मुजफ्फरपुरः कोरोना महामारी के दौर में कई अस्पताल इलाज की जगह मरीजों से मोटी रकम वसूल रहे हैं. जिले के सिलौत-मनियारी के एक रिटायर्ड शिक्षक कोरोना संक्रमित हो गये थे. सात दिन से उनका एक निजी अस्पताल में इलाज चला. स्थिति गंभीर होने पर उन्हें सदर अस्पताल के एसकेएमसीएच में बने कोविड सेंटर रेफर कर दिया गया और पांच लाख रुपये वसूल लिए गये. हालांकि बाद में मरीज की मौत हो गई.
एंबुलेंस को बनाया बंधक
परिजन रेफर का कागज लिये जब अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टरों ने मरीज को मृत घोषित कर दिया. इस दौरान जब ऑक्सीजन सिलेंडर की जांच की गयी तो वह खाली निकला. ऑक्सीजन सिलेंडर खाली होने से मृतक के परिजन भड़क गये और निजी अस्पताल से लाने वाले एंबुलेंस को चालक समेत बंधक बना लिया.
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परिजनों का कहना था कि इलाज के नाम पर उन से पांच लाख रुपये लिये गये हैं. जिस निजी अस्पताल में रिटायर्ड शिक्षक भर्ती थे. उस अस्पताल में चार दिन पूर्व सीएस ने खुद छापेमारी कर बंद करने का निर्देश दिया था. उस अस्पताल में कोविड मरीज को भर्ती करने की अनुमति भी नहीं थी. उसके बाद भी मरीज का वहां इलाज चल रहा था.