ETV Bharat / state

बाढ़ और जलजमाव के कारण के तम्बाकू की खेती हुई प्रभावित, संकट में किसान

author img

By

Published : Dec 14, 2020, 4:12 PM IST

मुजफ्फरपुर के किसानों से तम्बाकू खरीदने उत्तर प्रदेश और झारखंड तक के व्यापारी आते हैं. लेकिन इस बार बाढ़ और जलजमाव की वजह से इन इलाकों में महज 50 फीसदी ही तंबाकू की खेती हो पाई है.

muzaffarpur
muzaffarpur

मुजफ्फरपुरः तम्बाकू को कम समय और कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल कहा जाता है. यही वजह है कि मुजफ्फरपुर के कई प्रखंडों में किसान नकदी फसल के रूप में तम्बाकू की खेती करते हैं. लेकिन इस बार बाढ़ और जलजमाव के कारण कई इलाकों में नमी कि अधिकता और जलजमाव की समस्या हो गई. इस वजह से किसान तंबाकू की खेती नहीं कर पाए. इससे तंबाकू उत्पादक किसानों के सामने आजीविका को लेकर संकट खड़ी हो गई है.

बाढ़ और जलजमाव की समस्या
मुजफ्फरपुर जिले में बड़ी मात्रा में तम्बाकू की खेती की जाती है. जिले के मीनापुर, पानापुर, तुर्की, कांटी, मड़वन और औराई प्रखंड में करीब 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसान तम्बाकू की खेती करते हैं. इन इलाकों के किसानों से तम्बाकू खरीदने उत्तर प्रदेश और झारखंड तक के व्यापारी आते हैं. लेकिन इस बार बाढ़ और जलजमाव की वजह से इन इलाकों में महज 50 फीसदी ही तंबाकू की खेती हो पाई है. इसका सीधा असर किसानों की आमदनी पर होगा. इससे किसान काफी परेशान हैं.

muzaffarpur
तंबाकू की फसल

कम खर्चे में ज्यादा मुनाफा
जिले में पिछले कुछ सालों से तंबाकू की खेती में लगातार इजाफा हो रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह कम खर्चे में ज्यादा मुनाफा है. साथ ही नीलगाय से तम्बाकू की फसल को नुकसान नहीं होता है. लेकिन इस बार बाढ़ और नमी ने किसानों की तंबाकू से होने वाली आमदनी पर पानी फेर दिया है.

संकट में किसान

परिवार के भरण पोषण की चिंता
गौरतलब है कि तंबाकू की एक एकड़ फसल के लिए करीब पंद्रह हजार रूपये की लागत आती है जबकि एक एकड़ जमीन मे तंबाकू की अच्छी फसल होने पर किसान को एक से डेढ़ लाख रुपये तक कि आमदनी हो जाती है. ऐसे में इस बार किसानों को अपने परिवार के भरण पोषण की चिंता सताने लगी है.

मुजफ्फरपुरः तम्बाकू को कम समय और कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल कहा जाता है. यही वजह है कि मुजफ्फरपुर के कई प्रखंडों में किसान नकदी फसल के रूप में तम्बाकू की खेती करते हैं. लेकिन इस बार बाढ़ और जलजमाव के कारण कई इलाकों में नमी कि अधिकता और जलजमाव की समस्या हो गई. इस वजह से किसान तंबाकू की खेती नहीं कर पाए. इससे तंबाकू उत्पादक किसानों के सामने आजीविका को लेकर संकट खड़ी हो गई है.

बाढ़ और जलजमाव की समस्या
मुजफ्फरपुर जिले में बड़ी मात्रा में तम्बाकू की खेती की जाती है. जिले के मीनापुर, पानापुर, तुर्की, कांटी, मड़वन और औराई प्रखंड में करीब 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसान तम्बाकू की खेती करते हैं. इन इलाकों के किसानों से तम्बाकू खरीदने उत्तर प्रदेश और झारखंड तक के व्यापारी आते हैं. लेकिन इस बार बाढ़ और जलजमाव की वजह से इन इलाकों में महज 50 फीसदी ही तंबाकू की खेती हो पाई है. इसका सीधा असर किसानों की आमदनी पर होगा. इससे किसान काफी परेशान हैं.

muzaffarpur
तंबाकू की फसल

कम खर्चे में ज्यादा मुनाफा
जिले में पिछले कुछ सालों से तंबाकू की खेती में लगातार इजाफा हो रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह कम खर्चे में ज्यादा मुनाफा है. साथ ही नीलगाय से तम्बाकू की फसल को नुकसान नहीं होता है. लेकिन इस बार बाढ़ और नमी ने किसानों की तंबाकू से होने वाली आमदनी पर पानी फेर दिया है.

संकट में किसान

परिवार के भरण पोषण की चिंता
गौरतलब है कि तंबाकू की एक एकड़ फसल के लिए करीब पंद्रह हजार रूपये की लागत आती है जबकि एक एकड़ जमीन मे तंबाकू की अच्छी फसल होने पर किसान को एक से डेढ़ लाख रुपये तक कि आमदनी हो जाती है. ऐसे में इस बार किसानों को अपने परिवार के भरण पोषण की चिंता सताने लगी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.