मुजफ्फरपुर: गंडक, बूढ़ी गंडक नदी के जल ग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश (Rain In Bihar) और नेपाल से छोड़े जाने वाली पानी की वजह से एक बार फिर बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) का संकट उत्पन्न हो गया है. मुजफ्फरपुर जिले के कटरा, औराई और गायघाट में बागमती नदी पहले ही तबाही मचाए हुए है. वहीं अब बूढ़ी गंडक नदी के उफान से फिर शहर से सटे कई निचले इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से प्रवेश करने लगा है.
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बूढ़ी गंडक के उफान की वजह से दूसरी बार मीनापुर के कई पंचायतों का एक बार फिर सड़क संपर्क टूट गया है. वहीं इन इलाकों में एक महीने के अंतराल के बाद बाढ़ की दूसरी दस्तक ने आमलोगों की परेशानी को और बढ़ा दी है. नदी के उग्र रूप को देखते हुए एक बार फिर निचले इलाके से लोग सुरक्षित और ऊंचे जगहों पर पलायन करने लगे हैं.
बाढ़ से सबसे बुरा हाल मीनापुर के जामिन मठिया, बड़ा भारती, घूसैत, रघई, बज्र मुड़िया, डुमरिया, बहादुरपुर पंचायत का है. जहां की बड़ी आबादी दोबारा बाढ़ का दंश झेलने का विवश है. वहीं मीनापुर के बड़ा भारती पंचायत और वज्र मुड़िया पंचायत का सड़क संपर्क अपने प्रखंड मुख्यालय से एक बार टूट गया है.
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ऐसे में इन इलाकों के ग्रामीण अब अपनी जान जोखिम में डालकर छोटी नाव से सफर करने को विवश हैं. वहीं बात अगर मुजफ्फरपुर से सटे इलाकों की करें तो शेखपुर ढाब, झीलनगर, कर्पूरी नगर व हनुमान नगर में एक बार फिर बाढ़ का पानी घुसने लगा है. शेखपुर ढाब के लोग घर छोड़ सड़क पर शरण लेने लगे हैं.
हालांकि जिले की बाकी दो नदियां गंडक व बागमती का जलस्तर तीन दिन बाद भी स्थिर है. इससे औराई, कटरा, गायघाट व साहेबगंज प्रखंड के लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है. शुक्रवार को बूढ़ी गंडक का जलस्तर शहर के सिकंदरपुर में खतरे के निशान के निकट पहुंच गया. इस नदी का पानी शेखपुर ढाब को अपनी चपेट में ले लिया है.
झीलनगर, सिकंदरपुर, कर्पूरीनगर, आश्रम घाट, चंदवारा में भी बूढ़ी गंडक के बढ़ते जलस्तर से अफरातफरी देखी गई. मोहल्ले की सड़क तथा घरों के चारों ओर पानी फैल गया है. सड़क पर पानी चढ़ जाने से लोगों को आवागमन में कठिनाई हो रही है. जिससे इस इलाके के लोग एक बार फिर आवश्यक सामान के साथ पलायन की तैयारी में हैं. वही कई जगहों पर अभी राहत कैंप शुरू नही होने को लेकर बाढ़ पीड़ितो में प्रशासन के प्रति काफी गुस्सा देखा जा रहा है