मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर में मेडिकल छात्र ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ हंगामा किया (Protest For Hostel In Muzaffarpur) है. जिले के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में छात्रों से पूरे आठ घंटे तक अस्पताल में काम करवाया जाता है. आरोप है कि उन्हें न तो रहने के लिए हॉस्टल न ही काम करने का मेहताना के रूप में स्टाईपेंड दिया जाता है. इसी दो सूत्री मांग को लेकर पारामेडिकल के छात्रों ने कॉलेज कैंपस में हंगामा किया है. इस पूरे मामले पर अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि हम इन छात्रों की मांग को विभाग के सामने रखेंगे.
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पारा मेडिकल इंटर्नशिप: उत्तर बिहार स्थित एसकेएमसीएच में पारा मेडिकल इंटर्नशिप छात्रों को रहने के लिए हॉस्टल के लिए सुविधा नहीं दी जा रही है. इसके लिए छात्र कई दिनों से मांग कर रहे हैं. लेकिन इस बात की ओर न ही सरकार को और न ही कॉलेज प्रशासन का ध्यान इन बच्चों की ओर जा रही है. कॉलेज में कई कोशिशों के बावजूद छात्रों को कोई सफलता नहीं मिली तब उनलोगों ने हंगामा शुरू कर दिया और अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की बात कही.
जब इस तरह की बात अस्पताल अधीक्षक डॉ. बी.एस. झा (SKMCH College Superintendent BS Jha) के पास पहुंची तो उन्होंने सारे छात्रों और छात्राओं को अपने ऑफिस में बुलाकर समझाते हुए कहा कि हम आपलोगों की बात को सरकार तक जरूर पहुंचायेंगे. उन्होंने कहा कि अगर एक दो छात्रों की बातें रहती तो हॉस्टल का उपाय किया जा सकता था लेकिन आपलोगों की संख्याबल ज्यादा हो तो इसके लिए स्थायी व्यवस्था तो सरकार ही कर सकती है.
छात्रों को नहीं मिल रहा स्टाइपेंड और हॉस्टल: आंदोलित छात्रों का कहना है कि अगर हम लोग इंटर्नशिप नहीं करते हैं, तो कैसे किसी बीमारी के बारे में विशेष जानकारी ले पायेंगे. जब तक हमलोगों को जानकारी नहीं होगी तब तक हमलोग कैसे कुछ भी सीख पायेंगे, सिर्फ अपना डॉक्टर का सर्टिफिकेट लेकर घूमते रहेंगे. कॉलेज प्रशासन को सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की जवाबदेही होती है लेकिन यहां व्यवस्था करने वाले लोग इस बात को टाल देते हैं.
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अधीक्षक ने कहा-करेंगे सरकार से बात: वहीं इस पूरे मामले पर अस्पताल अधीक्षक डॉ बीएन झा ने कहा कि 'छात्रों की समस्या को सरकार तक पहुंचाने का काम करेंगे. यह सरकार के नीतियों का मामला है, एक दो छात्र के हॉस्टल का मामला नहीं है इन छात्रों का संख्या ज्यादा है, इसलिए यह समस्या का समाधान सरकार ही कर पाएगी . अब देखना यह होगा कि क्या अब सूबे के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव (Health Minister Tejasawi yadav) इस मामले का हल निकाल पाएंगे..?
'बच्चों को हॉस्टल और स्टाइपेंड नहीं मिल रहा है इसके लिए उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. इनको रखने के लिए हमारे पास संसाधन नहीं हैं. इनलोगों का मांग है कि स्टाइपेंड नहीं मिलता. यह तो सरकार के स्तर से बात होगी. हम इन छात्रों की समस्या के निदान के लिए सरकार से जरुर बात करेंगे'. - डॉ बीएन झा, अस्पताल अधीक्षक मुजफ्फरपुर