बिहार विधानसभा चुनाव 2020: फाइनल फेज के इलेक्शन में मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. दरअसल, इस सीट पर नीतीश के मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता सुरेश कुमार शर्मा विधायक हैं और एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं. ऐसे में ये सीट वीआईपी की लिस्ट में तो शामिल है ही साथ ही यहां सुरेश कुमार की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है.
बिहार को मुख्यमंत्री दे चुके मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट अप्रत्याशित परिणामों के लिए जाना जाता है. दरअसल, 1957 में इस सीट से महामाया प्रसाद ने जो जीत दर्ज की, उसने ये बात सिद्ध कर दी. इसके बाद 1967 में महामाया को बिहार की सत्ता संभालने का मौका मिला. महामाया प्रसाद बिहार के पहले गैर कांग्रेसी सीएम बने. पिछले तीन दशकों से कांग्रेस यहां जीत की तलाश में हैं. इस बार भी कांग्रेस ने विजेंद्र चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है.
मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां मुस्लिम, राजपूत और भूमिहार निर्णायक संख्या में हैं. हालांकि ब्राह्मण, कुर्मी और पासवान मतादाता भी अहम भूमिका निभाते हैं. इस सीट पर कुल मतदाता- 3.14 लाख हैं. इनमें पुरुष मतदाता-1.67 लाख और महिला मतदाता- 1.46 लाख हैं.
इस बार चुनावी मैदान मे कुल 28 उम्मीदवार उतरें हैं. जिनकी किस्मत का फैसला जनता अपने मताधिकार का प्रयोग कर ईवीएम में कैद करेगी. देखना होगा कि इस वीआईपी सीट से किसे फतह मिलती है.