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बिहार में भू माफियाओं के हौसले बुलंद, मुजफ्फरपुर में बेचने की फिराक में थे पोस्ट ऑफिस की जमीन

मुजफ्फरपुर में करोड़ों की सरकारी जमीन को भू माफिया बेचने की फिराक में थे लेकिन रजिस्ट्रार की तत्परता की वजह से माफियाओं के मनसूबों पर पानी फिर गया. आखिर कैसे और कौन सी जमीन बेच रहे थे भू माफिया जानिए पूरा मामला.. (Land mafia in Muzaffarpur)

Land mafia in Muzaffarpur
Land mafia in Muzaffarpur
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Published : Dec 27, 2022, 1:45 PM IST

मुजफ्फरपुर में सरकारी जमीन बेचने की कोशिश

मुजफ्फरपुर: बिहार के सरकारी जमीनों पर भू-माफियाओं की बुरी नजर है. सरकारी जमीनों को भी बेचने से भू माफिया पीछे नहीं रहते. मुजफ्फरपुर में डाकघर की करोड़ों की जमीन पर भी इनकी बुरी नजर थी. मोतीपुर बाजार स्थित डाकघर की जमीन की बोली भी लगा दी गयी थी. 5 करोड़ रुपये में इसका सौदा भी तय हो चुका था. (Muzaffarpur Motipur Sub Post Office) (land mafia selling government land)

पढ़ें- नालंदा में कब्रिस्तान की जमीन पर अतिक्रमण रोकने गई पुलिस टीम पर हमला, रोड़ेबाजी में 3 पुलिसकर्मी जख्मी

सरकारी जमीनों पर भू माफियाओं की काली नजर: भू माफिया अब्दुल रहीम ने जमीन के खरीदार से मोटी रकम भी ले ली थी. करीब 26 डिसमिल सरकारी जमीन को भूमाफिया बेचने की फिराक में लगे थे, लेकिन रजिस्ट्रार की तत्परता से भूमाफिया को डाकघर की जमीन बेचने में सफलता नहीं मिली. जमीन की रजिस्ट्री होते-होते रह गयी.

'रजिस्ट्रार की तत्परता से बच गई करोड़ों की जमीन': पूरे मामले पर पूछे जाने पर एसडीओ पश्चिमी बृजेश कुमार ने कहा कि प्रशासन की तत्परता से सरकारी जमीन की रजिस्ट्री बची है. सब रजिस्ट्रार ने स्थानीय सीओ से इसकी रिपोर्ट मांगी थी. जिसमें यह पता चला कि करोड़ों की प्रॉपर्टी सरकारी है. जिस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाया गया. प्रशासन हमेशा तत्पर है और तत्परता से काम करती है जिसका यह उदाहरण है.

"हमारे संज्ञान में मामला आया था. अंचल अधिकारी मोतीपुर को सब रजिस्ट्रार अवर निबंधक मुजफ्फरपुर ने एक पत्र दिया था कि मोतीपुर नगरपालिका क्षेत्र में बड़ी मस्जिद के सामने की एक जमीन का निबंधन करने का मामला आया है. उसकी जांच उन्होंने करायी तो वह जमीन भारत सरकार की निकली. उस जमीन की जमाबंदी पोस्टमास्टर मुजफ्फरपुर है."- बृजेश कुमार, एसडीओ पश्चिमी

डाक विभाग की है जमीन : मामले पर सीओ ने बताया कि यह जमीन डाक विभाग की है. डाक विभाग के नाम से जमाबंदी कायम है. 70 के दशक में पोस्ट ऑफिस में आग लग गयी थी जिसमें कई कागजात जलकर खाक हो गये थे. तब से पोस्ट ऑफिस को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया गया है. जमीन खाली देख भू माफिया इसे बेचने में लगे थे. माफियाओं के मंसूबों के बारे में रजिस्ट्रार को जानकारी हो गई और उन्होंने सीओ से इस संबंध में जांच कर प्रतिवेदन मांग लिया. जैसे ही सीओ ने प्रतिवेदन दिया कि यह जमीन पोस्ट ऑफिस की है, वैसे ही रजिस्ट्रार ने रजिस्ट्री पर रोक लगा दी. इससे करोड़ों की पोस्ट ऑफिस की जमीन बच गई.

मुजफ्फरपुर में सरकारी जमीन बेचने की कोशिश

मुजफ्फरपुर: बिहार के सरकारी जमीनों पर भू-माफियाओं की बुरी नजर है. सरकारी जमीनों को भी बेचने से भू माफिया पीछे नहीं रहते. मुजफ्फरपुर में डाकघर की करोड़ों की जमीन पर भी इनकी बुरी नजर थी. मोतीपुर बाजार स्थित डाकघर की जमीन की बोली भी लगा दी गयी थी. 5 करोड़ रुपये में इसका सौदा भी तय हो चुका था. (Muzaffarpur Motipur Sub Post Office) (land mafia selling government land)

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सरकारी जमीनों पर भू माफियाओं की काली नजर: भू माफिया अब्दुल रहीम ने जमीन के खरीदार से मोटी रकम भी ले ली थी. करीब 26 डिसमिल सरकारी जमीन को भूमाफिया बेचने की फिराक में लगे थे, लेकिन रजिस्ट्रार की तत्परता से भूमाफिया को डाकघर की जमीन बेचने में सफलता नहीं मिली. जमीन की रजिस्ट्री होते-होते रह गयी.

'रजिस्ट्रार की तत्परता से बच गई करोड़ों की जमीन': पूरे मामले पर पूछे जाने पर एसडीओ पश्चिमी बृजेश कुमार ने कहा कि प्रशासन की तत्परता से सरकारी जमीन की रजिस्ट्री बची है. सब रजिस्ट्रार ने स्थानीय सीओ से इसकी रिपोर्ट मांगी थी. जिसमें यह पता चला कि करोड़ों की प्रॉपर्टी सरकारी है. जिस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाया गया. प्रशासन हमेशा तत्पर है और तत्परता से काम करती है जिसका यह उदाहरण है.

"हमारे संज्ञान में मामला आया था. अंचल अधिकारी मोतीपुर को सब रजिस्ट्रार अवर निबंधक मुजफ्फरपुर ने एक पत्र दिया था कि मोतीपुर नगरपालिका क्षेत्र में बड़ी मस्जिद के सामने की एक जमीन का निबंधन करने का मामला आया है. उसकी जांच उन्होंने करायी तो वह जमीन भारत सरकार की निकली. उस जमीन की जमाबंदी पोस्टमास्टर मुजफ्फरपुर है."- बृजेश कुमार, एसडीओ पश्चिमी

डाक विभाग की है जमीन : मामले पर सीओ ने बताया कि यह जमीन डाक विभाग की है. डाक विभाग के नाम से जमाबंदी कायम है. 70 के दशक में पोस्ट ऑफिस में आग लग गयी थी जिसमें कई कागजात जलकर खाक हो गये थे. तब से पोस्ट ऑफिस को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया गया है. जमीन खाली देख भू माफिया इसे बेचने में लगे थे. माफियाओं के मंसूबों के बारे में रजिस्ट्रार को जानकारी हो गई और उन्होंने सीओ से इस संबंध में जांच कर प्रतिवेदन मांग लिया. जैसे ही सीओ ने प्रतिवेदन दिया कि यह जमीन पोस्ट ऑफिस की है, वैसे ही रजिस्ट्रार ने रजिस्ट्री पर रोक लगा दी. इससे करोड़ों की पोस्ट ऑफिस की जमीन बच गई.

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