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बोले पूर्व मंत्री- फिजूलखर्ची रोक शिक्षकों की मांग पूरी करे सरकार, मिले सम्मानजनक वेतन - मुजफ्फरपुर में पूर्व मंत्री अजीत कुमार

पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि समान काम के लिए समान वेतन शिक्षकों का हक है. सरकार इन्हें सरकारी शिक्षकों का दर्जा दे.

मुजफ्फरपुर
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Published : Mar 4, 2020, 1:03 PM IST

मुजफ्फरपुरः वेतनमान सहित तमाम मांगों को लेकर नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से हड़ताल पर हैं. हड़ताली शिक्षकों के आंदोलन को तमाम विपक्षी दलों का साथ मिल रहा है. पूर्व मंत्री अजीत कुमार मड़वन के बीआरसी मैदान में प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों से मिलने पहुंचे.

बंद पड़े हैं सभी स्कूल
अजीत कुमार ने सीएम नीतीश कुमार से अपील करते हुए कहा कि सरकार को हड़ताली शिक्षकों के साथ दमन करने के बजाय अमन का रास्ता अपनाना चाहिए. पिछले 15 दिनों से सभी स्कूल बंद पड़े हैं. कुछ दिनों में बच्चों की वार्षिक परीक्षा होनी है. फिर जनगणना का काम किया जाएगा. कई योजनाएं हैं, जिन्हें लागू कराने में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है. ऐसे में सरकार इनकी मांगों को मानकर इन्हें जल्द से जल्द स्कूल भेजे.

पेश है रिपोर्ट

'शिक्षकों की मांग पूरी करे सरकार'
पूर्व मंत्री ने कहा कि समान काम के लिए समान वेतन की शिक्षकों की मांग जायज है. साथ ही इन्हें सरकारी शिक्षकों का भी दर्जा मिलना चाहिए. इसके लिए सरकार को शिक्षकों के प्रतिनिधि से बात करनी चाहिए. उन्होंने सीएम को संवेदनशील बताते हुए कहा कि सरकार के कोष में पैसे कम हैं तो फिजूल खर्चों को कम कर सरकार शिक्षकों को सम्मानजनक वेतन दे. शिक्षकों के कंधे पर बिहार का भविष्य है. ये स्वस्थ मन से पढ़ाएंगे तभी बिहार के भविष्य का निर्माण हो सकेगा.

मुजफ्फरपुरः वेतनमान सहित तमाम मांगों को लेकर नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से हड़ताल पर हैं. हड़ताली शिक्षकों के आंदोलन को तमाम विपक्षी दलों का साथ मिल रहा है. पूर्व मंत्री अजीत कुमार मड़वन के बीआरसी मैदान में प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों से मिलने पहुंचे.

बंद पड़े हैं सभी स्कूल
अजीत कुमार ने सीएम नीतीश कुमार से अपील करते हुए कहा कि सरकार को हड़ताली शिक्षकों के साथ दमन करने के बजाय अमन का रास्ता अपनाना चाहिए. पिछले 15 दिनों से सभी स्कूल बंद पड़े हैं. कुछ दिनों में बच्चों की वार्षिक परीक्षा होनी है. फिर जनगणना का काम किया जाएगा. कई योजनाएं हैं, जिन्हें लागू कराने में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है. ऐसे में सरकार इनकी मांगों को मानकर इन्हें जल्द से जल्द स्कूल भेजे.

पेश है रिपोर्ट

'शिक्षकों की मांग पूरी करे सरकार'
पूर्व मंत्री ने कहा कि समान काम के लिए समान वेतन की शिक्षकों की मांग जायज है. साथ ही इन्हें सरकारी शिक्षकों का भी दर्जा मिलना चाहिए. इसके लिए सरकार को शिक्षकों के प्रतिनिधि से बात करनी चाहिए. उन्होंने सीएम को संवेदनशील बताते हुए कहा कि सरकार के कोष में पैसे कम हैं तो फिजूल खर्चों को कम कर सरकार शिक्षकों को सम्मानजनक वेतन दे. शिक्षकों के कंधे पर बिहार का भविष्य है. ये स्वस्थ मन से पढ़ाएंगे तभी बिहार के भविष्य का निर्माण हो सकेगा.

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