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मुजफ्फरपुरः जलजमाव की समस्या से ग्रामीण परेशान, वोट बहिष्कार का फैसला

ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव में नेताओं को सबक सिखाने के लिए वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है. ग्रामीणों ने इस बार सड़क नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया है.

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Published : Aug 18, 2020, 6:44 PM IST

Updated : Sep 22, 2020, 10:35 PM IST

मुजफ्फरपुरः जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर की दूरी पर बसे कुढ़नी प्रखंड के खरौना जयराम गांव के 200 परिवार आज भी पगडंडी पर चलने को विवश हैं. जलजमाव को लेकर ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है. ऐसे में इस बार यहां के लोगों ने जनप्रतिनिधियों को सबक सिखाने का फैसला किया है.

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खराब सड़क पर चलने को लोग मजबूर

जलजमाव की समस्या से ग्रामीण परेशान
कुढ़नी प्रखंड के जयराम खरौना गांव जिला मुख्यालय से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है. इस गांव में 200 परिवार रहते हैं. इन लोगों को गांव से मुख्य सड़क तक आने के लिए एक मात्र विकल्प पगडंडी सड़क ही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

सड़क नहीं तो वोट नहीं का नारा
ग्रामीण बताते हैं कि शादी-ब्याह के मौके पर और परेशानी बढ़ जाती है. सड़क निर्माण की मांग वर्षों से की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई सुध लेने को तैयार नहीं है. इस क्षेत्र से कई बार विधायक-सांसद बदले, लेकिन किसी ने ग्रामीणों की समस्याएं नहीं सुनी. इस बार ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव में नेताओं को सबक सिखाने के लिए वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है. ग्रामीणों ने इस बार सड़क नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया है.

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ऊबड़-खाबड़ सड़क

पगडंडी बनी सहारा
जिला मुख्यालय से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर बसे इस गांव में सरकार की योजनाएं दम तोड़ देती है. आज भी ग्रामीणों को पगडंडी के सहारे गांव से बाहर निकलना पड़ता है. ऐसे में हर गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह योजना विफल साबित हो रही है.

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खेत में भरा पानी

मुजफ्फरपुरः जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर की दूरी पर बसे कुढ़नी प्रखंड के खरौना जयराम गांव के 200 परिवार आज भी पगडंडी पर चलने को विवश हैं. जलजमाव को लेकर ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है. ऐसे में इस बार यहां के लोगों ने जनप्रतिनिधियों को सबक सिखाने का फैसला किया है.

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खराब सड़क पर चलने को लोग मजबूर

जलजमाव की समस्या से ग्रामीण परेशान
कुढ़नी प्रखंड के जयराम खरौना गांव जिला मुख्यालय से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है. इस गांव में 200 परिवार रहते हैं. इन लोगों को गांव से मुख्य सड़क तक आने के लिए एक मात्र विकल्प पगडंडी सड़क ही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

सड़क नहीं तो वोट नहीं का नारा
ग्रामीण बताते हैं कि शादी-ब्याह के मौके पर और परेशानी बढ़ जाती है. सड़क निर्माण की मांग वर्षों से की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई सुध लेने को तैयार नहीं है. इस क्षेत्र से कई बार विधायक-सांसद बदले, लेकिन किसी ने ग्रामीणों की समस्याएं नहीं सुनी. इस बार ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव में नेताओं को सबक सिखाने के लिए वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है. ग्रामीणों ने इस बार सड़क नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया है.

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ऊबड़-खाबड़ सड़क

पगडंडी बनी सहारा
जिला मुख्यालय से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर बसे इस गांव में सरकार की योजनाएं दम तोड़ देती है. आज भी ग्रामीणों को पगडंडी के सहारे गांव से बाहर निकलना पड़ता है. ऐसे में हर गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह योजना विफल साबित हो रही है.

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खेत में भरा पानी
Last Updated : Sep 22, 2020, 10:35 PM IST
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