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SKMCH पहुंचे शरद यादव, बोले- दुनिया इतनी आगे निकल गई, हमें AES के कारणों का पता नहीं

शरद यादव ने एसकेएमसीएच पहुंचकर वार्ड का जायजा लिया. उन्होंने इस दौरान चमकी पीड़ित के परिजनों से मुलाकात की.

शरद यादव, लोकतांत्रिक जनता दल के मुखिया
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Published : Jun 20, 2019, 4:59 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार में चमकी से हाहाकार मचा हुआ है. इस बीमारी से अब तक 168 बच्चों की जान जा चुकी है. वहीं एसकेएमसीएच में नेताओं का आना जाना लगा हुआ है. इसी क्रम में शरद यादव एसकेएमसीएच पहुंचे. यहां उन्होंने वार्ड का जायजा लिया. साथ ही चमकी पीड़ित के परिजनों से मिले. इस दौरान उन्होंने नीतीश सरकार पर निशाना भी साधा.

अस्पताल से बाहर निकलते वक्त शरद यादव ने कहा कि हॉस्पीटल में बाहर से बहुत से डॉक्टर आ गये हैं. डॉक्टर चुनौती से निबटने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछली बार के वादे पूरे हुए होते तो ऐसे हादसे नहीं होते. उन्होंने कहा कि दुनिया बहुत आगे है लेकिन आजतक हम इसके कारणों के बारे में नहीं जान पाए हैं.

शरद यादव, लोकतांत्रिक जनता दल के मुखिया

नेताओं के दौरे से मरीज होते हैं परेशान
शरद यादव ने कहा कि मै एक इंसान के नाते आया हूं. यहां व्यवस्था पूरी तरह से फेल्योर है. वहीं तेजस्वी के आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह भी आएंगे...वो भी आएंगे...उन्होंने कहा कि पेशेंट को दिक्कत ना हो इसलिए नेता ज्यादा ना पहुंचे तो बेहतर है. उन्होंने कहा कि वार्ड में बहुत भीड़ है. जगह की कमी है. नेताओं का दौरा मरीजों को परेशान कर सकता है.

सर्वाधिकार के साथ मंत्री की लगे ड्यूटी
नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए शरद ने कहा कि ऐसा है कि इन सारी बातों पर जिस तरह की तैयारी हो रही है. वह पहले से होती तो ज्यादा बेहतर होता. उन्होंने कहा कि यहां एक सक्षम मंत्री की ड्यूटी लगनी चाहिए सर्वाधिकार के साथ ताकि चमकी पर पूरी तरह से काबू पाने में मदद मिल सके.

चमकी से अब तक 168 बच्चों की मौत
बता दें कि मुजफ्फरपुर व आसपास के जिले में एईएस (चमकी बुखार) से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. अब तक इस बीमारी से 168 बच्चों की मौत हो चुकी है. 19 वें दिन बुधवार को देर रात तक मुजफ्फरपुर में कुल 8 बच्चों की जान इस बीमारी से चली गई. इनमे से 7 बच्चों की मौत एसकेएमसीएच व एक की केजरीवाल अस्पताल में हुई है.

बच्चों की मौत का आधिकारिक आंकड़ा 113
डॉक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी अभी भी बीमारी की सटीक प्रकृति और सटीक कारण के बारे में अंधेरे में हैं. राज्य और केंद्र सरकारों के पास भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मुजफ्फरपुर और पड़ोसी जिलों में अबतक 113 बच्चों की मौत हो चुकी है.

मुजफ्फरपुर में की गई 11 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती
राज्य के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि दरभंगा, सुपौल और मधुबनी के कुल 11 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती मुजफ्फरपुर में की गयी है. इसके अलावा अन्य जिलों में तैनात तीन बाल रोग विशेषज्ञों और 12 नर्सों को मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है.

क्या हैं चमकी बुखार के लक्षण?
एईएस (एक्टूड इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) और जेई (जापानी इंसेफलाइटिस) को उत्तरी बिहार में चमकी बुखार कहते हैं. इससे पीड़ित बच्चों को तेज बुखार आता है और शरीर में ऐंठन होती है. इसके बाद बच्चे बेहोश हो जाते हैं. बच्चों को उलटी और चिड़चिड़ेपन की शिकायत भी रहती है.

