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Muzaffarpur News : मुजफ्फरपुर में विदेशी फल लौंगन की हो रही खेती, अगस्त में पक कर तैयार हो जाएगी फसल - ETV Bharat News

मुजफ्फरपुर में लौंगन की खेती शुरू हो गयी है. यह लीची की ही एक प्रजाति है. विदेशी फल लौंगन का उत्पादन यहां बेहतर तरीके से हो रहा है. इसकी खेती के लिए अब किसानों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jul 30, 2023, 4:02 PM IST

मुजफ्फरपुर में लौंगन की खेती

मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में विदेशी फल लौंगन का उत्पादन शुरू हो गया है. लौंगन लीची प्रजाति का फल है. वैसे तो मुजफ्फरपुर में लीची उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है, लेकिन अब यहां लीची की विदेशी प्रजाति का उत्पादन भी शुरू हो गया है. बताया जाता है कि लौंगन में कई तरह के औषधीय गुण मौजदू हैं. इसमें एंटी कैंसर तत्व पाए जाते हैं. इस लिहाज से यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है.

ये भी पढ़ें : मुजफ्फरपुर की लीची, जो बढ़ा देगी आपकी इम्यूनिटी, तस्वीरें देखते ही मुंह में आ जाएगा पानी

थाईलैंड और वियतनाम में है काफी मशहूर : लीची की यह प्रजाति थाईलैंड और वियतनाम में काफी पसंद की जाती है और वहां इसकी खेती भी बड़े पैमाने पर होती है. मुजफ्फरपुर में इसकी सफल खेती राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र ने की है. लौंगन का फलन लीची के सीजन के बाद शुरू होता है. यह लीची की तरह लाल नहीं होती है. इसमें एंटी कैंसर के साथ-साथ शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गुण होते हैं. लीची उत्पादन वाले इलाकों में इसकी बागवानी कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

लौंगन की खेती के लिए किसानों को किया जाएगा प्रोत्साहित : लौंगन का सीजन 20 जुलाई से 15 अगस्त तक होता है. इस दौरान ही इसका फलन होता है. राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र परिसर में इस बार लौंगन की खेती की गई और केंद्र की ओर से किसानों को लौंगन की बागवानी को लेकर प्रोत्साहित भी किया जा रहा है.

मुजफ्फरपुर में लौंगन का सफल उत्पादन : राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विकास दास ने बताया कि "थाईलैंड और वियतनाम में यह काफी मशहूर है. अभी इस पर शोध के लिए राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर में उगाया गया है. इसके पौधे बंगाल के 24 परगना से मंगाए गए थे". केंद्र में लगाए गए लौंगन के पेड़ में जो फल आए हैं वह अगले सप्ताह से खाने लायक हो जाएंगे. यहां लौंगन का उत्पादन सफलतापूर्वक शुरू हो गया है.

प्राकृतिक स्वीटनर है लौंगन : राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के वैज्ञानिक डॉ सुनील कुमार ने बताया अभी लौंगन की फल का साइज काफी छोटा है. 20 अगस्त से इसे तोड़ा जाएगा. लौंगन में काफी मिठास होती है और यह प्राकृतिक स्वीटनर की तरह भी काम करता है. लौंगन का उपयोग कई तरह के औषधि बनाने में भी किया जाता है.

"लौंगन लीची प्रजाति का फल है. लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर में इसकी खेती की शुरू की गई है. इसके सभी पेड़ों पर अच्छे फल लगे हैं. एक पेड़ से करीब एक क्विंटल फल उत्पादन हो पाएगा." - डाॅ सुनील कुमार, वैज्ञानिक

मुजफ्फरपुर में लौंगन की खेती

मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में विदेशी फल लौंगन का उत्पादन शुरू हो गया है. लौंगन लीची प्रजाति का फल है. वैसे तो मुजफ्फरपुर में लीची उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है, लेकिन अब यहां लीची की विदेशी प्रजाति का उत्पादन भी शुरू हो गया है. बताया जाता है कि लौंगन में कई तरह के औषधीय गुण मौजदू हैं. इसमें एंटी कैंसर तत्व पाए जाते हैं. इस लिहाज से यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है.

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थाईलैंड और वियतनाम में है काफी मशहूर : लीची की यह प्रजाति थाईलैंड और वियतनाम में काफी पसंद की जाती है और वहां इसकी खेती भी बड़े पैमाने पर होती है. मुजफ्फरपुर में इसकी सफल खेती राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र ने की है. लौंगन का फलन लीची के सीजन के बाद शुरू होता है. यह लीची की तरह लाल नहीं होती है. इसमें एंटी कैंसर के साथ-साथ शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गुण होते हैं. लीची उत्पादन वाले इलाकों में इसकी बागवानी कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

लौंगन की खेती के लिए किसानों को किया जाएगा प्रोत्साहित : लौंगन का सीजन 20 जुलाई से 15 अगस्त तक होता है. इस दौरान ही इसका फलन होता है. राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र परिसर में इस बार लौंगन की खेती की गई और केंद्र की ओर से किसानों को लौंगन की बागवानी को लेकर प्रोत्साहित भी किया जा रहा है.

मुजफ्फरपुर में लौंगन का सफल उत्पादन : राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विकास दास ने बताया कि "थाईलैंड और वियतनाम में यह काफी मशहूर है. अभी इस पर शोध के लिए राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर में उगाया गया है. इसके पौधे बंगाल के 24 परगना से मंगाए गए थे". केंद्र में लगाए गए लौंगन के पेड़ में जो फल आए हैं वह अगले सप्ताह से खाने लायक हो जाएंगे. यहां लौंगन का उत्पादन सफलतापूर्वक शुरू हो गया है.

प्राकृतिक स्वीटनर है लौंगन : राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के वैज्ञानिक डॉ सुनील कुमार ने बताया अभी लौंगन की फल का साइज काफी छोटा है. 20 अगस्त से इसे तोड़ा जाएगा. लौंगन में काफी मिठास होती है और यह प्राकृतिक स्वीटनर की तरह भी काम करता है. लौंगन का उपयोग कई तरह के औषधि बनाने में भी किया जाता है.

"लौंगन लीची प्रजाति का फल है. लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर में इसकी खेती की शुरू की गई है. इसके सभी पेड़ों पर अच्छे फल लगे हैं. एक पेड़ से करीब एक क्विंटल फल उत्पादन हो पाएगा." - डाॅ सुनील कुमार, वैज्ञानिक

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