मुजफ्फरपुर: नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश और बराज से छोड़े गए पानी के कारण मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक नदी का उफान फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है. नदी के बढ़े जलस्तर के कारण जिले के मीनापुर और मुशहरी प्रखंड में पानी का काफी दबाव बना हुआ है. जिससे इन प्रखंडों की एक बड़ी आबादी पूरी तरह जलमग्न है. साथ ही जिले के अन्य इलाकों में भी लगातार प्रवेश कर रहे पानी से लोगों में भय का माहौल व्याप्त है.
कोरोना काल में बाढ़ के संकट से जूझ रहे उत्तर बिहार की स्थिति काफी बदतर होती जा रही है. मुजफ्फरपुर में भी बाढ़ से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. आलम ये है कि बूढ़ी गंडक नदी अपने सर्वाधिक जलस्तर के करीब पहुंच गई है. जिससे मुजफ्फरपुर के कई निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति काफी भयावह हो गई है. खासकर मुजफ्फरपुर का मीनापुर प्रखंड सबसे अधिक बाढ़ की विभीषिका झेल रहा है. इसके अधिकांश इलाकों में बाढ़ के पानी के कारण लोगों की हालत बेहद दयनीय है.
कई इलाकों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से भंग
बाढ़ की त्रासदी से बेजुबान पशुओं के साथ इंसान भी विवश और लाचार हैं. वहीं बाढ़ पीड़ितों तक अब तक सरकारी मदद तो दूर आश्वासन देने वाला भी कोई नहीं आया है. यही वजह है कि लोग प्रशासन और सरकार की भूमिका को लेकर काफी नाराज हैं. सड़क और बांधों पर शरण लिए लोग बदहाली के आलम में किसी तरह इस त्रासदी को झेल रहे हैं. वहीं बूढ़ी गंडक के पानी से मीनापुर का सबसे अधिक बुरा हाल है. जहां मणिपुर, महादेव, मझौलिया मकसूदपुर और गंज बाजार इलाके का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से भंग हो गया है.
जलस्तर में दर्ज की गई 2 सेंटीमीटर कमी
मुजफ्फरपुर में जारी बाढ़ के कहर के बीच अब तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं. बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से 85 सेंटीमीटर ऊपर बना हुआ है. वहीं पिछले 24 घंटों में 2 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई है. ऐसे में बाढ़ का दंश झेल रहे मुजफ्फरपुर के मीनापुर, मुशहरी, सकरा और मुरौल प्रखंड के लोगों को बाढ़ से निजात मिलता नहीं दिख रहा है. जिलाधिकारी ने बाढ़ के खतरे को स्वीकार करते हुए कहा कि इस बार जिले में बाढ़ के हालात बहुत अच्छे नहीं हैं. सरकार आपदा की घड़ी में लगातार पीड़ितों के हितों के लिए जरूरी कदम उठा रही है.