डिस्पोजल ग्राउंड में मिले हैं. अनक्लेम्ड बॉडी लग रही है. हो सकता है मेडिकल स्टूडेंट्स की पढ़ाई में प्रयोग किया गया कंकाल हो.

अस्पताल अधीक्षक का बयान

  • अस्पताल अधीक्षक एसके शाही ने कहा कि पोस्टमार्टम हाउस का डिपार्टमेंट अस्पताल के प्रिंसिपल के अधीन है. मैं उनसे बात करूंगा और उनसे इसके लिए जांच कमेटी बनाने के लिए कहूंगा.
  • अमानवीय व्यवहार है, निंदा करता हूं.
  • नियम के मुताबिक शवों को श्मशान में जलाना चाहिए, इसके लिए अस्पताल फंड रिलीज करता है.

हावी हुआ विपक्ष
पूरे मामले में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने बयान देते हुए कहा कि ये शव गरीबों का हो सकते हैं. आंकड़ों को कम करने के लिए शवों को छिपा कर जलाया गया है. मांझी ने नीतीश कुमार से इसकी गहनता से जांच की मांग की है.

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित श्री कृष्ण मेमोरियल कॉलेज अस्पताल (SKMCH) देश भर में चमकी पीड़ित बच्चों के लिए सुर्खियां में हैं. अस्पताल परिसर में नरकंकाल मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए हैं. वहीं, पूरे मामले में सुशासन सरकार पर सवार उठना लाजमी है.

सवालों के घेरे में एसकेएमसीएच प्रशासन है. सवाल सुशासन सरकार से भी हैं कि आखिर ये कंकाल किसके हैं. अगर मान भी लिया जाए कि ये लवारिस लाशों के पोस्टमार्टम करने के बाद फेंके गए कंकाल हैं. तो क्या इनका अंतिम संस्कार करने की बजाय उन्हें इस तरह फेंक दिया जाएगा. शवों के साथ हो रहे आमानवीय व्यवहार का जिम्मेदार कौन हैं.

'14 से 15 लाशें फेंकी जाती हैं'
वहीं, पूरे मामले के बारे में एसकेएमसीएच परिसर की देखरेख करने वाले जनक ने बताया कि ये पोस्टमार्टम की लाश हैं. रोजाना तकरीबन 14 से 15 लाशें यहां लायी जाती हैं. इनके लिए जलावन भी लाया जाता है. जो लाशें नहीं जल पाती हैं. उन्हीं के कंकाल बिखरे हुए हैं. उनसे जब सवाल किया गया कि इसकी शिकायत किसी से नहीं की, तो जनक ने कहा अब अस्पताल परिसर वालों का किया हुआ है तो शिकायत कैसी.

जवाब दे सरकार

जांच का दिया गया आदेश
नरकंकाल मिलने के बाद जिला प्रशासन ने पूरे मामले को संज्ञान में लिया है. जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष के निर्देश पर एसडीएम कुंदन कुमार और सिटी एसपी ने घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की जांच पड़ताल की. वहीं, एसकेएमसीएच में मिले कंकाल के लिए प्राचार्य डॉ. विकाश कुमार से पूछताछ की गई है.

बयानबाजी भी शुरू
पूरे मामले में एसडीएम कुंदन कुमार ने कहा कि जिस एरिया में कंकाल मिला है, वो अस्पताल का डिस्पोजल एरिया है. उन्होंने कहा कि इसका सारा लेखा-जोखा है. कंकाल डिस्पोजल ग्राउंड में मिले हैं. अनक्लेम्ड बॉडी लग रही है. हो सकता है मेडिकल स्टूडेंट्स की पढ़ाई में प्रयोग किया गया कंकाल हो.

अस्पताल अधीक्षक का बयान

  • अस्पताल अधीक्षक एसके शाही ने कहा कि पोस्टमार्टम हाउस का डिपार्टमेंट अस्पताल के प्रिंसिपल के अधीन है. मैं उनसे बात करूंगा और उनसे इसके लिए जांच कमेटी बनाने के लिए कहूंगा.
  • अमानवीय व्यवहार है, निंदा करता हूं.
  • नियम के मुताबिक शवों को श्मशान में जलाना चाहिए, इसके लिए अस्पताल फंड रिलीज करता है.

हावी हुआ विपक्ष
पूरे मामले में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने बयान देते हुए कहा कि ये शव गरीबों का हो सकते हैं. आंकड़ों को कम करने के लिए शवों को छिपा कर जलाया गया है. मांझी ने नीतीश कुमार से इसकी गहनता से जांच की मांग की है.

Intro:मुजफ्फरपुर का एसकेएमसीएच चमकी बुखार से 180 बच्चों की मौत हो जाने के बाद सुर्खियों में है आज मुजफ्फरपुर कैंपस में कंकाल मिले हैं जहां पर पुलिस पहुंच कर नर कंकाल की जांच कर रही है समझने की कोशिश कर रही है कि कितने लोगों को एक साथ इस में दफनाया गया है जलाया गया है
मुजफ्फरपुर के सिटी एसपी भी पहुंचे उनका कहना था कि उसका जांच किया जा रहा है एसके सीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट और प्रिंसिपल से भी हमने बात की उनका यही कहना था कि यही पर जलाया जाता है

लेकिन सवाल यह उठता है कि एसकेसीएच कैंपस में ही शव को जलाया जाता है जिससे काफी वधू फैलती है मरीजों को काफी परेशानी होती है आसपास मोहल्ले वाले को भी काफी दिक्कत होती है आखिर क्यों जलाया जाता है
city sp niraj singh


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