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बंदरों के आतंक से लोगों में खौफ, बच्चों और बुजुर्गों का घर से बाहर निकलना मुश्किल - बंदर ने किया घायल

मुजफ्फरपुर के किशुनगर, ढेमहा एक फुलकाहा में ही बंदरों ने दर्जन से अधिक लोगों पर हमला कर उन्हें जख्मी कर चुके हैं. बंदरों के अचानक हमले और काटने से गंभीर घायल कई बच्चे और महिलाएं अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं.

Muzaffarpur
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Published : Mar 12, 2021, 9:20 PM IST

मुजफ्फपुर: जिले के कांटी प्रखंड के करीब एक दर्जन गांव में इन दिनों लोग बंदरों के आतंक से जूझ रहे हैं. बंदर पिछले एक सप्ताह में दर्जनों लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं. ऐसे में उत्पाती बंदरों के खौफ से बच्चों और बुजुर्गों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.

बंदर किशुनगर, ढेमहा एक फुलकाहा में ही दो दर्जन से अधिक लोगों पर हमला कर उन्हें जख्मी कर चुके हैं. बंदरों के अचानक हमले और काटने से गंभीर घायल कई बच्चे और महिलाएं अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं.

कांटी प्रखंड मुख्यालय से सटे दर्जनों गांवों में बंदरों के उत्पात के बाद भी कांटी नगर पंचायत के अधिकारी और वन विभाग के अधिकारी इस विकट समस्या को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. जिसका खामियाजा अब ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. बंदरों का खौफ का आलम यह है कि अब बंदरों के उत्पात की वजह से अब ग्रामीण दिन में डंडा लेकर घरों से बाहर निकल रहे हैं.

देखें रिपोर्ट...

ये भी पढ़ें: उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू की ओर किया रुख तो टूटी पार्टी, 2 दर्जन से अधिक नेताओं ने थामा लालटेन

अब गाव वालों के साथ साथ बंदर राष्ट्रीय राजमार्ग 28 से गुजरने वाले राहगीरों पर हमला कर उन्हें घायल कर रहे हैं. सड़क पर गुजरने बाले राहगीरों और आबादी बाले इलाकों में बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को बंदर आसानी से अपना शिकार बनाते हैं. मुज़फ्फरपुर के कांटी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्यकर्मी नीरज ने बताया की प्रतिदिन केंद्र पर बन्दर के काटने के 8 से 10 मामले आ रहे हैं.

मुजफ्फपुर: जिले के कांटी प्रखंड के करीब एक दर्जन गांव में इन दिनों लोग बंदरों के आतंक से जूझ रहे हैं. बंदर पिछले एक सप्ताह में दर्जनों लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं. ऐसे में उत्पाती बंदरों के खौफ से बच्चों और बुजुर्गों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.

बंदर किशुनगर, ढेमहा एक फुलकाहा में ही दो दर्जन से अधिक लोगों पर हमला कर उन्हें जख्मी कर चुके हैं. बंदरों के अचानक हमले और काटने से गंभीर घायल कई बच्चे और महिलाएं अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं.

कांटी प्रखंड मुख्यालय से सटे दर्जनों गांवों में बंदरों के उत्पात के बाद भी कांटी नगर पंचायत के अधिकारी और वन विभाग के अधिकारी इस विकट समस्या को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. जिसका खामियाजा अब ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. बंदरों का खौफ का आलम यह है कि अब बंदरों के उत्पात की वजह से अब ग्रामीण दिन में डंडा लेकर घरों से बाहर निकल रहे हैं.

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अब गाव वालों के साथ साथ बंदर राष्ट्रीय राजमार्ग 28 से गुजरने वाले राहगीरों पर हमला कर उन्हें घायल कर रहे हैं. सड़क पर गुजरने बाले राहगीरों और आबादी बाले इलाकों में बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को बंदर आसानी से अपना शिकार बनाते हैं. मुज़फ्फरपुर के कांटी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्यकर्मी नीरज ने बताया की प्रतिदिन केंद्र पर बन्दर के काटने के 8 से 10 मामले आ रहे हैं.

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