मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में खुदीराम बोस को फांसी दी गई थी. 11 अगस्त को आज ही के दिन वे हंसते-हंसते फांसी पर चढ़ गए थे. शहीद खुदीराम बोस की याद में शुक्रवार को केंद्रीय कारा में शहादत दिवस मनाई गई. इस दौरान जिले के तमाम वरीय अधिकारी मौजूद रहे.
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वरीय अधिकारी हुए शामिलः शहीद खुदीराम बोस के शहादत दिवस के मौके पर केंद्रीय कारा मुजफ्फरपुर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजन किया गया. जिले के सभी वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे. तिरहुत आयुक्त गोपाल मीणा, तिरहुत आईजी पंकज कुमार सिन्हा, डीएम प्रणव कुमार, एसएसपी राकेश कुमार, सिटी एसपी डीएसपी, टाउन एसडीओ पूर्वी ज्ञान प्रकाश, मुसहरी बीडीओ चंदन कुमार व जेल अधीक्षक बृजेश सिंह मेहता और पूर्व नगर एवं विकास मंत्री सुरेश शर्मा भी मौजूद रहें.
श्रद्धा सुमन अर्पित कियाः जिला प्रशासन द्वारा शहादत दिवस के उपलक्ष में कई आमजनों को भी शहीदस्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने का मौका दिया गया. शुक्रवार को 110 व्यक्तियों ने शहीद स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर शहीद खुदीराम बोस को याद किया. इस दौरान बंगाल से उनके गांव के लोग भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान तिरहुत आईजी पंकज कुमार सिन्हा ने कहा कि आज पूरा देश बोस को याद कर रहा है.
"वीर सपूत के शहादत दिवस पर हमलोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं. शहीद खुदीराम बोस के गांव के लोगों भी आए हुए हैं. उनलोगों के प्रति हमलोगों का आभार है कि काफी समय बाद भी वे लोग यहां आते हैं. मुजफ्फरपुर वासी, बिहार और पूरा देश वासी आज खुदीराम बोस को याद कर रहा है." -पंकज सिन्हा, आईजी, तिरहुत
मुजफ्फरपुर में बोस को फांसी हुई थीः शहीद खुदीराम बोस मूल रूप से बंगाल के मिदनापुर गांव के रहने वाले थे. उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में स्वतंत्रता सेनानी की भूमिका अदा की थी. खुदीराम बोस को अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर बिहार के मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी थी. उस वक्त बिहार बंगाल प्रेसीडेंसी में ही आता था. उन्हीं की याद में फांसी स्थल पर हर साल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता है.