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मुजफ्फरपुर: डॉक्टरों ने चंदा कर बनाई QRT, रिटायर जवान करेंगे सुरक्षा

मुजफ्फरपुर में डॉक्टरों ने अनोखी पहल करते हुए खुद की सुरक्षा के लिए क्विक रिस्पॉन्स टीम का गठन किया है. इस टीम में आर्मी के रिटायर जवान शामिल हैं.

doctors hire quick response team for their security by pool money in muzaffarpur
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Published : Jun 25, 2019, 4:53 PM IST

मुजफ्फरपुर: डॉक्टरों के साथ मरीज के परिजनों द्वारा की जा रही हिंसा को ध्यान में रखते हुए मुजफ्फरपुर में भी डॉक्टर डरे हुए हैं. इसके लिए उन्होंने खुद के पैसे इकठ्ठे कर क्विक रिस्पॉन्स टीम तैयारी की है. क्यूआरटी टीम जिले के कई जगहों पर तैनात की गई है.

जिले में चमकी या एईएस (एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम) की चपेट में आकर कई बच्चों की मौत हो गई. वहीं, कई पीड़ित बच्चे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है. इनके परिजनों के साथ आए दिन डॉक्टरों की बहस भी होती दिख रही है. इसके लिए जिले के डॉक्टरों ने मिलकर क्यूआरटी बनाई है. ये टीम डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए तैनात रहेगी.

जनप्रतिनिधि भी डालते हैं बाधा
बता दें कि जिले में बच्चों की मौत और पीड़ित बच्चों का जायजा लेने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से लेकर बिहार के विपक्ष तक के कई मंत्री पहुंच चुके हैं. बड़े नेता से लेकर छोटा नेता भी जब भी बच्चों के स्वास्थ्य का जायजा लेने पहुंचता है, तो उनके साथ समर्थकों की अच्छी खासी भीड़ भी होती है. इस लिहाज से डॉक्टरों के काम में बाधा आती है. इन्हें नियत्रंण करने के लिए भी ये टीम कार्यरत रहेगी.

जानकारी देते रिटायर सूबेदार

'पुलिस देर से पहुंचती है'
डॉक्टरों के मुताबिक कई बार ऐसा होता है कि सूचना के बाद पुलिस काफी देर से पहुंचती है, तब तक हालात काफी बिगड़ चुके होते हैं. ऐसी स्थिति में क्विक रिस्पॉन्स टीम उनकी सुरक्षा करेगी.

टीम के बारे में...

  • क्यूआरटी में 20 से 25 सुरक्षाकर्मी हैं.
  • 60 डॉक्टरों ने पैसा एकत्र कर ये टीम बनाई है.
  • ये सुरक्षाकर्मी डॉक्टरों की एक कॉल पर तुरंत रिस्पांस करेंगे.
  • इस टीम में आर्मी के रिटायर जवान होंगे.
  • सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा ये रिटायर जवान डॉक्टरों की सुरक्षा करेंगे.
  • इसके लिए इन्हें बाइक भी मुहैया कराई गई है.
  • जैसे ही किसी डॉक्टर पर खतरे की सूचना इन्हें मिलेगी ये तत्काल मौके पर मौजूद होंगे.
  • ये मरीजों के परिजनों की हिंसा पर डॉक्टरों की सुरक्षा करेंगे.

बता दें कि पटना हो या कोलकाता और दिल्ली कई जगह परिजनों द्वारा की गई हिंसा से डॉक्टर स्ट्राइक करने पर मजबूर हो गए. परिजनों की हिंसा का खौफ कहीं ना कहीं मुजफ्फरपुर के डॉक्टरों पर भी है. इसके लिए उन्होंने इस टीम के गठन करने की पहल की है.

मुजफ्फरपुर: डॉक्टरों के साथ मरीज के परिजनों द्वारा की जा रही हिंसा को ध्यान में रखते हुए मुजफ्फरपुर में भी डॉक्टर डरे हुए हैं. इसके लिए उन्होंने खुद के पैसे इकठ्ठे कर क्विक रिस्पॉन्स टीम तैयारी की है. क्यूआरटी टीम जिले के कई जगहों पर तैनात की गई है.

जिले में चमकी या एईएस (एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम) की चपेट में आकर कई बच्चों की मौत हो गई. वहीं, कई पीड़ित बच्चे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है. इनके परिजनों के साथ आए दिन डॉक्टरों की बहस भी होती दिख रही है. इसके लिए जिले के डॉक्टरों ने मिलकर क्यूआरटी बनाई है. ये टीम डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए तैनात रहेगी.

जनप्रतिनिधि भी डालते हैं बाधा
बता दें कि जिले में बच्चों की मौत और पीड़ित बच्चों का जायजा लेने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से लेकर बिहार के विपक्ष तक के कई मंत्री पहुंच चुके हैं. बड़े नेता से लेकर छोटा नेता भी जब भी बच्चों के स्वास्थ्य का जायजा लेने पहुंचता है, तो उनके साथ समर्थकों की अच्छी खासी भीड़ भी होती है. इस लिहाज से डॉक्टरों के काम में बाधा आती है. इन्हें नियत्रंण करने के लिए भी ये टीम कार्यरत रहेगी.

जानकारी देते रिटायर सूबेदार

'पुलिस देर से पहुंचती है'
डॉक्टरों के मुताबिक कई बार ऐसा होता है कि सूचना के बाद पुलिस काफी देर से पहुंचती है, तब तक हालात काफी बिगड़ चुके होते हैं. ऐसी स्थिति में क्विक रिस्पॉन्स टीम उनकी सुरक्षा करेगी.

टीम के बारे में...

  • क्यूआरटी में 20 से 25 सुरक्षाकर्मी हैं.
  • 60 डॉक्टरों ने पैसा एकत्र कर ये टीम बनाई है.
  • ये सुरक्षाकर्मी डॉक्टरों की एक कॉल पर तुरंत रिस्पांस करेंगे.
  • इस टीम में आर्मी के रिटायर जवान होंगे.
  • सिक्योरिटी एजेंसी द्वारा ये रिटायर जवान डॉक्टरों की सुरक्षा करेंगे.
  • इसके लिए इन्हें बाइक भी मुहैया कराई गई है.
  • जैसे ही किसी डॉक्टर पर खतरे की सूचना इन्हें मिलेगी ये तत्काल मौके पर मौजूद होंगे.
  • ये मरीजों के परिजनों की हिंसा पर डॉक्टरों की सुरक्षा करेंगे.

बता दें कि पटना हो या कोलकाता और दिल्ली कई जगह परिजनों द्वारा की गई हिंसा से डॉक्टर स्ट्राइक करने पर मजबूर हो गए. परिजनों की हिंसा का खौफ कहीं ना कहीं मुजफ्फरपुर के डॉक्टरों पर भी है. इसके लिए उन्होंने इस टीम के गठन करने की पहल की है.

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