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Muzaffarpur News: SKMCH में 29 हुई AES पीड़ितों की संख्या, 3 साल के मासूम में चमकी की पुष्टि

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Published : Jun 12, 2021, 5:35 PM IST

Updated : Jun 12, 2021, 6:39 PM IST

मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) के एसकेएमसीएच (SKMCH) में चमकी से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ गई है. बेतिया के रहने वाले 3 साल के मासूम में चमकी की पुष्टि के बाद संख्या बढ़कर 29 हो गई है.

एसकेएमसीएच
एसकेएमसीएच

मुजफ्फरपुर: बिहार में चमकी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. बेतिया के रहने वाले 3 साल के मासूम में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) की पुष्टि के बाद मरीजों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है. चमकी से पीड़ित बच्चों का श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में इलाज चल रहा है.

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर: SKMCH में भर्ती दो और बच्चों में चमकी बुखार की पुष्टि, पीड़ितों की संख्या बढ़कर 25

ताजा जानकारी के अनुसार श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) के पीकू वार्ड में फिलहाल चमकी बुखार के 4 बच्चे भर्ती हैं. जिसमें 3 बच्चों में AES की पुष्टि पहले ही हो चुकी है. वहीं शनिवार को बेतिया के रहने वाले तीन वर्षीय बच्चे ऋषि में चमकी की पुष्टि हुई है.

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर के SKMCH पहुंचे तेज प्रताप, नीतीश सरकार से मांगा इस्तीफा

गौरतलब है कि इस वर्ष अभी तक 29 बच्चों में AES की पुष्टि हो चुकी है. जिसमें से 6 बच्चों की इलाज के दौरान मौत भी हो चुकी है. मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के जिलों में लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

क्या है AES?
अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी AES शरीर के मुख्य नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है. यह रोग खासतौर पर बच्चों में होता है.

AES के लक्षण

  • इसकी शुरुआत तेज बुखार से होती है.
  • फिर शरीर में ऐंठन महसूस होती है.
  • इसके बाद शरीर के तंत्रिका संबंधी काम में रुकावट होने लगती है.
  • बच्चा बेहोश हो जाता है.
  • दौरे पड़ने लगते हैं.
  • घबराहट महसूस होती है.
  • कुछ केस में तो पीड़ित व्यक्ति कोमा में चला जाता है.
  • समय पर इलाज न मिले तो पीड़ित की मौत हो जाती है.
  • आमतौर पर यह बीमारी जून से अक्टूबर के बीच देखने को मिलती है.

मुजफ्फरपुर: बिहार में चमकी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. बेतिया के रहने वाले 3 साल के मासूम में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) की पुष्टि के बाद मरीजों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है. चमकी से पीड़ित बच्चों का श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में इलाज चल रहा है.

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ताजा जानकारी के अनुसार श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) के पीकू वार्ड में फिलहाल चमकी बुखार के 4 बच्चे भर्ती हैं. जिसमें 3 बच्चों में AES की पुष्टि पहले ही हो चुकी है. वहीं शनिवार को बेतिया के रहने वाले तीन वर्षीय बच्चे ऋषि में चमकी की पुष्टि हुई है.

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गौरतलब है कि इस वर्ष अभी तक 29 बच्चों में AES की पुष्टि हो चुकी है. जिसमें से 6 बच्चों की इलाज के दौरान मौत भी हो चुकी है. मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के जिलों में लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

क्या है AES?
अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी AES शरीर के मुख्य नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है. यह रोग खासतौर पर बच्चों में होता है.

AES के लक्षण

  • इसकी शुरुआत तेज बुखार से होती है.
  • फिर शरीर में ऐंठन महसूस होती है.
  • इसके बाद शरीर के तंत्रिका संबंधी काम में रुकावट होने लगती है.
  • बच्चा बेहोश हो जाता है.
  • दौरे पड़ने लगते हैं.
  • घबराहट महसूस होती है.
  • कुछ केस में तो पीड़ित व्यक्ति कोमा में चला जाता है.
  • समय पर इलाज न मिले तो पीड़ित की मौत हो जाती है.
  • आमतौर पर यह बीमारी जून से अक्टूबर के बीच देखने को मिलती है.
Last Updated : Jun 12, 2021, 6:39 PM IST
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