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मुजफ्फरपुर: उत्तर बिहार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से 22 लाख का गबन, उपभोक्ताओं में बढ़ी हलचल

जिले के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से 22 लाख रुपये के घोटाले का मामला सामने आया है. इस घटना के बाद स्थानीय लोग अपने-अपने खाते का पैसा चेक करने के लिए बैंक पहुंचने लगे हैं. वहीं स्थानीय लोगों का आरोप है कि बैंक में उपभोक्ताओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है.

embezzlement of 22 lakhs from north bihar regional rural bank
उत्तर बिहार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से गबन
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Published : Sep 25, 2020, 7:47 AM IST

मुजफ्फरपुर: जिले के थाना क्षेत्र के बरियारपुर कंध के उत्तर बिहार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के कर्मियों के माध्यम से 22 लाख के गबन का मामला सामने आया है. स्थानीय ग्रामीण बैंक का चक्कर काटने लगे और अपने-अपने खातों में रकम की जानकारी लेना शुरू कर दिए. हालांकि प्रबंधक रोहित राज कार्यालय में उपस्थित नहीं थे.


उपभोक्ताओं के साथ नहीं किया जाता अच्छा सलूक
अधिकारी अभिनंदन कुमार प्रतिनियोजन पर आए हुए हैं. उनके माध्यम से ही बैंक का कार्य संचालित हो रहा है. लोगों का आरोप है कि बैंक के प्रबंधकों के माध्यम से उपभोक्ताओं के साथ अच्छा सलूक नहीं करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उपभोक्ता जब बैंक में पैसा निकासी के लिए आते हैं तो, उन्हें कई-कई दिनों तक चक्कर लगाना पड़ता है. कभी कैश का बहाना तो कभी लिंक फेल होने का बहाना किया जाता है. लेकिन बैंक प्रबंधक के कुछ चहेतों के माध्यम से कार्य का निष्पादन आसानी से करा दिया जाता है.


पैसा निकालने में होती है कठिनाई
बैंक में स्थानीय लोगों का वर्चस्व रहता है. बरियारपुर के रामजी शाह का कहना है कि बैंक में पैसा निकालने के लिए लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. एक ही बैंक होने के कारण बैंक प्रबंधन मनमानी करता है. वहीं कन्हाई कुमार का कहना है कि दलालों के माध्यम से केसीसी किया जाता है, जबकि बेरोजगार और जरूरतमंदों को बैंक के लोन फैसिलिटी का लाभ नहीं मिल पाता है. यहां वैसे लोगों को ऋण मुहैया कराई जाती है, जिन्हें उसकी जरूरत ही नहीं है.


लोगों को नहीं दिया जाता पेंशन का लाभ
गणेश कुमार और अमन कुमार का कहना है कि ये लोग पैसा लेने के लिए आए थे, लेकिन कैशलेस का बहाना बनाकर लौटा दिया गया. वृद्धा पेंशन, छात्रवृत्ति और बाढ़ राहत का पैसा भी आने के बाद लोगों को यह कहा जाता है कि पैसा नहीं आया है.


मात्र दो कर्मी उपस्थित
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक बरियारपुर कंध में करीब तीस हजार उपभोक्ता हैं, लेकिन कर्मी मात्र दो ही है. कैसियर के ऊपर गबन का आरोप लगने के बाद मात्र एक ही प्रबंधक सभी कार्यों को निभाते हैं. इस परिस्थिति में कार्य का संचालन सही दिशा में नहीं हो पा रहा है. हालांकि इससे जुड़ी हुई प्रत्येक पंचायत में 7 बीसी कार्य कर रहे हैं. उपभोक्ताओं का कहना है कि बैंक में नियमित रूप से अधिकारियों की मौजूदगी हो तो, किसी भी तरह की कठिनाई नहीं होगी. सकरा प्रखंड के 10 पंचायतों को सेवा देने का काम अकेले उत्तर बिहार ग्रामीण क्षेत्रीय बैंक कर रही है.

मुजफ्फरपुर: जिले के थाना क्षेत्र के बरियारपुर कंध के उत्तर बिहार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के कर्मियों के माध्यम से 22 लाख के गबन का मामला सामने आया है. स्थानीय ग्रामीण बैंक का चक्कर काटने लगे और अपने-अपने खातों में रकम की जानकारी लेना शुरू कर दिए. हालांकि प्रबंधक रोहित राज कार्यालय में उपस्थित नहीं थे.


उपभोक्ताओं के साथ नहीं किया जाता अच्छा सलूक
अधिकारी अभिनंदन कुमार प्रतिनियोजन पर आए हुए हैं. उनके माध्यम से ही बैंक का कार्य संचालित हो रहा है. लोगों का आरोप है कि बैंक के प्रबंधकों के माध्यम से उपभोक्ताओं के साथ अच्छा सलूक नहीं करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उपभोक्ता जब बैंक में पैसा निकासी के लिए आते हैं तो, उन्हें कई-कई दिनों तक चक्कर लगाना पड़ता है. कभी कैश का बहाना तो कभी लिंक फेल होने का बहाना किया जाता है. लेकिन बैंक प्रबंधक के कुछ चहेतों के माध्यम से कार्य का निष्पादन आसानी से करा दिया जाता है.


पैसा निकालने में होती है कठिनाई
बैंक में स्थानीय लोगों का वर्चस्व रहता है. बरियारपुर के रामजी शाह का कहना है कि बैंक में पैसा निकालने के लिए लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. एक ही बैंक होने के कारण बैंक प्रबंधन मनमानी करता है. वहीं कन्हाई कुमार का कहना है कि दलालों के माध्यम से केसीसी किया जाता है, जबकि बेरोजगार और जरूरतमंदों को बैंक के लोन फैसिलिटी का लाभ नहीं मिल पाता है. यहां वैसे लोगों को ऋण मुहैया कराई जाती है, जिन्हें उसकी जरूरत ही नहीं है.


लोगों को नहीं दिया जाता पेंशन का लाभ
गणेश कुमार और अमन कुमार का कहना है कि ये लोग पैसा लेने के लिए आए थे, लेकिन कैशलेस का बहाना बनाकर लौटा दिया गया. वृद्धा पेंशन, छात्रवृत्ति और बाढ़ राहत का पैसा भी आने के बाद लोगों को यह कहा जाता है कि पैसा नहीं आया है.


मात्र दो कर्मी उपस्थित
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक बरियारपुर कंध में करीब तीस हजार उपभोक्ता हैं, लेकिन कर्मी मात्र दो ही है. कैसियर के ऊपर गबन का आरोप लगने के बाद मात्र एक ही प्रबंधक सभी कार्यों को निभाते हैं. इस परिस्थिति में कार्य का संचालन सही दिशा में नहीं हो पा रहा है. हालांकि इससे जुड़ी हुई प्रत्येक पंचायत में 7 बीसी कार्य कर रहे हैं. उपभोक्ताओं का कहना है कि बैंक में नियमित रूप से अधिकारियों की मौजूदगी हो तो, किसी भी तरह की कठिनाई नहीं होगी. सकरा प्रखंड के 10 पंचायतों को सेवा देने का काम अकेले उत्तर बिहार ग्रामीण क्षेत्रीय बैंक कर रही है.

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