मुजफ्फरपुर: आम सभी को पसंद होता है. आम के सीजन में तरह-तरह के आम बाजारों में बिकते हैं जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं लेकिन डायबिटीज के मरीज काफी पसंद होने के बाद भी आम का मजा नहीं उठा पाते और मन महसोस कर रह जाते हैं. अब ऐसे शुगर के मरीज भी आम का मजा ले सकेंगे क्योंकि बिहार के एक किसान भूषण सिंह (Muzaffarpur Farmer Bhushan Singh) ने शुगर फ्री आम (Muzaffarpur Sugar Free Mango) अपने बागान में उगाए हैं. इस आम की खासियत जान सभी हैरान हैं. इसका रंग, आकार, खुशबू सब कुछ बाकी आमों से अलग है. इस आम को इसकी खूबसूरती के कारण ही 'अमेरिकन ब्यूटी' (American Beauty Mango In Muzaffarpur ) भी कहा जाता है.
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किसान भूषण सिंह ने कहा- 'शुगर फ्री है आम': मुजफ्फरपुर से 6 किलोमीटर दूर मुशहरी गांव के रहने वाले किसान भूषण सिंह का दावा है कि यह आम शुगर फ्री है. इस आम का स्वाद भी अन्य आमों से इसी कारण से अलग है, इसमें मिठास कम है. अमेरिकन ब्यूटी मैंगो का आकार और रंग साधारण आम से अलग होता है. किसान भूषण सिंह की मानें तो इस आम को तैयार होने में पांच महीने का समय लगता है. जुलाई में अमेरिकन ब्यूट मैंगो पक कर तैयार हो जाएगा. कृषि विश्वविद्यालय समस्तीपुर और राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र मुजफ्फरपुर के वैज्ञानिकों ने भी इस आम का स्वाद चखा है.
"छोटे पौधे में ही आम लगना शुरू हो जाता है. यह रंग बदलता है. 16 बार रंग बदलता है. सबसे बड़ी बात ये आम शुगर फ्री है. पौधा लगाने के दो साल के अंदर यह फल देना शुरू कर देता है. हमारा पौधा सुख चुका था इसको हमने उपचारित किया है. यह आम चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके रंग के कारण और शुगर फ्री होने के चलते इसका दाम ज्यादा है."- भूषण सिंह, किसान
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के सह निदेशक अनुसंधान एवं प्रधान अन्वेषक, अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (फल) डॉ. एस. के. सिंह कहते हैं कि आम कम मीठा है, तो स्वभाविक है कि मधुमेह के रोगियों के लिए बेहतर हो.
'पश्चिम बंगाल से लाया गया था पौधा': शुगर फ्री अमेरिकन ब्यूटी को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं और पौधे की डिमांड करते हैं. किसान भूषण सिंह पश्चिम बंगाल से इस आम के किस्म के चार पौधे लेकर आए थे. उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल से लाकर अपने बगीचे में आम के बीज लगाए लेकिन वह पनप नहीं सका. उसे फिर से उपचारित किया गया और इसमें पूरे 6 साल का समय लग गया. 6 साल बाद आम के पेड़ में फल आए हैं.
आम की खासियत से बढ़ी डिमांड: इस आम की खसियत के कारण ही इसकी मांग काफी बढ़ गयी है. भूषण सिंह बताते है की जब से यह आम चर्चा में आया है, तब से इसके पौधे की मांग बढ़ गई है. जो भी इस आम को देखता है वह एक बार इसके पौधे की मांग जरूर करता है क्योंकि इसके पौधे के लिए बहुत बड़ी जगह की जरूरत नहीं पड़ती है बल्कि छोटी सी जगह पर भी इसके पौधे अच्छे से बड़े होकर फल दे सकते हैं. अमेरिकन ब्यूटी मैंगो ट्री की डिमांड तो बढ़ी है लेकिन बिहार में अभी तक इसके पौधे की नर्सरी नहीं है.
क्यों कहते हैं 'अमेरिकन ब्यूटी'? : दिखने में यह आम जैसा नहीं लगता है लेकिन स्वाद इसका आम जैसा ही है. फलों के राजा की एक प्रजाति होने के कारण इसे अमेरिकन ब्यूटी कहा जाता है. इसका आकार सामान्य आम से अलग है और यह थोड़ा बड़ा भी होता है. इस आम को देखकर लोग अचरज में पड़ जा रहे हैं. इसका रंग आकार आम की तरह नहीं है. ऐसे में लोगों को यकीन नहीं हो रहा कि यह वाकई आम की एक प्रजाति है.
16 बार रंग बदलता है आम: किसान भूषण सिंह ने बताया कि इस आम का मंजर और दाना दूसरे आमों की तरह निकलता है लेकिन शुरू से लेकर पकने तक यह आम कई बार अपना रंग बदलता है. लगभग 16 बार यह आम अपना रंग बदलता है. वहीं पूरी तरह पक जाने के बाद यह आम लाल रंग का हो जाता है. पकने के समय इसका वजन बहुत ज्यादा होता है. करीबन आधा किलो से ज्यादा इसका वजन हो जाता है. आमतौर पर इसका वजन चार सौ ग्राम होता है. अमेरिकन ब्यूटी की कई खासियतों के कारण बाजार में इसकी कीमत भी ज्यादा होती है. बताया जा रहा है कि एक किलो आम के लिए लोगों को चार हजार रुपए तक चुकाना पड़ रहा है.
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