मुजफ्फरपुर: बूढ़ी गंडक नदी (Burhi Gandak River) मुजफ्फरपुर जिले के बड़े इलाके में तबाही मचा रही है. बाढ़ (Flood) का पानी रोज नए इलाकों में घुस रहा है. सैकड़ों घर पानी में डूब गए हैं. जिले का मीनापुर प्रखंड सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित प्रखंडों में से एक है. यहां के कई गांव बाढ़ में डूब गए हैं.
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मीनापुर के चैनपुर-माहदेईया रोड पर पानी सैलाब की तरह बह रहा है. लोग तेज रफ्तार से बहते तीन से चार फीट पानी को जान जोखिम में डालकर पार करने को मजबूर हैं. सड़क करीब 30 फीट तक कट गई है. यहां पानी की तेज रफ्तार के चलते सड़क पार करना खरतनाक है, लेकिन इसके बाद भी लोग सड़क पार कर रहे हैं. गांव के लोगों का कहना है कि प्रशासन से उन्हें मदद नहीं मिली है. सरकारी नाव नहीं है. प्राइवेट नाव जरूर चल रहे हैं, लेकिन इसकी सवारी के लिए पैसे देने पड़ रहे हैं.
ग्रामीण भोला सहनी ने कहा कि शनिवार से इस सड़क पर पानी बह रहा है. आज तो पानी काफी बढ़ गया है. हरदेव प्रसाद ने कहा कि बाढ़ के चलते माहदेईया में स्थिति काफी खराब है. लोगों के पास न खाना है न पानी. किसी के बीमार होने पर दवा लाने का भी इंतजाम नहीं है. लोग भोजन के बिना बेहाल हैं. त्राहिमाम मचा है. मोहम्मद निजाम ने कहा कि चार दिन से यहां पानी भरा हुआ है. आसपास के सभी रोड टूट गए हैं. बहुत से घर पानी में बह गए.
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर जिले के सात प्रखंड बाढ़ प्रभावित हैं. मीनापुर प्रखंड में बूढ़ी गंडक नदी से आ रहे पानी के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं. नदी के बढ़े जलस्तर की वजह से मुख्य बांध पर लगातार दबाव बढ़ रहा है. शनिवार को कांटी के कोठिया मन (Kothiya Man) के पास बने मुख्य सुरक्षा बांध (Main Safety Dam) से पानी का रिसाव शुरू हो गया था, जिसके बाद बांध को टूटने से बचाने के लिए युद्ध स्तर पर इंतजाम किए गए. जिले के मीनापुर, साहेबगंज, पारू, औराई, कटरा, गायघाट, बांद्रा और कांटी प्रखंड बाढ़ प्रभावित हैं. हजारों की संख्या में बाढ़ पीड़ित सड़क पर शरण लिए हुए हैं.
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