मुजफ्फरपुर: बिहार में चमकी से हाहाकार मचा हुआ है. इस बीमारी से अब तक 168 बच्चों की जान जा चुकी है. वहीं एसकेएमसीएच में नेताओं का आना जाना लगा हुआ है. इसी क्रम में शरद यादव एसकेएमसीएच पहुंचे. यहां उन्होंने वार्ड का जायजा लिया. साथ ही चमकी पीड़ित के परिजनों से मिले. इस दौरान उन्होंने नीतीश सरकार पर निशाना भी साधा.

अस्पताल से बाहर निकलते वक्त शरद यादव ने कहा कि हॉस्पीटल में बाहर से बहुत से डॉक्टर आ गये हैं. डॉक्टर चुनौती से निबटने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछली बार के वादे पूरे हुए होते तो ऐसे हादसे नहीं होते. उन्होंने कहा कि दुनिया बहुत आगे है लेकिन आजतक हम इसके कारणों के बारे में नहीं जान पाए हैं.

शरद यादव, लोकतांत्रिक जनता दल के मुखिया

नेताओं के दौरे से मरीज होते हैं परेशान
शरद यादव ने कहा कि मै एक इंसान के नाते आया हूं. यहां व्यवस्था पूरी तरह से फेल्योर है. वहीं तेजस्वी के आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह भी आएंगे...वो भी आएंगे...उन्होंने कहा कि पेशेंट को दिक्कत ना हो इसलिए नेता ज्यादा ना पहुंचे तो बेहतर है. उन्होंने कहा कि वार्ड में बहुत भीड़ है. जगह की कमी है. नेताओं का दौरा मरीजों को परेशान कर सकता है.

सर्वाधिकार के साथ मंत्री की लगे ड्यूटी
नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए शरद ने कहा कि ऐसा है कि इन सारी बातों पर जिस तरह की तैयारी हो रही है. वह पहले से होती तो ज्यादा बेहतर होता. उन्होंने कहा कि यहां एक सक्षम मंत्री की ड्यूटी लगनी चाहिए सर्वाधिकार के साथ ताकि चमकी पर पूरी तरह से काबू पाने में मदद मिल सके.

चमकी से अब तक 168 बच्चों की मौत
बता दें कि मुजफ्फरपुर व आसपास के जिले में एईएस (चमकी बुखार) से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. अब तक इस बीमारी से 168 बच्चों की मौत हो चुकी है. 19 वें दिन बुधवार को देर रात तक मुजफ्फरपुर में कुल 8 बच्चों की जान इस बीमारी से चली गई. इनमे से 7 बच्चों की मौत एसकेएमसीएच व एक की केजरीवाल अस्पताल में हुई है.

बच्चों की मौत का आधिकारिक आंकड़ा 113
डॉक्टर और स्वास्थ्य अधिकारी अभी भी बीमारी की सटीक प्रकृति और सटीक कारण के बारे में अंधेरे में हैं. राज्य और केंद्र सरकारों के पास भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मुजफ्फरपुर और पड़ोसी जिलों में अबतक 113 बच्चों की मौत हो चुकी है.

मुजफ्फरपुर में की गई 11 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती
राज्य के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि दरभंगा, सुपौल और मधुबनी के कुल 11 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती मुजफ्फरपुर में की गयी है. इसके अलावा अन्य जिलों में तैनात तीन बाल रोग विशेषज्ञों और 12 नर्सों को मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है.

क्या हैं चमकी बुखार के लक्षण?
एईएस (एक्टूड इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) और जेई (जापानी इंसेफलाइटिस) को उत्तरी बिहार में चमकी बुखार कहते हैं. इससे पीड़ित बच्चों को तेज बुखार आता है और शरीर में ऐंठन होती है. इसके बाद बच्चे बेहोश हो जाते हैं. बच्चों को उलटी और चिड़चिड़ेपन की शिकायत भी रहती है.

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