मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर के मड़वन और कांटी प्रखंड के कई पंचायतों में सैकड़ों किसान प्रतिवर्ष बड़े पैमाने पर नकदी फसल के रूप में गन्ने की खेती करते हैं. जहां से किसान अपनी फसल को गोपालगंज के सिधवलिया चीनी में भेजते थे. जिससे उन्हें अच्छी आमदनी होती थी. लेकिन इस बार बूढ़ी गंडक नदी में आए भयावह बाढ़ और लगातार हुई बारिश से खेतों में इतना जलजमाव हुआ कि किसानों की गन्ने की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है.
गन्ने की फसल बर्बाद
सैकड़ों एकड़ में लगी गन्ने की फसल बाढ़ और बारिश के कारण खेत में ही सड़ कर नष्ट हो गई. जिससे इस बार इन इलाकों के गन्ना किसानों की आजीवका पर संकट गहरा गया है. वहीं जिन किसानों की फसल थोड़ी- बहुत बची हुई है. वह भी इस हालत में नहीं है कि उसको मिल में भेजा जा सके. वहीं गन्ने के खेतो मे अभी भी जलजमाव के कारण फिर से खेती भी करना संभव नहीं है. ऐसे में किसान दोहरी संकट से जूझ रहे हैं.
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बाढ़ और जलजमाव
कांटी प्रखंड के शेरुकाही के किसान जोगीशवर महतो ने इस बार अच्छी आमदनी की उम्मीद में पांच एकड़ में गन्ने की खेती की थी. उन्होंने बताया कि बाढ़ और जलजमाव से सब कुछ बर्बाद हो गया. जगह-जगह किसानों के समतल खेत जलजमाव की वजह से तालाब में तब्दील हो गए हैं.
किसानों को मदद का इंतजार
अभी भी इन इलाकों में जगह-जगह खेतों में पानी भरा हुआ है. जहां से फसल सड़ने की बदबू आ रही है. लेकिन सबसे हैरत की बात है कि इस पूरे इलाके में अभी भी किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के लिए कोई भी सरकारी सहायता नहीं मिल पाई है.