मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर कोर्ट में राजद नेता के अपहण मामले में बीजेपी विधायक राजू सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की गई. कोर्ट ने पुलिस की ओर से न्यायालय में एक साथ दाखिल की गई वारंट और कुर्की की अर्जी को खारिज कर दिया. वहीं पुलिस से अद्यतन डायरी की मांग की. अब इस मामले में अगली सुनवाई 14 जून को होगी.
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पुलिस की कुर्की और वारंट की याचिका खारिज: पारु थाना क्षेत्र के रहने वाले राजद नेता तुलसी राय अपहरण कांड मामले में तुलसी राय के बयान पर पारु थाना में साहेबगंज से बीजेपी विधायक डॉ राजू कुमार सिंह राजू के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. विधायक के अधिवक्ता विनोद कुमार ने बताया कि इसी मामले में अग्रिम जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. जिला एवं सत्र न्यायाधीश का न्यायालय खाली था. इसलिए प्रभारी कोर्ट में मामले की सुनवाई होने के बाद न्यायालय ने पुलिस से केस की पात्रता डायरी की मांग की.
"इसी मामले में अग्रिम जमानत याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. जिला एवं सत्र न्यायाधीश का न्यायालय खाली था. इसलिए प्रभारी कोर्ट में मामले की सुनवाई होने के बाद न्यायालय ने पुलिस से केस की पात्रता डायरी की मांग की. कथित घटना का महज एक सप्ताह हुआ है और पुलिस को एक साथ सब कुछ चाहिये था. इसलिए पुलिस की मंशा पर मनानीय न्यायालय को संदेह हुआ है. इसके बाद सक्षम न्यायालय द्वारा यह निर्णय लिया गया है" - विनोद कुमार, बीजेपी विधायक के अधिवक्ता
14 जून को होगी अगली सुनवाई: अधिवक्ता विनोद कुमार ने कहा कि कथित घटना का महज एक सप्ताह हुआ है और पुलिस को एक साथ सब कुछ चाहिये था. इसलिए पुलिस की मंशा पर मनानीय न्यायालय को संदेह हुआ है. इसके बाद सक्षम न्यायालय द्वारा यह निर्णय लिया गया है. अब मामले की अगली सुनवाई 14 जून को निर्धारित की गई है.
क्या है मामला: पिछले सप्ताह पारू थाना क्षेत्र के राजद नेता तुलसी राय ने बीजेपी विधायक राजू सिंह पर मारपीट और अपहरण कर लेने का आरोप लगाया था. तुलसी राय ने इस मामले में थाने में राजू सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. उन्होंने बताया कि रसूलपुर गांव में एक तिलक समारोह से निकलने के दौरान राजू सिंह ने मेरा अपहरण कर लिया और मुझे कोल्ड स्टोरेज के पास ले जाकर पिटाई कर दी. वहां मेरी हत्या भी हो सकती थी. वहीं राजू सिंह ने कहा था कि उनके खिलाफ अनाप शनाप बोलने के कारण विधायक के समर्थक गुस्से में थे और तुलसी राय के साथ मारपीट भी हो सकती थी. इसलिए मैंने उन्हें अपनी गाड़ी पर बैठाकर सुरक्षित स्थान पर ले गया था.